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झा के 'आरक्षण' से क्यों डर गये हैं नेता और समाज के ठेकेदार?
कुछ लोगों का कहना है कि फिल्म की शिक्षा के व्यवसाय पर आधारित है। इसलिए फिल्म को रोकना उचित है जबकि कुछ लोगों का कहना है कि फिल्म में समाज के खास वर्ग की दुर्दशा को दिखाया गया है तो किसी ने कहा है कि फिल्म अग्रणों के खिलाफ है जो कि अगर प्रदर्शित होगी तो समाज में एक गलत संदेश जायेगा।
ताज्जुब ये है कि फिल्म को अभी तक किसी ने देखा नहीं है इसलिए किसी को भी सच नहीं पता लेकिन फिर भी इस फिल्म को लेकर विरोध जारी है। निर्देशक प्रकाश झा ने विरोध करने वालों से पहले फिल्म देखने की गुंजारिश की है लेकिन कोई उनकी सुन नहीं रहा है। ये बातें ये सोचने पर मजबूर करती हैं कि समाज के कड़वे सच को हमारी आवाम देखने की जुर्रत नहीं कर पाती है। झा इस फिल्म को लेकर दिल्ली और लखनऊ विवि में एक सभा करना चाहते थे लेकिन दोनों ही जगह सरकार ने उन्हें इजाजत नहीं दी है।
समाज के ठेकेदार जो कि हमेशा गलत होते हैं उन्हें इस बात का भय रहता है कि कहीं उनका सच लोगों के सामने ना आ जाये। आरक्षण फिल्म से पहले आयी फिल्म खाप को भी खाप पंचायत ने हरियाणा में प्रदर्शित नहीं होने दिया। उसे भी डर था कि कहीं जनता भड़क ना जाये। ये बातें ये साबित करती हैं कि समाज में अराजकता, भ्रष्ट्राचार बुरी तरह से फैला हुआ है। जिसे हमारे ही समाज के वो लोग जो इसके जिम्मेदार होते हैं विरोधी बन जाते हैं।
आरक्षण फिल्म ने भी शायद किसी की दुखती नस पर हाथ रख दिया है तभी तो इस के प्रदर्शन को लेकर बुरी तरह हाय-तौबा मची हुई है। देखना दिलचस्प होगा कि झा कि ये फिल्म शुक्रवार को पर्दे पर पहुंचती है या नहीं। क्योंकि ना चाहते हुए भी इस फिल्म को लेकर मचे बवाल ने इसे आम आदमी के बीच काफी लोकप्रिय बना दिया है, जो किसी भी फिल्म के लिए अच्छा संदेश होता है. और जब भी इस तरह की फिल्म पर्दे पर आती है तो सफ्लता के सारे रिकार्ड तोड़ डालती है। आरक्षण का क्या होता है ये बस दो दिनों बाद ही पता चल जायेगा।
आपको बता दें कि फिल्म आरक्षण में प्रकाश झा ने समाज के एक वर्ग को शिक्षा के लिए जूझते हुए दिखाया है। फिल्म में अमिताभ एक आदर्श शिक्षक की भूमिका में हैं तो वहीं सैफ अली खान ने दलित युवक की भूमिका निभायी है। फिल्म में दीपिका पादुकोण ने अमिताभ की बेटी का रोल निभाया है तो वहीं मनोज बाजपेयी खलनायक के रूप में हैं। फिल्म को 12 अगस्त को प्रदर्शित होना है लेकिन फिल्म अपने सब्जेक्ट को लेकर बवाल में फंस गयी है। उत्तर प्रदेश में पहले से ही फिल्म के प्रदर्शन को रोक लगा दिया गया है।