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    सौ सालों की एक ही प्रेम कहानी 'मुगल-ए-आजम'

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    भारतीय सिनेमा को आज सौ साल पूरे हो गये हैं। आज हम आपको बताते हैं बॉलीवुड कैनवस की वो लवस्टोरी जिसकी कशिश को लोग आज भी महसूस करते हैं। एक ऐसी प्रेम कहानी जिसकी उम्र् 50 साल से ज्यादा की हो गई है लेकिन वो आज भी बेहद जवां और हसीन है। जीं हां इस प्रेम कहानी का नाम है मुगले -ए- आजम, जिसने सफलता वो कीर्तिमान स्थापित किया है जहां पहुंचना सबके बस की बात नहीं है।

    आधी सदी पहले भव्य और आलीशान सेट्स, शानदार नृत्यों और भावपूर्ण संगीत से सजी फिल्म 'मुगल-ए-आजम' रुपहले पर्दे पर आई थीं, लेकिन के. आसिफ के द्वारा निर्देशित यह फिल्म आज भी बॉलीवुड के निर्देशकों और तकनीशियनों को प्रेरित करती है।

    'मुगल-ए-आजम' ने मनाई स्वर्ण जयंति

    'मुगल-ए-आजम' पांच अगस्त 1960 को प्रदर्शित हुई थी। जिसमें सलीम और अनारकली की ऐतिहासिक प्रेम कहानी को बेहद खूबसूरती से फिल्माया गया है। 52 बरस पूर्व बनी इस फिल्म का कांच से बना 'शीश महल' एक अनोखा फिल्म सेट था। इसमें अभिनेता पृथ्वीराज कपूर ने अकबर के किरदार को बखूबी निभाया था। नौशाद का संगीत और शकील बदायूनी के गीत के साथ दिलीप कुमार और मधुबाला की जोड़ी ने इस फिल्म को भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक मील का पत्थर बना दिया।

    आईये आपको बताते हैं क्लासिक सिनेमा की अनोखी दास्तां

    English summary
    Epic love story Mughal-e-Azam (1960) was a cinematic landmark in many ways. Here are some Facts About it.
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