Just In
- 4 hrs ago GQ Awards में हीरोइनों के सिर चढ़कर बोला ग्लैमर, शाहिद कपूर की बीवी ने बोल्डनेस में छुड़ा दिए सबके छक्के
- 4 hrs ago GQ Awards: देर रात रेड कार्पेट पर सितम करती दिखी भूमि पेडनेकर, कोई नहीं है हसीना की टक्कर में
- 5 hrs ago भांजी की शादी में खाने को लेकर मेहमानों से ऐसी बात कर रहे थे गोविंदा, कैमरे में रिकॉर्ड हो गया सब कुछ
- 5 hrs ago Arti Singh Wedding: अपनी शादी में इस शख्स को देखते ही झरने से बहे दुल्हनिया के आंसू, खूब रोई आरती सिंह
Don't Miss!
- News LIVE Lok Sabha Chunav 2024: दूसरे चरण की 88 सीटों पर आज मतदान, राहुल गांधी समेत कई दिग्गजों की किस्मत दांव पर
- Education IIT JEE Advanced 2024: जईई एडवांस के लिए 27 अप्रैल से होंगे आवेदन शुरू, देखें परीक्षा तिथि फीस व अन्य डिटेल्स
- Lifestyle First Date Tips: पहली ही डेट में पार्टनर को करना है इम्प्रेस तो ध्यान रखें ये जरूरी बात
- Technology इस दिन होने जा रहा Apple का स्पेशल इवेंट, नए iPad के साथ इन प्रोडक्ट्स की हो सकती है एंट्री
- Finance Bengaluru Lok Sabha Election 2024: फ्री Rapido,बीयर.! वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए वोटर्स को दिए जा रहे ऑफर्स
- Travel 5 दिनों तक पर्यटकों के लिए बंद रहेगा शिमला का 'द रिट्रीट', क्या है यह और क्यों रहेगा बंद?
- Automobiles करोड़ों की संपत्ति का मालिक, लग्जरी कारों का कलेक्शन, फिर भी Maruti की इस कार में चलते दिखे Rohit Sharma
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
'तूफान' फिल्म रिव्यू- दमदार हैं फरहान अख्तर, लेकिन कहानी सब्र का इम्तिहान लेती है
निर्देशक- राकेश ओमप्रकाश मेहरा
कलाकार- फरहान अख्तर, मृणाल ठाकुर, परेश रावल, हुसैन दलाल, दर्शन कुमार, विजय राज, सुप्रिया पाठक
कहानी और पटकथा- अंजुम राजाबली
प्लेटफॉर्म- अमेज़न प्राइम वीडियो
'हालात ने मुझे गुंडा बना दिया जैसा कुछ नहीं होता है, सबके पास एक च्वॉइस होती है', अस्पताल में मरीज देखते हुए अनन्या (मृणाल ठाकुर) कहती है। 'रंग दे बसंती', 'भाग मिल्खा भाग', 'दिल्ली 6' जैसी फिल्मों के निर्देशक राकेश ओमप्रकाश मेहरा इस बार स्पोर्ट्स ड्रामा फिल्म लेकर आए हैं, जो हाशिए पर रह रहे लोगों के संघर्ष और ख्वाबों को पूरा करने की कहानी कहती है।
पटकथा में स्पोर्ट्स और प्रेम कहानी के साथ साथ धर्म परिवर्तन और सामाजिक एकता जैसे विषयों को भी डाल दिया गया है, और यहीं से कहानी ट्रैक से उतरती जाती है। बॉलीवुड में स्पोर्ट्स पर हाल फिलहाल इतनी फिल्में बन चुकी हैं कि अब निर्माता- निर्देशकों को कुछ अलग फॉरमूले को तलाशने की जरूरत है। इस लिहाज से साल 2017 में आई अनुराग कश्यप निर्देशित फिल्म 'मुक्काबाज' दिल जीतती है।
कहानी
मजबूर परिस्थितियों में, डोंगरी की गलियों से पैदा हुआ एक अनाथ लड़का अजीज़ अली उर्फ अज्जु भाई (फरहान अख्तर) बड़ा होकर मोहल्ले का गुंडा बनता है। एक दिन उसकी जिंदगी में आती है अनन्या (मृणाल ठाकुर), जो कि उसी इलाके के अस्पताल में डॉक्टर है। अनन्या के आते ही अज्जु की जिंदगी बदलने लगती है, वह उसे कहती है- 'हर किसी के पास च्वॉइस होता है कि वह कैसी जिंदगी चाहता है..'। अनन्या का साथ पाकर वह अपने जिंदगी में लक्ष्य की तलाश करता है, जब बॉक्सिंग उसे अपनी ओर खिंचती है। जिंदगी में इज्जत और प्यार को पाने की ललक के साथ अज्जु बॉक्सिंग को लेकर अपने पैशन को पहचानता है और जी तोड़ मेहनत करता है। कोच नाना प्रभु (परेश रावल) के साथ वह एक के बाद एक ऊंचाइयों को छूता है और उसे नाम मिलता है 'तूफान'। वह विश्व स्तरीय बॉक्सर बनना चाहता है, लेकिन जिंदगी ने उसके लिए कुछ और सोच रखा है। उसके सामने एक के बाद एक दीवार खड़े होते जाते हैं। तूफान उन दीवारों को तोड़कर कैसे अपनी ख्वाबों को जिंदा रख पाएगा, इसी के इर्द गिर्द घूमती है पूरी कहानी।
