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    किसानों के समर्थन में सोनाक्षी सिन्हा की बेहद भावुक कविता- ये तुम्हें दंगे दिखाई देते हैं, क्यों?

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    कृषि कानूनों को लेकर किसानों का आंदोलन बीते दो महीने से अधिक समय से जारी है। किसान आंदोलन ग्लोबल मंच पर भी अपनी आवाज पहुंचा चुका है। विदेश के भी कई स्टार्स ने किसान आंदोलन पर अपना समर्थन दिया है। वहीं बॅालीवुड के भी कई स्टार्स ऐसे हैं जो कि किसानों के हक की बात कह रहे हैं।

    इस फेहरिस्त में नया नाम जुड़ा है दबंग गर्ल सोनाक्षी सिन्हा का। सोनाक्षी सिन्हा ने किसान आंदोलन के समर्थन में एक वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में वह किसान आंदोलन के समर्थन में एक भावुक कविता पढ़ रही हैं।

    Sonakshi sinha,

    केंद्र सरकार पर सवाल भी उठा रही हैं। सोनाक्षी सिन्हा का ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। सोनाक्षी सिन्हा के फैंस उनके इस वीडियो के साथ किसानों का खुले तौर पर समर्थन करने के लिए एक्ट्रेस की तारीफ भी कर रहे हैं।

    किसानों के लिए भावुक कविता

    किसानों के लिए भावुक कविता

    बताया जा रहा है कि किसानों के लिए जो भावुक कविता सोनाक्षी सिन्हा ने बोली है वो वरद भटनागर ने लिखी है। इस कविता में सवाल पूछा गया है, इसका शीर्षक है क्यों?

    सोनाक्षी ने लिखा जिनकी वजह से हम रोज भोजन करते हैं

    सोनाक्षी ने लिखा जिनकी वजह से हम रोज भोजन करते हैं

    इस कविता का वीडियो पोस्ट करते हुए सोनाक्षी ने लिखा है कि नजरें मिलाकर खुद से पूछो क्यों? सोनाक्षी ने ये भी लिखा है कि ये कविता उन हाथों को समर्पित है जिनकी वजह से हम रोज भोजन करते हैं।

    क्यों सब पूछते हैं क्यों हम सड़कों पर उतर आए हैं

    क्यों सब पूछते हैं क्यों हम सड़कों पर उतर आए हैं

    ये कविता कुछ इस तरह है- क्यों सब पूछते हैं क्यों हम सड़कों पर उतर आए हैं। खेत खलिहान के मंजर छोड़े, क्यों बंजर शहरों में घुस आए हैं। ये माटी, बोरी, हसिया, दरांती वाले हाथ, क्यों हमने राजनीति के दलदल में सनवाए है।

    अपने ही हिस्से की रोटी खाना जायज नहीं है क्यों

    अपने ही हिस्से की रोटी खाना जायज नहीं है क्यों

    दही, मक्खन और गुड़ वालों ने क्यों इरादे मशालों से सुलगाए हैं। अरे बूढ़ी आंखों, नन्हें कदमों ने क्यों ये दंगे भड़काए हैं, दंगे, ये तुम्हें रंग दिखाई देते हैं क्यों, अपने ही हिस्से की रोटी खाना जायज नहीं है क्यों

    नजरें मिलाकर जरा खुद से पूछो

    नजरें मिलाकर जरा खुद से पूछो

    मक्के की रोटी, सरसों का साग, वैसे तो बड़े चटकारे लेते हो, अब उन्हीं के खातिर ये सब करना ठीक नहीं है क्यों, नजरें मिलाकर जरा खुद से पूछो क्यों

    किसानों को सोनाक्षी का खुला समर्थन

    किसानों को सोनाक्षी का खुला समर्थन

    आपको बता दें कि इससे पहले भी सोनाक्षी ने किसानों के मुद्दे पर अपना पक्ष रखा था। 26 जनवरी की हिंसा के बाद दिल्ली एनसीआर में इंटरनेट बंद किए जाने को लेकर भी सोनाक्षी ने अपनी बात रखी थी और इसे गलत बताया था।

    English summary
    Here read Sonakshi sinha special support poetry for Farmer protesting farmer strike
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