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    फिल्‍म रिव्‍यू- गैंग्‍स ऑफ वास्‍सेपुर के आगे अंडरवर्ल्‍ड भी फीका

    By Belal Jafri
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    फिल्म - गैंग्स ऑफ वास्सेपुर
    एक्टर - मनोज बाजपेयी, तिग्मांशु धूलिया , हुमा कुरैशी , रिचा चड्ढा, नवाजुद्दीन सिद्दीकी ,पीयूष मिश्रा
    प्रोड्यूसर - सुनील बोहरा , गुनीत मोंगा
    डिरेक्टर - अनुराग कश्यप
    म्यूजिक - स्नेहा खानवलकर
    सेंसर सर्टिफ़िकेट - A
    टाइम - 151 मिनट।

    अनुराग कश्यप की फिल्म 'गैंग्स ऑफ वास्सेपुर' उनकी अब तक की फिल्मों से हटकर है। अभी तक अनुराग द्वारा निर्देशित फिल्में जैसे 'ब्लैक फ्राईडे', 'रिटर्न ऑफ हनुमान', 'देव डी', 'गुलाल' ये सभी आर्ट फिल्मों की तरह थी लेकिन अपनी इस फिल्म 'गैंग्स ऑफ वास्सेपुर' से अनुराग ने मेन स्ट्रीम की फिल्मों में कदम रखा है। निर्देशक अनुराग कश्यप के बारे में एक बात साफ़ है कि उनका अंदाज ख़ास और औरों से बहुत जुदा है। अगर आप इस फिल्म को गौर से देखें तो आपको ये फिल्म अनुराग कि एक एक्स्पेरिमेंटल फिल्म लगेगी।

    Film Review of Gangs of Wasseypur

    गैंग्स ऑफ वास्सेपुर फिल्म की कहानी धनबाद के पास स्थित एक छोटे कस्बे वास्सेपुर पर आधारित है। ये कहानी है दो परिवारों की जिनमें बदले की भावना तीन पीढ़ियों से चली आ रही है। इस कहानी में धनबाद के कोल माइनिंग कस्बे को दर्शाया गया है, जहां का माफिया मुम्बई के अंडरवर्ल्ड से भी खतरनाक माना जाता है।

    स्टोरी- फिल्म की कहानी शुरु होती है शाहिद खान से जो ब्रिटिश ट्रेन लूटता है सुल्ताना डाकू के रुप में। शाहिद रामाधीर सिंह के माइनिंग में एक मजदूर बन जाता है ताकि अपनी पीढ़ियों से चले आ रहे झगड़े का बदला ले सके। कुछ सालों बाद अगली पीढ़ी में शाहिद का बेटा सरदार खान अपने पिता के सम्मान को वापस लाने की कोशिश में वास्सेपुर का सबसे खतरनाक आदमी बन जाता है। फिल्म में बिहार के 100 साल पूरे होने के लिए एक गाना भी डाला गया है 'जिया हो बिहार के लाला'। फिल्म में मनोज द्वारा कहा गया डायलौग हमार जिंदगी का एक ही मकसद है बदला सुनकर आप जरूर ताली बजाने को मजबूर हो जाएंगे । कराण है ये पंक्तियाँ पूरी फिल्म का केंद्र बिंदु है।

    ऐक्टिंग- इस फिल्म के बाद जो चीज इस फिल्म को खास बनती है वो है इसकी एक्टिंग यानी अभिनय। फिल्म में मनोज बाजपेयी और उनका अभिनय इस फिल्म की जान है। उनकी डायलॉग डिलिवरी का अंदाज, उनके लुक से लेकर उनका हर हर वो काम जो उन्होंने फिल्म में किया है कहता है कि सरदार खान के चरित्र को उनके सिवाय कोई और नहीं कर सकता था।

    वहीं दूसरी तरफ तिग्मांशु धूलिया ने भी फिल्म में अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया है तिग्मांशु नेता और बाहुबली के किरदार में पूरी तरह से फिट बैठे हैं। फिल्म कि स्क्रिप्ट में महिला किरदारों के लिए कुछ खास नहीं रखा गया है, इसके बावजूद सरदार खान की पहली बीवी बनी और नज़मा के किरदार को निभाने वाली रिचा चड्डा ने परिपक्व अभिनय का परिचय दिया है उनके मजबूत अभिनय से प्रेरित होकर आप जरूर ताली और सीटी बजाने को मजबूर होंगे। फिल्म के अन्य कलाकारों में पीयूष मिश्रा और नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने अपनी असरदार मौजूदगी का भी एहसास कराया है।

    निर्देशन- आपको बता दें कि निर्देशक अनुराग कश्यप ने एक बार फिर साबित किया है कि वो एक अवार्ड विनिंग निर्देशक हैं फिल्म और फिल्म की स्क्रिप्ट को उन्होंने कहीं भटकने नहीं दिया और ना इसमें कोई व्यर्थ का मसाला डाला है। फिल्म में कुरैशी-पठान कि दुश्मनी के सींस को भी बहुत ही अनुकूल बनाया गया है। फिल्म में कहीं भी आपको ये रील लाइफ नहीं लगेगा बल्कि आप महसूस करेंगे कि ये रियल लाइफ में हो रहा है।

    संगीत- फिल्म का संगीत औसत है जो फिल्म कि कहानी के हिसाब से है, पूरी फिल्म में फोक म्यूजिक ने अपना जलवा बिखेरा है ।

    तो अगर आप अनुराग के निर्देशन के फैन हैं और आपको एक्स्पेरिमेंटल सिनेमा और उससे जुड़े पहलु पसंद हैं तो आप जरूर इस फिल्म को देखने जा सकते हैं।

    English summary
    Anurag Kashyap's new film Gangs of Wasseypur has been released on Friday. Read the film review here before watching.
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