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    14 साल में बनी थी दिलीप कुमार और मधुबाला की 'मुगल-ए-आज़म', उस दौर की सबसे मंहगी फिल्म

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    दिलीप कुमार और मधुबाला अभिनीत फिल्म 'मुगल-ए-आजम' ने आज 61 साल पूरे कर लिये हैं। के आसिफ के निर्देशन में बनी यह फिल्म भारतीय सिनेमा इतिहास में एक खास स्थान रखती है। 1960 में रिलीज हुई इस फिल्म की लोकप्रियता का आलम यह था कि थियेटर बुकिंग एडवांस में चलती थी। लोग लोग घंटों- घंटों थियेटर के बाहर लाइन लगाकर खड़े रहा करते थे।

    किसी फिल्म का एक साथ देश के डेढ़ सौ सिनेमाघरों में रिलीज होना उस वक्त का रिकॉर्ड था। फिल्म को जब मुंबई के मराठा मंदिर में रिलीज किया गया था कि थियेटर के बाहर कुछ एक लाख लोगों की भीड़ जमा हो गई थी। और अंदर बैठने की व्यवस्था हजार लोगों की थी। हर दिन वहां हजारों की संख्या में दर्शक फिल्म देखने पहुंचते थे।

    61 years of Mughal E Azam

    इस फिल्म को के.आसिफ़ के शानदार निर्देशन, भव्य सेटों, बेहतरीन संगीत के लिये आज भी याद किया जाता है। बता दें, इस फिल्म को बनाने में 14 साल का वक्त लगा था।

    <strong>शेरशाह निर्देशक विष्णु वर्धन इंटरव्यू</strong>शेरशाह निर्देशक विष्णु वर्धन इंटरव्यू

    फिल्म की शुरुआत आज़ादी से पहले हुई थी। शायद यह भी एक वजह थी कि फिल्म को खत्म होने में इतना समय लगा। भारतीय सिनेमा के इतिहास में ये फिल्म कई मायनों में मील का पत्थर साबित हुई।

    साल 2004 में यह फिल्म कलर होकर एक बार फिर बड़े पर्दे पर रिलीज हुई थी। जिसे दर्शकों ने बेहद पसंद किया था। आज भी यह सभी वर्ग के दर्शकों की फेवरिट है। फिल्म के गानों से लेकर डायलॉग लोगों की जुबान पर हैं। कहना गलत नहीं होगा कि मुगल ए आज़म जैसी फिल्में इतिहास में एक बार ही बनती हैं। फिल्म में पृथ्वीराज कपूर बने थे अकबर, दिलीप कुमार बने सलीम और अनारकली के किरदार में थीं मधुबाला।

    English summary
    Classic film Mughal E Azam clocks 61 years starring Dilip Kumar and Madhubala. Directed by K Asif. Know interesting facts of the film.
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