Just In
- 9 hrs ago
Shahrukh Khan मीडिया से हुए मुखातिब, Pathaan पर विवाद से रिलीज तक, दिया हर सवाल का जवाब
- 9 hrs ago
आगे से कटी ड्रेस पहनकर इवेंट में पहुंची बोल्ड कृति सैनन, लोग बोले- अगर उर्फी होती तो..
- 11 hrs ago
खूब चर्चा में है ब्रिटनी स्पीयर्स, पुलिस को भी करनी पड़ी मशक्कत, जानें वजहें!
- 11 hrs ago
ब्रा-लेस ड्रेस में किम ने अंग प्रदर्शन करते हुए पोस्ट की ऐसी तस्वीरें, लोग बोले 'उम्र हावी हो रही है'...!
Don't Miss!
- News
Opinion: तेलंगाना में संवर रहे हैं सरकारी स्कूल, महत्वाकांक्षी योजना की ग्रैंड ओपनिंग के लिए उत्सव का माहौल
- Education
IBPS PO इंटरव्यू एडमिट कार्ड 2023 जारी, यहां से डाउनलोड करें
- Automobiles
महिंद्रा की इस इलेक्ट्रिक एसयूवी के पीछे भाग रहे लोग, 5 दिनों में ही हो गई बंपर बुकिंग
- Finance
Special FD : 400 दिन पर मिलेगा तगड़ा ब्याज, चेक करें डिटेल
- Travel
Delhi-Mumbai Expressway: भारत में बनकर तैयार हुआ दुनिया का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे, मिलेंगी ये सुविधाएं...
- Lifestyle
लॉन्ग टॉप से लेकर कुर्ती में दिखना चाहती हैं स्टाइलिश, तो इस तरह कैरी करें लेगिंग
- Technology
Xiaomi 11T और Poco F4 को Android 13-बेस्ड MIUI 14 OS अपडेट मिला
- Sports
जोकोविच ने कोरोना को लिया हल्के में, अब सामने आया राफेल नडाल का बयान
घूस में देना पड़ता है 25 प्रतिशत: माइक
माइक को तीन बार ग्रीन ऑस्कर पुरस्कार मिल चुका है। माइक का कहना है कि देश में हर कोने और हर क्षेत्र में अपनी जडें जमा चुका भ्रष्टाचार रचनात्मकता और उद्यम को खत्म कर रहा है।
उनसे पूछा गया था कि भारत में बनने वाली वृत्तचित्र फिल्में डिस्कवरी और फॉक्स हिस्ट्री चैनल पर प्रसारित वृत्तचित्रों जैसी क्यों नहीं होतीं। इस पर उन्होंने कहा कि पश्चिम में फिल्मों के बड़े बजट के कारण उनकी और भारतीय फिल्मों की गुणवत्ता में बहुत फर्क होता है।
उन्होंने कहा, "यहां फिल्म बनाने के लिए धन हासिल करने के लिए अधिकारियों को उसकी 25 प्रतिशत राशि घूस में देनी पड़ती है। तब फिल्मकार सोचते हैं कि जब एक व्यक्ति बिना कुछ किए 25 प्रतिशत राशि ले लेता है तब वह अच्छा काम क्यों करे। यह भ्रष्टाचार रचनात्मकता और उद्यमिता को मार रहा है। हमारे पास दुनिया के सबसे अच्छे तकनीशियन हैं लेकिन वे सड़कों पर हैं क्योंकि उनके पास नौकरी के लिए देने को घूस नहीं हैं।"
माइक हाल ही में 'इंडियन डॉक्यूमेंट्री प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन' के अध्यक्ष बने हैं। वह कहते हैं कि डिस्कवरी या फॉक्स हिस्ट्री चैनल पर प्रसारित एक औसत फिल्म को बनाने में 20 लाख डॉलर का खर्च आता है। जब ऐसी ही फिल्म भारत में बनवाई जाती है तो फिल्मकारों को सिर्फ आठ-नौ लाख रुपये दिए जाते हैं।