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    सुनील दत्त की पुण्यतिथि पर संजय दत्त ने लिखा भावुक पोस्ट, प्यार से पिता इसलिए बुलाते थे चमेली जान

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    संजय दत्त के पिता सुनील दत्त की आज पुण्यतिथि है। 25 मई 2005 को उनका दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। उस समय सुनील दत्त की उम्र 75 साल की थी। उनकी पुण्यतिथि पर संजय दत्त ने सुनील दत्त के साथ इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर शेयर करते हुए भावुक पोस्ट लिखा है।

    संजय दत्त ने पिता के साथ एक तस्वीर डालते हुए लिखा - एक पिता, एक आदर्श, एक दोस्त, एक मेंटॉर, आप मेरे सब कुछ थे। आपको ढेर सारा प्यार डैड। आपकी कमी खलती है।

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    गौरतलब है कि संजय दत्त ने अपनी मां नरगिस को कम उम्र में ही खो दिया था। इसके बाद उनके जीवन के हर उतार चढ़ाव में उनका साथ उनके पिता सुनील दत्त ने ही दिया। हालांकि, शुरू में उनके रिश्ते अपने पिता से बहुत अच्छे नहीं थे। लेकिन बाद में सुनील दत्त ही संजय दत्त के हर बुरे वक्त में उनके साथ मज़बूती से खड़े दिखाई दिए।

    सुनील दत्त 6 जून 1929 को झेलम, पाकिस्तान में हुआ था। 18 साल की उम्र में उन्होंने भारत - पाकिस्तान का बंटवारा देखा था। याकूब नाम के एक शख्स ने उनके पूरे परिवार की जान बचाई थी जिसके बाद वो भारत आ गए थे।

    प्रोड्यूसर सुनील दत्त

    प्रोड्यूसर सुनील दत्त

    सुनील दत्त ने अपने बैनर अजंता फिल्म्स के तले यादें, रेशमा और शेरा, मन का मीत जैसी फिल्में बनाईं। और इसी दौरान उन पर लाखों का कर्ज़ भी हुआ।

    रेशमा और शेरा

    रेशमा और शेरा

    रेशमा और शेरा 15 दिन की फिल्म थी लेकिन सुनील दत्त डायरेक्टर के काम से खुश नहीं थे। उन्होंने पूरी फिल्म वापस से शूट करने का मन बनाया और उन्होंने दोबारा फिल्म खुद डायरेक्ट की।

    दो महीने चली शूटिंग

    दो महीने चली शूटिंग

    इस फिल्म की शूटिंग दो महीने तक चली और सुनील दत्त पर 60 लाख का कर्ज़ हो गया। फिल्म की युनिट में 100 लोग थे जो जैसलमेर में रहते थे। फिल्म में वहीदा रहमान, विनोद खन्ना, अमिताभ बच्चन, राखी, अमरीश पुरी जैसे सितारे थे।

    संजय दत्त का डेब्यू

    संजय दत्त का डेब्यू

    संजय दत्त उस दौरान बोर्डिंग स्कूल में पढ़ते थे और छुट्टियों में घर आए हुए थे। वो केवल 12 साल के थे। सुनील दत्त ने पूछा कि वो फिल्मों में काम करना चाहेंगे। संजय के हां बोलते ही सुनील दत्त ने उन्हें कव्वाल के बगल में बैठा दिया। उनका काम सबको इतना पसंद आया कि सुनील दत्त प्यार से संजय दत्त को चमेली जान कह कर बुलाने लगे। जब संजय बोर्डिंग स्कूल वापस गए तो सुनील दत्त अपनी चिट्ठियों में भी संजय दत्त को डियर चमेली ही लिखते थे।

    हो गए थे कंगाल

    हो गए थे कंगाल

    रेशमा और शेरा से कर्ज़ में डूबने के बाद सुनील दत्त कंगाल हो गए थे। एक इंटरव्यू में वो बताते हैं कि उनके पास ना काम था ना ही पैसे। उनकी 7 गाड़ियों में से 6 गाड़ियां तक बिक गई थीं। 1 गाड़ी बची थी जो बेटियों को स्कूल छोड़ने के लिए बचा ली गई थी।

    नरगिस के थिएटर से मदद

    नरगिस के थिएटर से मदद

    उस दौरान सुनील दत्त के काम आया नरगिस का थिएटर। नरगिस ने घर में ही एक छोटा थिएटर बनवा रखा था जिसे वो प्रोड्यूसर्स को अपनी फिल्मों की स्क्रीनिंग के लिए किराए पर देने लगे। और उससे उनकी माली हालत थोड़ी सुधरी।

    सफल फिल्मों से वापसी

    सफल फिल्मों से वापसी

    इसके बाद सुनील दत्त ने कुछ हीरा, गीता मेरा नाम, प्राण जाए पर वचन ना जाए, नहले पर दहला जैसी फिल्में की और ये सब फिल्में सफल रहीं। जब सुनील दत्त पैसों की तंगी से जूझ रहे थे उस दौरान उन्होंने बस तक में सफर किया। लोग उन्हें ताने मारते थे कि उनका सब कुछ खत्म हो गया।

    दूसरी पारी

    दूसरी पारी

    अभिनय के बाद सुनील दत्त ने अपनी दूसरी पारी राजनीति में खेली। वो एक सफल राजनेता थे और उन्होंने मनमोहन सरकार में खेल और युवा मंत्रालय भी संभाला।

    बेटे और दामाद

    बेटे और दामाद

    तस्वीर में सुनील दत्त अपने बेटे संजय दत्त और दामाद कुमार गौरव के साथ नज़र आ रहे हैं। कुमार गौरव, सुनील दत्त और नरगिस की बेटी नम्रता दत्त के पति हैं।

    English summary
    Sanjay Dutt posted a picture with father Sunil Dutt with an emotional caption on his death anniversary. The late actor used to call Sanjay Dutt as Chameli Jaan and there is a story behind this name.
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