Just In
- 12 min ago
सुनील शेट्टी के सामने कमाई के मामले मे टिकते भी नहीं है जमाई राजा के एल राहुल, खानदानी रईस हैं दुल्हनिया अथिया
- 23 min ago
100 बार पानी में गोते लगाकर, 9 साल की कड़ी मेहनत के बाद, ये बॉलीवुड हसीना बनी स्कूबा डाइविंग की मास्टर
- 27 min ago
शादी की खबर पक्की होते ही इंस्टाग्राम से गायब हुई ये हसीना, फैंस करते रह गये इंतजार
- 29 min ago
नवाजुद्दीन सिद्दीकी की मां ने उठाया बड़ा कदम, बहू आलिया सिद्दीकी के खिलाफ किया ये केस!
Don't Miss!
- News
Khatiyani Johar Yatra: 2 दिवसीय चाईबासा दौरे पर सीएम हेमंत सोरेन,रैली को ऐतिहासिक बनाने में जुटे झामुमो विधायक
- Finance
Gold Rate : आज सोना ऑल टाइम हाई से सस्ता हुआ, जानिए कितना
- Lifestyle
अलर्ट! पब्लिक प्लेस पर पेशाब करने वाले सावधान, ये दीवार आपको कर देगी शर्मिदा!
- Automobiles
30 से अधिक सेफ्टी फीचर्स के साथ लॉन्च हुई हुंडई ऑरा फेसलिफ्ट, कीमत 6.30 लाख रुपये
- Technology
Netflix पासवर्ड शेयर करने पर अब भारतीयों को करना होगा पेमेंट
- Education
हाइड्रोजन, हवाईअड्डों, डाटा सेंटर व्यवसायों पर अडानी ग्रुप के प्लान के बारे जाने
- Travel
उत्तराखंड के पांच विश्व प्रसिद्ध मंदिर, जहां दर्शन करना भगवान को पाने जितना बराबर है
- Sports
जोकोविच ने कोरोना को लिया हल्के में, अब सामने आया राफेल नडाल का बयान
Cirkus Movie Review: ना कॉमेडी है, ना रोमांच, रणवीर सिंह स्टारर रोहित शेट्टी की एक कमजोर फिल्म
निर्देशक- रोहित शेट्टी
कलाकार- रणवीर सिंह, वरूण शर्मा, पूजा हेगड़े, जैकलीन फर्नाडीज़, संजय मिश्रा, जॉनी लिवर, सिद्धार्थ जाधव, मुरली शर्मा, मुकेश तिवारी
जन्म के समय गलती से एक जैसे जुड़वा बच्चों के दो सेट अलग हो जाते हैं। कई वर्षों बाद, जब संयोग से वे एक ही शहर में होते हैं, तो एक के बाद एक गलतफहमी होती है क्योंकि लोग उनकी पहचान में अक्सर भ्रम खा जाते हैं। ये कहानी कुछ देखी- सुनी सी लग रही है? जी हां, 1982 में आई फिल्म अंगूर की कहानी कुछ ऐसी ही थी, जिसमें संजीव कुमार और देवेन वर्मा नजर आए थे। ये कहानी शेक्सपियर के नाटक 'द कॉमेडी ऑफ एरर्स' पर आधारित है। अब 2022 में रोहित शेट्टी ने इसी कहानी को एक नए अंदाज लाने की कोशिश की है। उन्होंने इसे अपनी चर्चित गोलमाल फ्रैंचाइजी के साथ भी कनेक्ट किया है।

कहानी
जमनादास अनाथालय में चार जुड़वा बच्चे हैं। जब उन्हें गोद लेने के लिए दो अलग अलग परिवार आते हैं, तो वहां के डॉक्टर (मुरली शर्मा) अपनी एक लॉजिक को सही साबित करने के लिए दोनों जुड़वा बच्चों की अदला बदली कर देते हैं। वो दुनिया को दिखाना चाहते हैं कि एक बच्चे के लिए उसका वंश नहीं, बल्कि उसकी परवरिश जरूरी होती है। दोनों परिवार अपने बच्चों का नाम रखते हैं रॉय (रणवीर सिंह) और जॉय (वरुण शर्मा)। इस तरह एक जोड़ी पहुंचता है बैंगलौर के एक बिजनेसमैन के घर में, तो दूसरा जोड़ी पहुंचता है ऊटी के सर्कस के मालिक के पास। चारों सुकुन से अपनी जिंदगी गुजार रहे होते हैं, जब लगभग 30 साल के बाद, एक दिन किसी काम से बैंगलौर वाले रॉय और जॉय को ऊटी आना पड़ता है। यहां से शुरु होती है कंफ्यूजन ही कंफ्यूजन। अब ऊटी शहर में हैं दो रॉय हैं और दो जॉय.. कभी लोग एक से टकराते हैं तो कभी दूसरे से। जितनी उलझन में लोग फंसते हैं, उतने ही उलझते जाते हैं दोनों रॉय और दोनों जॉय। ऐसे में जब चारों एक दूसरे आमने सामने आएंगे तो क्या माजरा होगा? क्या उन्हें अपने अदला बदली होने की सच्चाई पता चलेगी? इसी के इर्द गिर्द घूमती है कहानी।

