twitter
    For Quick Alerts
    ALLOW NOTIFICATIONS  
    For Daily Alerts

    अपने दादा के अवतार हैं अमिताभ बच्‍चन!

    By Ajay Mohan
    |

    Amitabh Bachchan
    बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्‍चन क्‍या अपने दादा प्रताप नारायण के अवतार हैं? बिग बी की बातों से तो कुछ ऐसा ही लगता है। हर बार की तरह इस बार भी बॉलीवुड शहंशाह अमिताभ बच्‍चन अपने पिता हरिवंश राय बच्‍चन की किताब 'मधुशाला' में डूब गये। वो अपने पिता की यादों में ऐसे डूबे की जीवन की कई अहम बातें दुनिया से कह डालीं। उन्‍होंने बताया कि हरिवंश राय उन्‍हें अपने पिता का अवतार मानते थे।

    भोपाल के ओरियंटल कॉलेज में मधुशाला पर आयोजित एक काव्‍य संध्‍या में अमिताभ बच्‍चन अपने जीवन की यादों में खो गए। मधुशाला की पंक्तियां सुनाते हुए उन्‍होंने बताया कि एक दिन उनके पिता के सपने में उनके दादा प्रताप नारायण आये और बोले, "मैं अपने जीवन में तुम्‍हारी कमी महसूस कर रहा हूं, इसलिए मैं वापस आ रहा हूं। उठो, अब उठ भी जाओ।" हरविंश राय की जैसे ही आंख खुली तो देखा उनकी पत्‍नी बेड पर नहीं हैं, वो गर्भ की पीड़ा के कारण जमीन पर गिर गई हैं। वे उन्‍हें तुरंत अस्‍पताल ले गये। उस दिन 11 अक्‍तूबर, 1942 थी। और मैं उसी दिन पैदा हुआ। अमिताभ ने कहा कि इसीलिए वो पुनर्जन्‍म पर विश्‍वास करते हैं।

    अमिताभ ने कहा कि लोग कहते हैं कि कायस्‍थ शराब पीने के लिए ही जाने जाते हैं। जबकि मेरे पिता ने कभी शराब नहीं पी। जरा सोचिए बिना शराब के मधुशाला कैसे लिखी। असल में यही उनकी बेहतरीन सोच का उदाहरण है। वे कहा करते थे, "मैं कायस्‍थ हूं फिर भी शराब नहीं पीता, लेकिन मेरे पूर्वज शराब पीते थे और उन्‍हीं का खून मेरे शरीर में दौड़ रहा है, लिहाजा मेरे खून में भी 60 प्रतिशत अल्‍कोहल (मदिरा) है। इसलिए मधुशाला लिखने का मुझे पूरा अधिकार है।" अमिताभ ने कहा कि मधुशाला सिर्फ एक कविता नहीं है, वो एक पूरा जीवन है।

    गौरतलब है कि अमिताभ इन दिनों प्रकाश झा की फिल्‍म आरक्षण की शूटिंग के लिए भोपाल में हैं। हालांकि भोपाल में उनका ससुराल भी है। उसी के चलते वे एक कार्यक्रम में बतौर मुख्‍य अतिथि एवं वक्‍ता आये थे।

    English summary
    The Bollywood superstar's father and noted poet late Harivanshrai Bachchan, appears to have believed that Amitabh is reincarnation (avatar) of his grand father Pratap Narain. Bachchan revealed this while reciting his father's poem Madhushala in Oriental College of Bhopal.
    तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
    Enable
    x
    Notification Settings X
    Time Settings
    Done
    Clear Notification X
    Do you want to clear all the notifications from your inbox?
    Settings X
    X