Just In
- 5 hrs ago GQ Awards में हीरोइनों के सिर चढ़कर बोला ग्लैमर, शाहिद कपूर की बीवी ने बोल्डनेस में छुड़ा दिए सबके छक्के
- 5 hrs ago GQ Awards: देर रात रेड कार्पेट पर सितम करती दिखी भूमि पेडनेकर, कोई नहीं है हसीना की टक्कर में
- 6 hrs ago भांजी की शादी में खाने को लेकर मेहमानों से ऐसी बात कर रहे थे गोविंदा, कैमरे में रिकॉर्ड हो गया सब कुछ
- 6 hrs ago Arti Singh Wedding: अपनी शादी में इस शख्स को देखते ही झरने से बहे दुल्हनिया के आंसू, खूब रोई आरती सिंह
Don't Miss!
- News Betul News: सड़क किनारे हुए हादसे में बचाव कार्य कर रहे 9 लोगों को कार ने कुचला, 2 की मौत
- Education IIT JEE Advanced 2024: जईई एडवांस के लिए 27 अप्रैल से होंगे आवेदन शुरू, देखें परीक्षा तिथि फीस व अन्य डिटेल्स
- Lifestyle First Date Tips: पहली ही डेट में पार्टनर को करना है इम्प्रेस तो ध्यान रखें ये जरूरी बात
- Technology इस दिन होने जा रहा Apple का स्पेशल इवेंट, नए iPad के साथ इन प्रोडक्ट्स की हो सकती है एंट्री
- Finance Bengaluru Lok Sabha Election 2024: फ्री Rapido,बीयर.! वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए वोटर्स को दिए जा रहे ऑफर्स
- Travel 5 दिनों तक पर्यटकों के लिए बंद रहेगा शिमला का 'द रिट्रीट', क्या है यह और क्यों रहेगा बंद?
- Automobiles करोड़ों की संपत्ति का मालिक, लग्जरी कारों का कलेक्शन, फिर भी Maruti की इस कार में चलते दिखे Rohit Sharma
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
भारत के शुरुआती विश्व स्तर पर प्रशंसित अभिनेताओं में से एक, संजीव कुमार की बायोग्राफी है तैयार!
जब ऑस्कर विजेता फिल्म निर्माता सत्यजीत रे ने अपनी पहली हिंदी फिल्म बनाने का फैसला किया- वे दो लोगों को फिल्म में कास्ट करना चाहते थे- सर रिचर्ड एटनबरो और संजीव कुमार। रे की 1977 में आई फिल्म 'द चेस प्लेयर्स' 19वीं सदी के लखनऊ पर आधारित है। इस फिल्म की कहानी दो आलसी रईसों के इर्द गिर्द थी जिन्हें शतरंज का बेहद शौक है कि मानो जैसे कि अंग्रेज उनके क्षेत्र को हड़पना चाहते हैं।
तेलुगू डेब्यू के लिए तैयार करीना कपूर खान? 'बाहुबली' एक्टर प्रभास के साथ आएंगी नजर!
ऐसे में संजीव कुमार और सईद जाफरी के प्रदर्शन और रे के निर्देशन में बनी इस फिल्म में इतनी ताकत थी कि यह फिल्म बेस्ट फॉरेन लैंगुएज फिल्म के लिए 51 वें अकादमी पुरस्कारों में भारत की तरफ से ऑफिशियल एंट्री बन गई। फिल्म को ग्लोबल लेवल पर समीक्षा की गई थी।
यह उन 'फोर्टी फिल्म्स' में से एक है जिसे मार्टिन स्कॉर्सेज़ चाहते हैं कि सब देखें। 1989 में, फैबर लंदन ने 'द चेस प्लेयर्स एंड अदर स्क्रीनप्लेस' नाम की एक बुक पब्लिश की। इस किताब के कवर पर संजीव कुमार और को-एक्टर सईद जाफरी हैं। बता दें, संजीव कुमार एक ऐसे अभिनेता हैं, जो कॉमेडी, ट्रेजेडी, रोमांस और ड्रामा सभी शैलियों में चमकते हैं।
उनकी फिल्में दुनिया भर के उत्साही सिनेमा प्रेमियों की उन फेवरट फिल्मों में शामिल है जिसे वो हमेशा देखना पसंद करते हैं। संजीव कुमार 1970 के दशक के सबसे पावरफुल अभिनेताओं में से एक थे - गोल्डन एरा ऑफ हिंदी सिनेमा। वह हर निर्देशक के फेल-सेफ आर्टिस्ट थे। जब वो फ्रेम में होते थे, तब दर्शक राहत की सांस लेते थे कि,
