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    किशोर कुमार का 81वां जन्मदिन आज

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    ऐसे इंसान धरती पर कम ही पैदा होते हैं जो कि हर मामले में परफेक्ट होते हैं, चाहे वो गायिकी का मंच हो या फिर अभिनय का स्टेज जो हर जगह अव्वल हो, ऐसे ही बेहतरीन और बेमिसाल शख्सियत थे अभिनेता औऱ गायक किशोर कुमार, जो अभूतपूर्व प्रतिभा के मालिक थे। आज किशोर कुमार का 81वां जन्मदिन है।

    किशोर कुमार की 81वीं जयंति आज

    किशोर कुमार का जन्म 4 अगस्त 1929 को मध्य प्रदेश के खंडवा शहर में वहाँ के जाने माने वकील कुंजीलाल के यहाँ हुआ था। किशोर कुमार का असली नाम आभास कुमार गांगुली था। किशोर कुमार की शुरुआत एक अभिनेता के रूप में फिल्म शिकारी सन् 1946 से हुई ।

    अभूतपूर्व प्रतिभा के मालिक थे किशोर

    इस फिल्म में उनके बड़े भाई अशोक कुमार ने प्रमुख भूमिका की थी। उन्हें पहली बार गाने का मौका मिला फिल्म 1948 में बनी फिल्म जिद्दी में। जिसमें उन्होंने देव आनंद के लिए गाना गाया था। किशोर कुमार के. एल. सहगल के ज़बर्दस्त प्रशंसक थे, इसलिए उन्होंने यह गीत उन की शैली में ही गाया। "जिद्दी" की सफलता के बावजूद उन्हें न तो पहचान मिली और न कोई खास काम मिला। उन्होंने 1951 में फणी मजूमदार द्वारा निर्मित फिल्म 'आंदोलन' में हीरो के रूप में काम किया मगर फिल्म फ्लॉप हो गई।

    1954 में उन्होंने बिमल राय की 'नौकरी' में एक बेरोजगार युवक की संवेदनशील भूमिका कर अपनी ज़बर्दस्त अभिनय प्रतिभा से भी परिचित किया। इसके बाद 1955 में बनी "बाप रे बाप", 1956 में "नई दिल्ली", 1957 में "मि. मेरी" और "आशा", और 1958 में बनी "चलती का नाम गाड़ी" जिस में किशोर कुमार ने अपने दोनों भाईयों अशोक कुमार और अनूप कुमार के साथ काम किया और उनकी अभिनेत्री थी मधुबाला।

    फिल्म आराधना के गीतों से किया धमाल

    यह भी मजेदार बात है कि किशोर कुमार की शुरुआत की कई फिल्मों में मोहम्मद रफी ने किशोर कुमार के लिए अपनी आवाज दी थी। मोहम्मद रफी ने फिल्म 'रागिनी" तथा 'शरारत" में किशोर कुमार को अपनी आवाज उधार दी तो मेहनताना लिया सिर्फ एक रुपया। काम के लिए किशोर कुमार सबसे पहले एस डी बर्मन के पास गए थे । जिन्होंने पहले भी उन्हें 1950 में बनी फिल्म "प्यार" में गाने का मौका दिया था। एस डी बर्मन ने उन्हें फिर "बहार" फिल्म में एक गाना गाने का मौका दिया। कुसुर आप का और यह गाना बहुत हिट हुआ।

    सुपर स्टार राजेश खन्ना की आवाज थे किशोर

    शुरू में किशोर कुमार को एस डी बर्मन और अन्य संगीत कारों ने अधिक गंभीरता से नहीं लिया और उनसे हल्के स्तर के गीत गवाए गए, लेकिन किशोर कुमार ने 1957 में बनी फिल्म "फंटूस" में दुखी मन मेरे गीत अपनी ऐसी धाक जमाई कि जाने माने संगीतकारों को किशोर कुमार की प्रतिभा का लोहा मानना पड़ा। इसके बाद एसडी बर्मन ने किशोर कुमार को अपने संगीत निर्देशन में कई गीत गाने का मौका दिया।

    आर डी बर्मन के संगीत निर्देशन में किशोर कुमार ने 'मुनीम जी', 'टैक्सी ड्राइवर', 'फंटूश', 'नौ दो ग्यारह', 'पेइंग गेस्ट', 'गाईड', 'ज्वेल थीफ़', 'प्रेमपुजारी', 'तेरे मेरे सपने' जैसी फिल्मों में अपनी जादुई आवाज से फिल्मी संगीत के दीवानों को अपना दीवाना बना लिया।

    मौसिकि के बादशाह थे किशोर

    एक अनुमान के मुताबिक किशोर कुमार ने वर्ष 1940 से वर्ष 1980 के बीच के अपने करियर के दौरान करीब 574 से अधिक गाने गाए। किशोर कुमार ने हिन्दी के साथ ही तमिल, मराठी, असमी, गुजराती, कन्नड़, भोजपुरी, मलयालम और उड़िया फिल्मों के लिए भी गीत गाए। किशोर कुमार को आठ फिल्म फेयर अवार्ड मिले, उनको पहला फिल्म फेयर अवार्ड 1969 में अराधना फिल्म के गीत रूप तेरा मस्ताना प्यार मेरा दीवाना के लिए दिया गया था।

    आठ फिल्म फेयर अवार्ड जीता

    किशोर कुमार की खासियत यह थी कि उन्होंने देव आनंद से लेकर राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन के लिए अपनी आवाज दी और इन सभी अभिनेताओं पर उनकी आवाज ऐसी रची बसी मानो किशोर खुद उनके अंदर मौजूद हों। किशोर कुमार ने 81 फ़िल्मों में अभिनय किया और 18 फिल्मों का निर्देशन भी किया। फ़िल्म 'पड़ोसन' में उन्होंने जिस मस्त मौला आदमी के किरदार को निभाया वही किरदार वे जिंदगी भर अपनी असली जिंदगी में निभाते रहे।

    बेहतरीन गायक के साथ उत्कृष्ठ अभिनेता

    अभूतपूर्व प्रतिभा के धनी किशोर कुमार ने दूनिया 13 अक्तूबर, 1987 से दुनिया से विदा ले लिया, भले ही वो आज हमारे बीच नहीं है लेकिन अपनी सुरमयी आवाज और बेहतरीन अदायकी से वो हमेशा हमारे बीच रहेंगे।

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