अभिनय
रणवीर सिंह एक दमदार अभिनेता हैं, जिन्होंने बैक टू बैक बेहतरीन परफॉर्मेंस दिये हैं। लेकिन अभिनय के मामले में सर्कस उनकी कमजोर फिल्मों में से एक है। ये फिल्म, ये कहानी रणवीर सिंह के टैलेंट के साथ न्याय नहीं करती है। फिल्म की पटकथा इतनी कमजोर है कि उनके पास करने को ज्यादा कुछ है ही नहीं। ना पूजा हेगड़े के साथ उनकी जोड़ी जमती है, ना जैकलीन के साथ। रणवीर सिंह और वरूण शर्मा की कैमिस्ट्री कुछ जगहों पर सही दिखी है। पूजा हेगड़े को अपनी स्क्रीन प्रेजेंस पर काफी ध्यान देना चाहिए। वहीं, जैकलीन के हिस्से में एक बेहद कमजोर किरदार था। देखा जाए तो इस फिल्म के रियल स्टार इसके सहयोगी कलाकार हैं। संजय मिश्रा, सिद्धार्थ जाधव के पास कुछ सबसे अहम सीन्स हैं, जहां उन्होंने अपना बेस्ट दिया है। लेकिन मुरली शर्मा और जॉनी लिवर जैसे कलाकार के किरदारों को रोहित शेट्टी ने इस दफा बिल्कुल ही कमजोर छोड़ दिया है।

निर्देशन
कॉमेडी फिल्में हों या एक्शन, रोहित शेट्टी की अपनी एक स्टाइल है और वो उसमें बेस्ट हैं। लेकिन बता दें, सर्कस उनकी अब तक की सबसे कमजोर फिल्म है। युनूस सजावल द्वारा लिखित पटकथा बेहद ढ़ीली है, जिस वजह से तगड़ी स्टारकास्ट होते हुए भी फिल्म हर पक्ष में औसत दिखी है। रोहित शेट्टी ने कभी रेट्रो गानों के जरीए, तो कभी गोलमाल ट्विस्ट के जरीए लोगों को थोड़ा नॉस्टेलजिक करने की कोशिश की है। सेकेंड हॉफ में फिल्म थोड़ा बेहतर होती है। लेकिन शुरु से ही कहानी इतनी फ्लैट जाती है कि आप के लिए फिल्म से बंधे रह पाना मुश्किल है। इतना ही नहीं, बल्कि यह शायद पहली बार ही होगा कि रोहित शेट्टी ने अपने किरदारों के साथ भी न्याय नहीं किया है। सभी किरदार काफी अधपके से लगते हैं। वहीं, सबसे बड़ा अफसोस होता है क्लाईमैक्स देखकर.. सर्कस के पूरे सेट अप को इस फिल्म में जिस तरह बर्बाद किया गया है.. कि आपको "फिर हेरा फेरी" की याद आ जाती है, जहां सर्कस के सीक्वेंस को बेहतरीन फिल्माया गया था।

तकनीकी पक्ष
फिल्म के संवाद लिखे हैं फरहाद सामजी, विधि घोड़गांवकर और संचित बेंद्रे ने, जो कि काफी औसत हैं। ना ये आपको इमोशनल करती है, ना हंसाती है। बंटी नागी की एडिटिंग और जोमोन टी जॉन की सिनेमेटोग्राफी प्रभावित नहीं करती है। खासकर जो कलर इफेक्ट दिया गया है, वो आंखों में चुभता है। रोहित शेट्टी ने इससे पहले भी अपनी फिल्मों को ऐसे सेट अप पर शूट किया है, लेकिन सर्कस में वो काम नहीं करता नहीं दिखा। अमर मोहिले का बैकग्राउंड स्कोर एक पॉजिटिव पक्ष है।

संगीत
फिल्म का म्यूजिक देवी श्री प्रसाद, बादशाह और लिजो जॉर्ज-डीजे चेतस ने दिया है। फिल्म का एल्बम बेहद कमजोर है। रणवीर- दीपिका पर फिल्माया गया गाना "करंट लगा रे" के अलावा कोई भी गाना आपने दिल- दिमाग तक नहीं पहुंच पाती है। फिल्म में सिर्फ तीन गाने हैं, लेकिन वो इतने औसत हैं कि फिल्म पर कोई प्रभाव नहीं छोड़ते हैं।

रेटिंग- 2 स्टार
कहना गलत नहीं होगा कि सर्कस रोहित शेट्टी की सबसे कमजोर फिल्म है। कॉमेडी और ड्रामा, दोनों ही मामलों में पटकथा बेहद ढ़ीली है। रोहित शेट्टी की गोलमाल वाली दुनिया में रणवीर सिंह भी काफी असहज दिखे। हालांकि, सिद्धार्थ जाधव और संजय मिश्रा जैसे सहयोगी कलाकारों ने किसी तरह फिल्म को थोड़ा संभाला। फिल्मीबीट की ओर से "सर्कस" को 2 स्टार।
-
'थिएटर में पठान मत लगाना वरना..' इस हिंदू युवा वाहिनी के मेंबर ने थिएटर मालिकों को दी धमकी!
-
कार्तिक आर्यन ने सलमान- शाहरुख को लेकर बताया ये मजेदार किस्सा, एक जगह तो होने वाली थी पिटाई!
-
Kartik Aaryan : दोस्ताना 2 से करण जौहर ने निकाला बाहर, पहली बार कार्तिक ने तोड़ी चुप्पी- हमारे संस्कार भी..