'अब कुछ भी गलत नहीं हो सकता!' रीता राममूर्ति गुप्ता और उदय जरीवाला ने भारतीय सिनेमा के इतिहास में ऐतिहासिक महत्व रखने वाली इस अहम बायोग्राफी का सह-लेखन किया है। यह बुक 1938 से 1985 तक की उनकी लाइफ के बारे में बताती है और सभी को एंटरटेन करने का वादा करती है।
यह हमें संजीव कुमार के बॉलीवुड के सबसे बेहतरीन अभिनेताओं में से एक बनने के उनके सफर पर ले जाती है। इसमें उनके दोस्तों और गुलज़ार, रणधीर कपूर, और को-स्टार्स शर्मिला टैगोर, मौसमी चटर्जी, तनुजा सहित जैसे कई बॉलीवुड नामों के व्यक्तिगत किस्से भी शामिल हैं।
संजीव कुमार के जीवन की कहानी सुनाने के अपने अनुभव पर कमेंट करते हुए को-ऑथर रीता राममूर्ति गुप्ता ने कहा कि, 'इस बुक को लिखने में मुझे चार साल लगे, 25 से अधिक कॉन्ट्रिब्यूटर्स के साथ कई साक्षात्कार, पांच भाषाओं में 800 से अधिक मैगजीन आर्टिकल पेश किए।
संजीव कुमार उन रेयर परफॉर्मर्स में से एक थे, जो इसे निभाने के बजाय खुद 'कैरेक्टर बन गए' और उनके नेशनल अवॉर्ड्स इसे साबित करते हैं। यह किताब उनकी रैग्स टू रिचेज बनने की कहानी, उनकी प्रेरणाओं, उनके डर और उनके गॉड गिफ्टेड टैलेंट को बयां करती है।
रीडर्स को लगेगा कि वे उसी कमरे में हैं जहां संजीव कुमार- उनके जीवन को प्रत्यक्ष रूप से समझ रहे हैं। यह एक एंटरटेनिंग रीड है और महत्वाकांक्षी अभिनेताओं के लिए एक ही बार में तैयारी है।" को-ऑथर उदय जरीवाला कहते हैं, "मुझे अभी भी याद है कि संजीव दादा के निधन के बाद बहुत लंबे समय तक, हर बार जब दरवाजा खुला, तो मुझे लगा कि वह घर में एंटर कर रहे हैं। वह मुझे गले लगाते और मेरे साथ खेलते।
उन्होंने हमारे जीवन में एक खालीपन छोड़ दिया जिसे हम कभी नहीं भर सकते। मैं और मेरा परिवार संजीव कुमार: द एक्टर वी ऑल लव्ड को पेश करने के लिए उत्साहित हैं। यह किताब लेबर ऑफ लव है और इसे पूरा करने में हमें लगभग चार साल लगे हैं।
यह उनके जीवन का ऑथेंटिक रिप्रेजेंटेशन है। पहली बार, उनके फैन्स उन्हें करीब से जान पाएंगे जैसे वह वास्तव में थे। "रीता राममूर्ति गुप्ता एक प्रोलिफिट बायोग्राफर, CNBC TV18 की समीक्षक और एक ग्रंथ सूची की लेखिका हैं। उन्हें प्रशंसित रेड डॉट एक्सपेरिमेंट का क्रेडिट दिया जाता है, जो दस साल लंबा और छह देशों का अध्ययन है कि कल्चर कम्युनिकेशन को कैसे प्रभावित करती है। एक बहुभाषाविद, वह पांच भाषाएं बोलती है।
यह रीता की तीसरी किताब है। 2018 में, उन्होंने 'रिस्क्रिप्ट योर लाइफ', अ सेल्फ हेल्प ऑटोबयोग्राफिकल नरेटिव लिखी और 2021 में, उन्होंने बाफ्टा नामांकित फिल्म निर्माता राकेश ओमप्रकाश मेहरा की जीवनी 'द स्ट्रेंजर इन द मिरर' लिखी। उदय जरीवाला, संजीव कुमार के भतीजे और उनकी विरासत के उत्तराधिकारी हैं।
वह संजीव कुमार फाउंडेशन चलाते हैं, जो एक गैर सरकारी संगठन है और जो थिएटर, कला और शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में काम करता है। वह एक बिजनेसमैन हैं और अपनी पत्नी नीलम और उनके दो बच्चों आर्यन और साची के साथ मुंबई में रहते हैं।
-
कोरियोग्राफर ने करिश्मा कपूर के साथ की थी ऐसी हरकत? फूट फूटकर रोई हसीना, कैंसिल कर दी शूटिंग!
-
'डिंपल कपाड़िया के बच्चे आपके हैं या ऋषि कपूर के..?' जब राजेश खन्ना की बदतमीजी पर इस हसीना ने दिया जवाब..
-
Oops Moment- पोज देते हुए अचानक उड़ गई सुजैन खान की छोटी सी स्कर्ट, ऐसी थी हसीना की हालत!