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    रोमियो अकबर वॉल्टर REVIEW: जॉन अब्राहम- जैकी श्राफ की दमदार अदाकारी, लेकिन ढ़ीली कहानी

    By Staff
    |

    Rating:
    2.5/5

    रोमियो अकबर वॉल्टर की शुरुआत बुरी तरह से घायल पड़े जॉन अब्राहम से होती है। विलेन जॉन की तरफ बढ़ता है और पास आकर उसके नाखून उखाड़ लेता है। जिसके बाद सुनाई देती है एक चीख, जो आपको इंदर तक दहला देगी। लेकिन प्लॉट जल्द ही दूसरा मोड़ ले लेती है।

    निर्देशक रॉबी ग्रेवाल थ्रिलर के साथ रोमांस का तड़का पेश करते हैं, जहां फिल्म पूरी तरह से आपकी तवज्जो खो देती है। साल 1971 की कहानी है, जब भारत और पाकिस्तान के बीच पूर्व पाकिस्तान (बंग्लादेश) को लेकर काफी तनाव है। रोमियो अली (जॉन अब्राहम) एक बैंक में काम करता है, साथ ही थियेटर में दिलचस्पी रखता है। सब नॉर्मल चल रहा होता है जब रॉ चीफ श्रीकांत राय (जैकी श्राफ) की नजर रोमियो पर पड़ती है और वो रोमियो को अकबर मलिक बनाकर बतौर जासूस पाकिस्तान में भेजने का प्लान करते हैं।

    Romeo Akbar Walter

    अकबर को पाकिस्तान से पूर्व पाकिस्तान के इंडियन बेस में होने वाले ब्लास्ट से संबंधित खूफिया जानकारी निकालकर लानी होती है। सब कुछ प्लान के अनुरुप चल रहा होता है, जब अकबर के कवर को आईएसआई एजेंट खुदाबक्श खान (सिकंदर खेर) उड़ा डालते हैं।

    Romeo Akbar Walter

    फिल्म की प्लॉट में कई रोमांचक पहलू डाले गए हैं, जो फिल्म को दिलचस्प बनाते हैं। लेकिन निर्देशक रॉबी ग्रेवाल ने फिल्म के फर्स्ट हॉफ को इतना धीमा रखा है कि वह बोर करती है। फर्स्ट हॉफ में कई किरदारों को सामने लाया जाता है जो दर्शकों को संस्पेंस में ढ़लने का मौका ही नहीं देगा। साथ ही इमोशनल सीन्स काफी ढूंसे हुए से लगते हैं। लेकिन फिल्म का सेकेंड हॉफ कहानी को एक बार फिर ऊपर ले जाती है और आपको बांधती है।

    परर्फोमेंस की बात करें तो जॉन अब्राहम ने काफी सच्चाई के साथ पूरी फिल्म को अपने कंधों पर उठाई है। मौनी रॉय को फिल्म में अभिनय दिखाने का ज्यादा मौका ही नहीं दिया गया है। जैकी श्राफ ने अपना हिस्सा उम्दा निभाया है। सिकंदर खेर की मेहनत भी दिखाई देती है।

    Romeo Akbar Walter

    फिल्म का संगीत प्रभावी नहीं है, लिहाजा थियेटर से निकलने के बाद शायद ही कोई गाना आपके दिमाग में रहे। तपन तुषार बसु की सिनेमेटोग्राफा प्रभावी है। वहीं, फिल्म के मेक्रस को एडिटिंग में थोड़ा और ध्यान देना चाहिए था। जहां बॉलीवुड में एक ओर राजी जैसी थ्रिलर फिल्म बन रही है, वहां जॉन अब्राहम की रोमियो अकबर वॉल्टर इस बाबत काफी पीछे रह जाती है। निर्देशक रॉबी ग्रेवाल हमें फिल्म से जुड़ने का मौका हीं नहीं देते। फिल्म को हमारी ओर से 2.5 स्टार।

    English summary
    While the plot has enough ingredients to build up an engrossing watch, Robbie Grewal who has also penned the film, resorts to a lazy-storytelling in the first half which spoils the fun.
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