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    बॉलीवुड की ये फिल्में बताती हैं ‘प्यार दोस्ती है’

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    हमारे जीवन का हर रिश्ता बेहद खास होता है। खास तौर पर वो रिश्ते जिनसे हमारा खुन का कोई रिश्ता नहीं होता यानी दोस्ती। दोस्ती उस समय एक इंसान की जिंदगी बन जाती है जब यह प्यार में बदल जाती है। रिश्तों के इसी अपनेपन और खासियत को बॉलीवुड की फिल्मों में बड़ी खूबसूरती के साथ दिखाया गया है। हिंदी फिल्मों की वजह से ही प्यार और दोस्ती के मायने बदल जाते हैं।

    आइए आपको ऐसी फिल्मों की एक झलक दिखाते हैं, जिनमें दिखाया गया 'प्यार दोस्ती है'

     जाने तू...या जाने ना :

    जाने तू...या जाने ना :

    जेनेलिया डिसूजा और इमरान खान की फिल्म 'जाने तू...या जाने ना' में कॉलेज लाइफ और दोस्ती की गहराई को बड़ी ही खूबसूरती से दिखाती है। फिल्म में दिखाया गया कि जय और अदिती गहरे दोस्त हैं लेकिन जब दोनों को अलग-अलग पार्टनर मिलता है तब उन्हें पता चलता है कि वे एक-दूसरे से प्यार करते हैं।

    वेक अप सिड :

    वेक अप सिड :

    रणबीर कपूर और कोंकणा सेन शर्मा स्टारर फिल्म 'वेक अप सिड' में दो बिल्कुल अलग-अलग लोगों सिड और आयशा की कहानी दिखायी गयी है। दोनों एक-दूसरे से अलग होने के बावजूद काफी अच्छी तरह एक-दूसरे के साथ रहते हैं। फिल्म के अंत में दोनों अपने प्यार का इजहार भी करते हैं।

    ये जवानी है दिवानी :

    ये जवानी है दिवानी :

    फिल्म 'ये जवानी है दिवानी' में दोस्ती के अलग-अलग रंगों को दिखाया गया है। एक तरफ कबीर उर्फ बनी (रणबीर कपूर) अपने दोस्त अवी की दोस्ती के रंग बिखरे हुए हैं, वहीं दूसरी तरफ नैना और बनी की दोस्ती जो धीरे-धीरे प्यार में बदलती है, को दिखाया जा रहा है। नैना को बनी के प्यार में होने का अहसास तो है लेकिन बनी अपनी जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए इतना बेकरार है कि वह नैना के प्यार को ही अनदेखा कर देता है। आखिरकार उसे नैना के प्यार का अहसास तब होता है जब वह उससे दूर होता है। इसके बाद बनी भी अपने प्यार का इजहार करता है।

    आयशा :

    आयशा :

    आयशा (सोनम कपूर) एक अमीर परिवार की लड़की है जिसे शॉपिंग करने का बड़ा शौक है। वहीं उसका सबसे अच्छा दोस्त अर्जुन (अभय द्योल) है, जो एक शांत लड़का है। दोनों को धीरे-धीरे पता चलता है कि वे एक-दूसरे के ना सिर्फ दोस्त हैं बल्कि एक-दूसरे से प्यार भी करने लगे हैं।

    कुछ कुछ होता है :

    कुछ कुछ होता है :

    यह पूरी फिल्म ही प्यार और दोस्ती के इर्द-गिर्द ही घूमती है। कॉलेज में राहुल (शाहरुख खान) की बेस्ट फ्रेंड होती है अंजली (काजोल), जो उससे एक-तरफा प्यार करती है। लेकिन इस बात से अंजान राहुल कॉलेज में आयी नयी लड़की टीना (रानी मुखर्जी) से पहले दोस्ती और फिर उसके प्यार में पड़ जाता है। टीना की मौत के बाद जब राहुल फिर से अंजली से मिलता है, तब जाकर उसे अहसास होता है कि उसे अंजली से प्यार है।

    दिल चाहता है :

    दिल चाहता है :

    मुख्य तौर पर फिल्म 'दिल चाहता है' तीन दोस्तों की कहानी है। लेकिन कहानी को और भी रोचक बनाता है अक्षय (आमिर खान) और शालिनी (प्रीति जिंटा) की केमिस्ट्री। शालिनी प्यार को खूबसूरत मानती हैं जबकि अक्षय को प्यार पर भरोसा ही नहीं होता है। लेकिन अंत में अक्षय को शालिनी से ही प्यार हो जाता है।

    English summary
    Every relationship in our life is very special. Friendship becomes the life of a person when it turns into love. This familiarity and specialty of relationships has been shown beautifully in Bollywood films.
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