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    पकाऊ है भेजा फ्राई 2

    By Priya Srivastava
    |

    Review : Bheja Fry 2 Movie Review
    कलाकार : केके मेनन, विनय पाठक, मिनिषा लांबा
    निर्देशक : सागर भल्लारी
    रेटिंग : 2

    इस हफ्ते रिलीज हुई चार फिल्मों में सबसे अधिक दर्शकों को इंतजार फिल्म भेजा फ्राई का ही ही था। इसकी वजह यह है कि इसके पहले संस्करण ने दर्शकों
    का भरपूर मनोरंजन किया था। उन्हें फिल्म बेहद पसंद आयी थी। चूंकि उस फिल्म में बेहतरीन कहानी कहने की कोशिश भी की गयी थी। लेकिन अगर उसकी
    तूलना भेजा फ्राय के दूसरे संस्करण से की जाये तो फिल्म बेहद ही कमजोर साबित होती है। यहां तक कि फिल्म के कलाकार विनय पाठक भी इसमें कमजोर दिखाई देते हैं। फिल्म में दर्शकों के मनोरंजन के लिहाज से ऐसे कोई भी दृश्य नहीं, जो आपको खूब हंसने पर मजबूर करें। विनय पाठक के रूप में भारत भूषण का किरदार दर्शकों को पकाऊ लगता है।

    फिल्म की कहानी उत्तर भारतीय भारत भूषण के एक गेम शो जीत जाने पर है। उसे मौका मिलता है कि वह क्रूज पर हॉलीडे पैकेज मनाये। वही उसकी मुलाकात रजनी से होती है। मन ही मन में वह उसे प्यार कर बैठता है। अजित तलवार व्यवसायी है। वह धोखेबाज है। इसलिए चाहता है कि वह टैक्स न भरने से बच जाये। उसे खबर मिलती है कि क्रूज पर कोई टैक्स इंस्पैक्टर है। वह डर जाता है और वह भारत भूषण को ही टैक्स इंस्पैक्टर समझ कर उसे मारने की साजिश रचता है।

    जिसमें वह खुद फंस जाता है। स्थिति भारत और अजित को अकेले एक टापू पर छोड जाती है। जहां दोनों रास्ता ढूंढते ढूंढते कई नये किरदार से मिलते हैं। इस फिल्म की कहानी भी तीन थे भाई की तरह ही कहानियों और किताबों की कहानियों की किताबों की तरह है। लेकिन भारत भूषण पूरी कोशिश करते हैं कि वे अपने तरीके से किसी भी तरह दर्शकों को हंसाने की पूरी कोशिश करे। भारत भूषण के रूप में एक अच्छा दिल का साफ इंसान जो हर परिस्थिति में भी हंसता रहता है। यही छवि प्रस्तुत की है। भारत भूषण की कोशिश और उनका अत्यधिक अच्छा होना कहीं न कहीं दर्शकों को ऊबाता है। कुछ संवादों के अलावा फिल्म बिल्कुल नहीं हंसाती।

    वाकई सागर भल्लारी जैसे निर्देशकों से यह प्रश्न पूछना लाजमी है कि वे मनोरंजन के नाम पर कुछ भी कहानी क्यों कह रहे। अगर वे उम्मीद करते हैं कि उनकी फिल्में रिलीज हों और दर्शक फिल्म देखने जायें तो उन्हें उसे लिहाज से दर्शकों की पसंद का भी ख्याल रखना चाहिए। बहरहाल, भेजा फ्राय 2 तभी देखने जायें अगर आपको वाकई भेजा फ्राय करवाना हो।

    English summary
    Director Sagar Ballary has got it all wrong here. It seems the film was made just to cash in on the success of BHEJA FRY, without using any 'bheja'.
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