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बोर नहीं करेगी बैंड बाजा बारात
निर्देशक - मनीष शर्मा
निर्माता - आदित्य चोपड़ा
कलाकार - रणवीर सिंह, अनुष्का शर्मा, मनमीत सिंह
रेटिंग मीटर - 3/5
समीक्षा - फिल्म बैंड बाजा बारात दिल्ली के बैंकग्राउंड पर बुनी गई है। ये कहानी दिल्ली यूनिवर्सिटी के अलग-अलग कॉलेजों में पढ़ने वाले युवा श्रुति (अनुष्का शर्मा) और बिट्टू (रणवीर) के बीच की लव स्टोरी है। लेकिन इस कहानी में करियर पहले आता है और लव बाद में। अब ये भी कई फिल्मों में होने लगा है मगर इस कहानी में खास बात ये है कि इस में प्यार किसी अनहोनी की तरह नहीं बल्कि एक स्वाभाविक घटना की तरह दिखता है। ज्यादातर बॉलीवुड फिल्मों में प्यार एक अनहोनी की तरह होता है।
श्रुति दिल्ली के एक मध्यमवर्गीय परिवार की महत्वकांक्षी और आत्मविश्वासी लड़की है। वह दिल्ली के रामजस कॉलेज में पढ़ रही है। उसे अपनी पढ़ाई पूरे करने के बाद क्या करना है इस बारे में उसे सब पता है। वह एक वेडिंग प्लानर बनना चाहती है। इसके उलट बिट्टू जोकि दिल्ली के रामजस कॉलेज का स्टूडेंट है, अपने करियर को लेकर काफी कन्फ्यूज है। वह सहारनपुर के एक किसान का बेटा है और किसी भी हाल में अपने पापा के गन्ने के खेतों में वापस नहीं जाना चाहता।
दोनों की मुलाकात टिपिकल बॉलीवुड फिल्मों की तरह कॉलेज से नहीं होती बल्कि कॉलेज खत्म होने के बाद अपने करियर बनाने के संघर्ष के दौरान होती है। बिट्टू सामान्य लड़कों की तरह सबसे पहले हसीन श्रुति को लाइन मारने की कोशिश करता है लेकिन करियर ओरिएंटेड श्रुति के आगे जल्दी हार मान लेता है। इसके बाद वह खुद ही श्रुति के साथ बिजनेस में पार्टनर बनने की पेशकश रखता है जिसे श्रुति एक शर्त के साथ मान लेती है।
दिल्ली की लड़की श्रुति को पता है कि प्यार-व्यार उसके करियर को कितना नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए दोनों के बीच पार्टनरशिप का पहला और आखिरी उसूल बनता है, व्यापार में प्यार नहीं। खैर यहां पर बॉलीवुड की टिपकल उड़ान के साथ श्रुति-बिट्टू की शदी की कंपनी शादी मुबारक खूब चलती है और साथ ही श्रुति को वो हो जाता है जिससे उसे सबसे ज्यादा डर था। और फिर सब कुछ एकदम बॉलीवुड के मसाला तौर-तरीकों में ढल जाता है।
कुछ ऐसा होता है जिससे श्रुति को लगता है कि उसे बिट्टू से अलग होना चाहिए। फिर बिट्टू अलग होकर अपनी अलग कंपनी खोलता है और फिर धीरे-धीरे सब कुछ ठीक हो जाता है। कुल मिलाकर एक स्वस्थ और बॉलीवुड के आंगन की चाहरदीवारियों में पली-बढ़ी एक मनोरंजक कहानी।