Just In
- 3 hrs ago Crew Review: चोर के घर चोरी करती नजर आईं तबू, करीना और कृति, बेबो ने लूट ली सारी लाइमलाइट, कृति पड़ीं फीकी
- 6 hrs ago बेटे अकाय के जन्म के बाद अनुष्का शर्मा ने शेयर की अपनी पहली तस्वीर, दूसरी डिलिवरी के बाद ऐसी हो गई हैं हसीना
- 6 hrs ago ईशा अंबानी ने 508 करोड़ में बेचा अपना 38,000 स्कवेयर फुट का बंगला, इस हसीना ने चुटकी बजाकर खरीदा?
- 7 hrs ago 250 करोड़ की मालकिन बनने को तैयार 1 साल की राहा कपूर! रणबीर-आलिया ने लिया ऐसा फैसला
Don't Miss!
- News Mukhtar Ansari: इस गुरु को गुरुदक्षिणा देने के लिए मुख्तार ने उठाया था हथियार, फिर नहीं रूकी उसकी प्यास!
- Lifestyle Mukhtar Ansari Networth : मुख्तार अंसारी का निधन, जानें कितनी बेशुमार दौलत के थे मालिक?
- Education MHT CET 2024 Exam Dates: एमएचटी सीईटी 2024 परीक्षा की तारीखें फिर से संशोधित की गई, नोटिस देखें
- Finance Gaming का बिजनेस भारत में पसार रहा पांव, आने वाले सालों में 6 अरब डॉलर तक का होगा कारोबार
- Automobiles अब Toll प्लाजा और Fastag से नहीं, इस खास सिस्टम से होगा Toll Collection! नितिन गडकरी ने दिया बड़ा अपडेट
- Technology Oppo F25 Pro भारत में नए Coral Purple कलर में उपलब्ध, जानिए, स्पेक्स और उपलब्धता
- Travel Good Friday की छुट्टियों में गोवा जाएं तो वहां चल रहे इन फेस्टिवल्स में भी जरूर हो शामिल
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
भारतीय मीडिया में ऑस्कर की धूम...
अख़बारों के मुख्यपृष्ठ पढ़कर पता चलता है कि संगीतकार एआर रहमान, फ़िल्म स्लमडॉग मिलियनेयर की टीम, डॉक्यूमेंट्री स्माइल पिंकी की ख़बरों ने राजनीति, अपराध और खेल की ख़बरों को पीछे छोड़ दिया है.
दोनों हाथों में ऑस्कर उठाए एआर रहमान की बड़ी तस्वीर के साथ दैनिक जागरण की मुख्य ख़बर की हेडलाइन है - 'ऑस्कर फ़तह' और अमर उजाला की सुर्खी है - 'जय, जय, जय, जय हे.'
ऑस्कर अवार्ड्स पर बीबीसी हिंदी विशेष
यदि एक क्षण के लिए ये मान भी लिया जाए कि निर्देशक डैनी बॉयल ने नकारात्मकता का दोहन किया है तब भी इस सच्चाई से मुंह नहीं मोड़ा जा सकता कि देश के एक बड़े हिस्से में बैसी ही बदहाली है जैसी इस फ़िल्म में दिखाई गई है... संपादकीय - दैनिक जागरण
यदि
एक
क्षण
के
लिए
ये
मान
भी
लिया
जाए
कि
निर्देशक
डैनी
बॉयल
ने
नकारात्मकता
का
दोहन
किया
है
तब
भी
इस
सच्चाई
से
मुंह
नहीं
मोड़ा
जा
सकता
कि
देश
के
एक
बड़े
हिस्से
में
बैसी
ही
बदहाली
है
जैसी
इस
फ़िल्म
में
दिखाई
गई
है... |
जहाँ पंजाब केसरी ने पहली ख़बर की सुर्खी लगाई है - 'जय हो!' वहीं जनसत्ता की मुख्य ख़बर की सुर्खी है - 'दुनिया में रहमान के संगीत की जय' और दैनिक हिंदुस्तान की हेडलाइन है - 'जय हो की हो गई जय.'
