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    'महिलाओं के खिलाफ हिंसा एक महामारी की तरह है'- मर्दानी-2 के डायरेक्टर गोपी पुथरन

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    बॉलीवुड के धुरंधर फ़िल्म-निर्देशक, गोपी पुथरन महिलाओं के अधिकारों को लेकर आवाज़ उठाते रहे हैं, और उन्होंने यशराज फ़िल्म्स की मर्दानी में अपनी शानदार स्क्रिप्ट तथा स्मैश-हिट फ़िल्म 'मर्दानी-2' के लेखन एवं बेहतरीन निर्देशन के जरिए भी महिला अधिकारों की बात को लोगों के सामने प्रस्तुत किया है।

    आज अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस के मौके पर, गोपी चाहते हैं कि हमारा समाज ईमानदारी से इस बात को स्वीकार करे कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा एक महामारी की तरह है, साथ ही वे उम्मीद करते हैं कि लोग इस समस्या को दूर करने के लिए तुरंत एकजुट होकर काम करें।

     Mardaani 2

    गोपी कहते हैं, "हमारे कल्चर में मौजूद गंदगी और इसमें बदलाव नहीं होने की वजह से ही महिलाओं के खिलाफ हिंसा पनपती रहती है, जो समाज के ताने-बाने में महिलाओं की मौजूदगी और उन्हें बराबरी का दर्जा देने से इनकार करती है। इस संस्कृति का सामाजिक-आर्थिक स्तर से कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि यह स्थिति समाज में मर्दों को ज्यादा अहमियत देने से जुड़ी हुई है, जो आर्थिक और सामाजिक सीमाओं से परे जाकर हमारी रोजमर्रा की आदत का हिस्सा बन गई है।"

    वे आगे कहते हैं, "लेकिन कल्चर में रातों-रात बदलाव लाना संभव नहीं है, और इसमें कोई शक नहीं है कि स्पष्ट रूप से नज़र आने वाली समस्याओं पर पर्दा डालने से कल्चर में बदलाव नहीं आता है। महिलाओं के जीवन पर हिंसा के प्रभाव और इसकी वजह से उन्हें होने वाली शारीरिक व मानसिक तकलीफ़ के बारे में हम जितनी ज्यादा चर्चा करेंगे, इस हालात और रवैये में बदलाव लाने की उम्मीद भी उतनी ही ज्यादा होगी। और इसी उद्देश्य से 25 नवंबर को महिला हिंसा उन्मूलन दिवस मनाया जाता है।"

    वे आगे कहते हैं, "वैसे तो सालों भर हर दिन तरह-तरह के मुद्दों के लिए समर्पित हैं, लेकिन आइए हम इस दिन महिलाओं के खिलाफ रोज़मर्रा की हिंसा से जुड़ी कहानियों पर बात करें, इसे दुनिया के सामने लाएं और दूसरों के साथ साझा करें, इससे जुड़े मुद्दों तथा रोकथाम के तरीकों पर चर्चा करें।

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    मजबूत एवं स्वतंत्र विचारों वाली महिला की परवरिश में बड़े होने और उनसे प्रभावित होने वाले व्यक्ति के रूप में, मुझे दिल से ऐसा महसूस होता है कि इस तरह के अपराधों को रोकने का एक तरीका यह है कि ऐसे मुद्दे पर खुलकर बात की जाए, और इससे गुजरने वाली महिलाओं को 'शर्म' और 'अपराध' से नहीं जोड़ा जाए। वे 'पीड़ित' नहीं हैं जिन्हें बचाने की जरूरत है, बल्कि वे भी हम लोगों की तरह 'इंसान' हैं जो अपने साथ हुए गलत बर्ताव के लिए न्याय चाहती हैं।"

    English summary
    'Violence against women is like an epidemic' - Mardaani 2 director Gopi Puthran
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