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थलाईवी ट्रेलर लॉन्च पर रो पड़ीं कंगना रनौत, डायरेक्टर विजय के बारे में बात करते हुए हो गईं भावुक
कंगना रनौत की जयललिता बायोपिक, थलाईवी का ट्रेलर लॉन्च किया जा चुका है और इस इवेंट पर मीडिया से बात करते हुए कंगना की आंखों से आंसू छलक गए। कंगना रनौत ने अपने डायरेक्टर विजय के बारे में बात करते हुए बताया कि इन्होंने मेरे टैलेंट को कभी कमतर नहीं आंका और मुझे छोटा महसूस नहीं करवाया।
मीडिया
से
बात
करते
हुए
कंगना
रो
पड़ीं
और
कहा
-
आज
तक
मेरी
ज़िंदगी
में
कोई
आदमी
ऐसा
नहीं
आया
जिसने
मेरे
बारे
में
मुझे
छोटा
महसूस
नहीं
करवाया
हो।
विजय
एक
ऐसे
इंसान
हैं
जिन्होंने
मुझे
मेरे
टैलेंट
पर
गर्व
करना
सिखाया।
इतना
कह
कर
कंगना
रो
पड़ीं।
गौरतलब
है
कि
इससे
पहले
कंगना
ने
अपने
ट्विटर
पर
थलाईवी
डायरेक्टर
विजय
की
तारीफ
करते
हुए
लिखा
था
कि
वो
एक
ऐसे
इंसान
हैं
जो
हीरोइनों
की
भी
कद्र
करते
हैं।
ज़्यादातर
डायरेक्टर
केवल
अपने
एक्टर
के
साथ
एक
सामंजस्य
बिठाते
हैं
और
उन्हीं
की
बातें
सुनते
हैं।
विजय
ने
उन्हें
महसूस
करवाया
कि
हीरोइनें
भी
डायरेक्टर
के
साथ
एक
अच्छी
ईक्वेशन
रख
सकती
हैं।
गौरतलब
है
कि
हाल
फिलहाल
में
कंगना
रनौत
ने
काफी
ज़ोर
शोर
से
बॉलीवुड
के
खिलाफ
मोर्चा
खोला
जिसके
बाद
उनके
दोस्त
कम
और
दुश्मन
ज़्यादा
बन
चुके
हैं।
लेकिन
कंगना
ने
साफ
किया
कि
उनके
संघर्ष
के
दिनों
में
उन्हें
इतना
प्रताड़ित
किया
गया
है
कि
अब
उन्हें
किसी
से
कोई
फर्क
नहीं
पड़ता
है।
गैंगस्टर से हुई थी शुरूआत
कंगना रनौत ने फिल्मों में अपनी शुरूआत अनुराग बसु की फिल्म गैंगस्टर के साथ की थी। इसके बाद कंगना रनौत, भट्ट कैंप का हिस्सा बन चुकी थीं। उन्होंने वो लम्हें, लाइफ इन अ मेट्रो जैसी फिल्मों में काम किया।
फैशन से मिली सशक्त पहचान
कंगना रनौत को 2007 में फैशन फिल्म में सपोर्टिंग किरदार के लिए सशक्त पहचान मिली। मधुर भंडारकर की इस फिल्म के लिए कंगना रनौत को बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का नेशनल अवार्ड तक मिला।
करियर में देखे हैं उतार चढ़ाव
कंगना ने एक इंटरव्यू में बताया था कि ज़िंदगी में एक वक्त ऐसा भी था जब उनका फोकस केवल पैसा कमाना था। और ये पैसे चाहिए थे उन्हें अपनी बहन रंगोली के लिए।अपनी बहन रंगोली के एसिड अटैक के बारे में बात करते हुए बताया था कि इलाज के पैसों के लिए उन्होंने अजीब से अजीब फिल्म भी साईन की क्योंकि उस वक्त उनका फोकस केवल पैसे कमाना था।
केवल 19 साल की कंगना
कंगना रनौत, केवल 19 साल की थी और एक उज्ज्वल भविष्य और बेहतरीन करियर के सपने देख रही थी। लेकिन उसी वक्त उनकी बहन रंगोली पर तेज़ाब से हमला किया गया। इसके बाद ये हादसा उनकी ज़िंदगी का एक बहुत ही लंबा संघर्ष बन गया।
बाकियों से बेहद अलग हो गई थी ज़िंदगी
कंगना ने इसी इंटरव्यू में बताया था कि ये भयानक, क्रूर कांड एक पुरूष प्रधान सोच का नतीजा था। पैसों के मामले में भी हम लोग उस समय बहुत कमज़ोर थे। उनके आसपास की लड़कियां खराब बाल होने की वजह से डिप्रेशन में जा रही थी या फिर अच्छा खाना नहीं मिला तो उनका मूड खराब हो जाता था।
कोई भी किरदार निभाया
कंगना ने बताया कि उस दौरान वो एक बहुत ही ज़मीनी हक़ीकत से लड़ रही थी और उनके पास बैठकर रोने या मूड खराब करने के लिए या वक्त नहीं था। उन्होंने अजीब सी बी ग्रेड - सी ग्रेड फिल्में की। ऐसे किरदार निभाए जो उन्हें नहीं निभाने चाहिए थे।
मिल गई थी गलत संगत
अपने संघर्ष के दिनों के बारे में भी बात करते हुए कंगना ने बताया कि इन संघर्षों ने उन्हें और भी मज़बूत बना दिया। अपने घर छोड़ने के दिनों को याद करते हुए कंगना ने बताया - मैं आते ही बिल्कुल गलत संगत में पड़ गई।
होती गईं मज़बूत
कुछ लोगों ने इस बात का बहुत फायदा उठाया कि कंगना अकेली थी और उनके मां - बाप भी उनका साथ नहीं दे रहे थे। एक इंसान जितना बुरा झेल सकता है, उन्होंने उतना बुरा झेला है। लेकिन इन सारे अनुभवों ने उन्हें मज़बूत बनाया है और आज वो जो भी हैं इन खराब अनुभवों के कारण हैं।
हमेशा देंगी बच्चों का साथ
हालांकि अपने माता पिता का संघर्ष के दिनों में साथ ना होना कंगना को अक्सर ही खलता है। अपने बच्चों को लेकर उनकी चिंता में उनका ये दर्द दिखता है। कंगना का कहना है कि वो नहीं चाहेंगी कि उनके बच्चे ऐसी चीज़ों से कभी गुज़रें। वो हमेशा उनके साथ खड़ी रहेंगी।
घर से भाग गई थीं कंगना
गौरतलब है कि कंगना रनौत पढ़ने में तेज़ थीं और इसलिए उनके पिता उन्हें डॉक्टर बनाना चाहते थे। लेकिन कंगना एक फिल्म हीरोइन बनना चाहती थीं और इसलिए कलाकार बनने का सपना उन्हें उनके परिवार से दूर कर गया। 15 साल की उम्र में कंगना रनौत अपना घर और परिवार छोड़कर मुंबई चली आई थीं। इसके बाद उनके जीवन में जो भी हुआ, उसके साक्षी सब हैं।