'सच्चाई से मुंह नहीं मोड़ सकते'
अमर उजाला ने मिर्ज़ापुर निवासी बच्ची पिंकी की तस्वीरे के साथ डॉक्यूमेंट्री स्माइल पिंकी को मिले ऑस्कर की ख़बर की सुर्खी दी है -'पिंकी भी मुस्कुराई.' अख़बार ने अपने संपादकीय में लिखा है - "तकनीकी पक्ष को छोड़कर स्लमडॉग मिलियनेयर का सब कुछ भारतीय ही है. इसलिए इसे और स्माइल पिंकी को मिला ऑस्कर भारतीय फ़िल्मों की अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धी है."
दैनिक जागरण ने अपने संपादकीय में लिखा है - "...स्लमडॉग को चमत्कारिक और अप्रत्याशित सफलता मिलने के बावजूद हमारे देश में एक वर्ग ऐसा है जो इस फ़िल्म में भारत की ग़रीबी के चित्रण को लेकर चिंतित है."
'बढ़ती आशाओं की कहानी'
स्लमडॉग मिलियनेयर का ऑस्कर एक ऐसी कहानी है जिसका जश्न मनाना चाहिए...ये ज़रूर है कि फ़िल्म भारत की ग़रीबी की बुरी लगने वाली असलियत दिखाती है...लेकिन ये बढ़ती आशाओं की कहानी है... और वह भी भारत की असलियत है... संपादकीय - टाइम्स ऑफ़ इंडिया
स्लमडॉग
मिलियनेयर
का
ऑस्कर
एक
ऐसी
कहानी
है
जिसका
जश्न
मनाना
चाहिए...ये
ज़रूर
है
कि
फ़िल्म
भारत
की
ग़रीबी
की
बुरी
लगने
वाली
असलियत
दिखाती
है...लेकिन
ये
बढ़ती
आशाओं
की
कहानी
है...
और
वह
भी
भारत
की
असलियत
है... |
दैनिक जागरण अपने संपादकीय में आगे लिखता है - "...इसमें दो राय नहीं कि स्लमडॉग में मुंबई महानगर की स्तब्ध कर देने वाली ग़रीबी को उकेरा गया है.....लेकिन यदि एक क्षण के लिए ये मान भी लिया जाए कि निर्देशक डैनी बॉयल ने नकारात्मकता का दोहन किया है तब भी इस सच्चाई से मुंह नहीं मोड़ा जा सकता कि देश के एक बड़े हिस्से में बैसी ही बदहाली है जैसी इस फ़िल्म में दिखाई गई है..."
मुख्यपृष्ठ पर अंग्रेज़ी अख़बार टाइम्स ऑफ़ इंडिया की सुर्खी है - 'इंडिया ब्रेक्स साउंड बैरियर' यानी भारत ने ध्वनि अवरोध को पार किया.
अपने संपादकिया में टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने लिखा है - "स्लमडॉग मिलियनेयर का ऑस्कर एक ऐसी कहानी है जिसका जश्न मनाना चाहिए...ये ज़रूर है कि फ़िल्म भारत की ग़रीबी की बुरी लगने वाली असलियत दिखाती है...लेकिन ये बढ़ती आशाओं की कहानी है... और वह भी भारत की असलियत है...."
अंग्रेज़ी अख़बारों में द स्टेट्समैन, इंडियन एक्सप्रेस, हिंदुस्तान टाइम्स इत्यादि लगभग सभी ने ऑस्कर समारोह के कवरेज को प्रथम पृष्ठ पर ख़ासी प्रमुखता दी है.
दिल्ली से छपने वाले उर्दू अख़बार सहाफ़त में भी पहली ख़बर ऑस्कर सम्मान से जुड़ी है और हेडलाइन है - 'हिन्दुस्तान की गुरबत को ऑस्कर अवार्ड.' मुंबई से छपने वाले उर्दू अख़बार इन्क़िलाब की पहली सुर्खी है - 'हिन्दुस्तानी मुसलामानों की धूम ऐआर रहमान और रसूल पोकुट्टी को ऑस्कर अवार्ड.'
हैदराबाद से छपने वाले अख़बार सिआसत की हेडलाइन है-'अल्ला रक्ख़ा रहमान को दो ऑस्कर अवार्डज़, स्लमडॉग मिलियनेयर को आठ अवार्ड्ज़.'