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मुकेश एक आवाज नहीं एक सरगम है जो कानों में संगीत घोलता है..
मुकेश: एक आवाज जो दीवाना बना दें..
मुकेश की आवाज से सजी कई बेहतरीन फिल्में जैसे अनाड़ी, श्री 420, संगम, धर्मवीर, अमर अकबर अंथोनी, कुर्बानी, धर्मात्मा को लोग आज भी नहीं भूलें हैं। उनके दर्द भरी आवाज में वो कशिश थी लोग अपने आप उनकी ओर खिंचे चले आते थे। राजकपूर की आवाज बनें मुकेश साहब को हिंदी सिनेमा का लीजेंड कहा जाता है। उनके बारे में महान कवि प्रदीप ने कहा था कि मुकेश एक आवाज नहीं एक सरगम है जो कानों में संगीत घोलता है..।
आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं मुकेश
मुकेश के गाए यादगार गीतों में तु कहे अगर, जि़न्दा हूं मैं इस तरह से, मेरा जूता है जापानी (श्री 420), ये मेरा दीवानापन है, किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार, ओ जाने वाले हो सके तो लौट के आना, दोस्त दोस्त ना रहा (संगम), जाने कहां गए वो दिन (मेरा नाम जोकर), मैंने तेरे लिए ही सात रंग के सपने चुने (आनंद), इक दिन बिक जायेगा माटी के मोल (धरम करम), मैं पल दो पल का शायर हूं (कभी कभी), कभी कभी मेरे दिल में खयाल आता है (कभी कभी), चन्चल शीतल निर्मल कोमल (सत्यम शिवम सुन्दरम) गिने जाते हैं।
1974 में मुकेश को रजनीगन्धा फिल्म में कई बार यूं भी देखा है गाना गाने के लिये राष्ट्रिय पुरस्कार मिला था। 27 अगस्त 1976 को दुनिया को अलविदा कहने वाले मुकेश की मौत अमेरिका के मिशीगन में दिल का दौरा पड़ने से हुई थी । भले ही आज मुकेश हमारे बीच ना हो लेकिन अपनी आवाज के रूप में वो आज भी हमारे दिलों में जिंदा हैं।
महान फनकार मुकेश का कौन सा गीत आपको पसंद है.. नीचे लिखे कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें और इस तरह से अपने महान सिंगर मुकेश को जन्मदिन की बधाई दें।
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