निर्देशन
जीवन की परिस्थितियों से मजबूर हाशिए के लोग भी अपनी एक जिंदगी से निकलकर सही रास्ता चुन सकते हैं और कुछ बड़ा कर सकते हैं। निर्देशक राकेश ओमप्रकाश मेहरा तूफान के साथ कुछ ऐसी कहानी ही कहने की कोशिश करते हैं। लेकिन क्या वो सफल हो पाए हैं? शायद नहीं। कहानी में एक के बाद एक कई इमोशनल पहलू जोड़े गए हैं। गरीबी, महानगरीय सामाजिक ढ़ांचा, अंतर्जातीय विवाह, लव जिहाद, धार्मिक भेदभाव.. निर्देशक ने भर भरकर ऐसे पक्ष डाले हैं, जिस पर अलग से पूरी पूरी फिल्म बन सकती है। बहरहाल, निर्देशन की सबसे बड़ी चूक ये है कि फिल्म भावना शून्य है। इतने इमोशनल एंगल होते हुए भी कहानी दिल को नहीं छूती है।
अभिनय
फिल्म की दूसरी बड़ी चूक है, इसकी कास्टिंग की उपेक्षा करना। फिल्म में फरहान अख्तर के अलावा एक भी ऐसा किरदार नहीं है, जिसके साथ पटकथा ने न्याय किया हो। मृणाल ठाकुर, परेश रावल, सुप्रिया पाठक, विजय राज, दर्शन कुमार जैसे कलाकारों की टोली होते हुए भी फिल्म इस पक्ष में कमजोर है। अपने गिनती के सीन में इन कलाकारों ने काफी अच्छा काम किया है।
वहीं, फरहान अख्तर की मेहनत को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। फरहान दमदार लगे हैं और उन्होंने अपने किरदार के साथ पूरा न्याय किया है। डोंगरी का अज्जु भाई हो या बॉक्सर अज़ीज अली, फरहान इस किरदार में रच बस गए हैं। अज्जु भाई के दोस्त के किरदार में हुसैन दलाल भी दिल जीतते हैं।
तकनीकी पक्ष
फिल्म 2 घंटे 41 मिनट लंबी है और यही फिल्म की सबसे बड़ी कमजोरी भी है। एडिटर मेघना सेन इस फिल्म को कम से कम आधे घंटे और छोटी कर सकती थीं। शायद इससे पटकथा भी बंधी हुई लगती। अंजुम राजाबली और विजय मौर्या ने फिल्म के संवाद लिखे हैं, जो कि औसत हैं। फिल्म में जितने भारी मुद्दे उठाए गए हैं, संवाद उस लिहाज से किरदारों को उठाने में कोई योगदान नहीं देती है। जय ओज ने अपने कैमरे से मुंबई शहर को एक किरदार की तरह इस्तेमाल किया गया है। फिल्म की सिनेमेटोग्राफी अच्छी है।
फिल्म का संगीत दिया है शंकर-एहसान-लॉय ने, वहीं गीतकार हैं जावेद अख्तर। इतने दिग्गजों के होते हुए भी फिल्म का संगीत याद नहीं रहता। किसी भी गाने में नयापन नहीं है, लिहाजा कानों में शोर से ज्यादा कुछ नहीं लगता।
क्या अच्छा क्या बुरा
फिल्म के अच्छे पक्ष की बात करें तो सिर्फ फरहान अख्तर का नाम जे़हन में आता है। अभिनेता ने फिल्म के लिए काफी मेहनत की है और वह स्क्रीन पर साफ दिखता है। वहीं, फिल्म का सबसे कमजोर पक्ष इसकी कहानी और पटकथा है, जिसमें कोई दम नहीं है। कई बार एक कहानी को कहने के लिए आपकी नीयत सही होती है, लेकिन स्क्रीन पर वह उतनी मजबूत नहीं दिख पाती है। तूफान इसी का एक उदाहरण है।
देंखे या ना देंखे
भारत में स्पोर्ट्स आधारित इतनी फिल्में सामने आ चुकी हैं कि निर्देशकों को अब पुराने फॉरमूले से आगे बढ़कर सोचने की जरूरत है। फिल्म भावनाओं को पकड़ने में बेहद कमजोर है। यदि आपने राकेश ओमप्रकाश मेहरा की पिछली फिल्में देखी हैं, तो 'तूफान' आपको निराश करेगी। फिल्मीबीट की ओर से 'तूफान' को 2.5 स्टार।
-
तीसरी शादी को लेकर आमिर खान ने दिया ऐसा रिएक्शन, बोले- मेरे बच्चे मेरी नहीं सुनते...
-
'डिंपल कपाड़िया के बच्चे आपके हैं या ऋषि कपूर के..?' जब राजेश खन्ना की बदतमीजी पर इस हसीना ने दिया जवाब..
-
Viral Video- रशियन लड़की ने भोजपुरी गाने पर लगाए ठुमके, इंडिया गेट से वायरल हुआ मजेदार वीडियो!