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    Baazaar Movie Review: सैफ अली खान की शानदार परफॉर्मेंस, पैसा वसूल है ये फिल्म

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    Rating:
    3.0/5
    Star Cast: के के मेनन, प्रशांत नारयण, पीयूष मिश्रा, पवन मल्‍होत्रा, शिल्पा शुक्ला
    Director: अंकुश भट्ट

    'पैसा उसका जो धंधा जानता हो, और मैं हूं धंधों नो गांडो छोकरो'.. जी हां कुछ ऐसे हैं बाज़ार के शकुन कोठारी (सैफ अली खान)। खुद के दम पर बने गुजराती बिलेनियर बिजनेसमैन, कोठारी चालाक है, चाटुकार और धंधे के मामले में बेशर्म भी है। इस फिल्म का सबसे पावरफुल सीन है जिसमें, एक सभागार में चल रहे धार्मिक आयोजन के दौरान शकुन एक फैमिली बिजनेस पर चालाकी से कब्जा कर लेता है और इस आयोजन में उसका ड्रामैटिक ऐलान करता है।

    शकुन का व्यक्तित्व अच्छाई और बुराई दोनों से बराबर भरा हुआ है। जहां एक तरफ शकुन मुंबई के स्टॉक ट्रेडिंग में अपना डर्टी गेम जारी रखता है। वहीं दूसरी तरफ इलाहाबाद में एक यंग स्टॉक ब्रोकर रिज़वाल अहमद (रोहन मेहरा) है जो बत्रा को पूजता है और उसके जैसे बनना चाहता है। जिसका मानना है कि उसकी स्मॉल टाउन मैंटेलिटी उसे उसके आदर्श बत्रा की तरह बनने से नहीं रोक सकती है।

    जल्द ही रिजवान मुंबई पहुंच जाता है। उसका धेय साफ है कि वो यहां स्ट्रगल करने नहीं सेटल होने आया है। इसके बाद रोहन को सहकर्मी और गर्लफ्रेंड प्रिया (राधिका आप्टे) जो कि एक शानदार स्टॉक ब्रोकर है, की मदद से शकुन के अंडर में काम करने का मौका मिल जाता है। रोहन शकुन का विश्वास जीतने में भी कामयाब हो जाता है।

    शकुन और रोहन दोनों ही एक दूसरे से एकदम अलग हैं। फिल्म में एक जगह शकुन खुद बोलता है कि 'तू इमोशन पर चलता है, मैं मैथ पर' लेकिन दोनों का ये अंतर उन्हें हाथ मिलाने से नहीं रोक पाता। धीरे-धीरे शकुन को पता चलता है कि उसे आगे बढ़ने की इस भूख के लिए मंहगी कीमत चुकानी पड़ रही है।

    baazaar-movie-review-and-rating-saif-ali-khan-rohan-mehra

    एक सीन में सैफ अली खान का कैरेक्टर शकुन कहता है कि 'हार और जीत में एक ही फर्क होता हैस भूख' ये डायलॉग ही बाज़ार को पूरी तरह परिभाषित कर देता है। गौरव के चावला ने स्टॉक ट्रेडिंग जैसे मुश्किल लेकिन दिलचस्प टॉपिक पर फिल्म बनाने की शानदार कोशिश की है। सैफ अली खान की शानदार परफॉर्मेंस बाज़ार को ऑडिएंस के लिए पैसा वसूल फिल्म बनाती है। फिल्म में स्टॉक मार्केट से जुड़ी कई चीजें मिसिंग लगती हैं। हालांकि फिल्म फिर भी ऑडिएंस को स्क्रीन से चिपकाए रखने में कामयाब हो जाती है। इसके लिए क्रेडिट सैफ अली थान की शानदार परफॉर्मेंस को भी जाता है। हमारी तरफ से फिल्म को 3 स्टार।

    English summary
    At one point in the film, Saif's character Shakun says, "Haar aur jeet mein ek hi pharak hota hain, bhook." The same holds true for Baazaar. While Gauravv K. Chawl's hunger to dabble with an exciting topic of stock trading is evident, the film misses hitting the bullseye by a whisker. But, it still manages to hold your attention for 140 minutes and the credit largely goes to Saif's streaks of grey. I am going with 3 stars here.
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