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    "...तो सलमान और शाहरूख की #Stardom में ये है सबसे बड़ा अंतर"

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    अनुराग कश्यप ने हाल ही में जागरण फिल्म फेस्टिवल में दिल खोलकर सिनेमा और अच्छी फिल्मों पर बात की। पैसों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि आजकल फिल्मों में पैसा इतना अहम हो गया है कि काम पीछे चला गया है। सब कुछ पैसों से होता है।

    हालांकि इसमें कोई बुरा नहीं है। लेकिन पहले आप कला को समझ लीजिए, जान लीजिए फिर चाहे जितना पैसों में खुद को तौलिए। लेकिन आते ही लोग सीधा पैसों पर ही बात करें, ये गलत है।

    Anurag Kashyap on cinema

    आईडिया से बनती है फिल्में
    अनुराग कश्यप ने कहा कि फिल्म हमेशा आइडिया से बनती है। अच्छे एक्टर से बनती है। सुपरस्टार ब्लॉकबस्टर ज़रूर बनाते होंगे पर उसमें फिल्म जैसा कुछ नहीं होता है।
    ["शाहरूख - सलमान - आमिर...अगर इतने बड़े हैं तो बड़प्पन दिखाएं"]

    कैसे बना शाहरूख
    अनुराग ने बताया कि शाहरूख खान दिल्ली से आया और स्टार बन गया क्योंकि उसका घमंड नहीं आया बीच में। वो सब कुछ कर चुका था और उसने सब कुछ किया। टीवी, थियेटर और तब कहीं जाकर स्टार बना।

    आजकल लोगों में इतना ईगो है कि शाहरूख पहले बन जाते हैं और उसके बाद देखते हैं कि काम क्या करना है। पहली ही फिल्म के बाद हर कोई खुद को स्टार समझने लगता है। स्टारडम झेल पाना हर किसी के बस की बात नहीं है।
    [''सलमान किसी फिल्म में खड़े भी हो जाएंगे तो बॉक्स ऑफिस 300 करोड़ होगा'']

    कास्टिंग में आसानी
    स्टार को ध्यान में रखकर जब फिल्में लिखी जाएं तो आप प्रोजेक्ट कर रहे हैं, फिल्में नहीं। फिल्म लिखी जाती है तब कास्टिंग की जाती है। पहले से कैसे आप तय सकते हैं कि कौन सा एक्टर इस किरदार में फिट बैठेगा।

    फिल्मों का बजट
    फिल्मों के बजट पर बात करते हुए अनुराग कश्यप ने कहा कि मैं छोटी बजट की फिल्में बनाता हूं। क्योंकि मेरी फिल्मों में स्टार नहीं होते। वो सब नॉर्मल एक्टर होते हैं।
    ["...इसलिए मैं कभी 100 करोड़ की फिल्म दे ही नहीं सकता"]

    स्टार के साथ कोई मज़ा नहीं
    कश्यप ने बताया कि उनकी फिल्मों में स्टार नहीं होता क्योंकि कहानी ही वैसी नहीं होती। उन्हें एक नॉर्मल यूपी बिहार के लड़के के साथ भी फिल्म बनाने में ही उतना मज़ा आएगा क्योंकि उन्हें पता है कि उनकी कहानी अच्छी है।

    स्टारडम पर की बात
    अनुराग कश्यप का कहना है कि फिल्म जगत में फिल्मी सितारों के बच्चे बाहर से आए लोगों की तुलना में सफलता को बेहतर तरीके से संभाल पाते हैं, क्योंकि बाहरी लोगों का शुरूआती सफलता के बाद ही ध्यान भटक जाता है।

    क्या है स्टार किड्स का मंत्र
    देव डी में अभय देओल और बॉम्बे वेलवेट में रणबीर कपूर के साथ काम करने वाले कश्यप ने अधिकतर सभी फिल्मों में बाहरी सितारों के साथ ही काम किया है।



    कश्यप ने कहा कि क्योंकि फिल्मी सितारों के बच्चों ने बचपन से ही कामयाबी और नाकामयाबी के उतार-चढ़ाव को देखा होता है इसलिए वे अपने आप को संभालने के लिए तैयार होते हैं।

    English summary
    Anurag Kashyap talks about cinema and stardom.
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