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    अंतिम सांस तक गाते रहें 'मोहम्मद रफी', आवाज ने रखा है आज भी जिंदा, ये हैं 7 फेमस सांग

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    बॉलीवुड सिंगर मोहम्मद रफी हिंदी सिनेमा के यादगार गायकों में से हैं। उनकी आवाज का जादू लोगों की जुबान से दिल तक छा जाता। सुरों के सरताज मोहम्मद रफी साहब की आज 39वीं पुण्यतिथि है। ये दिन बॅालीवुड और संगीत प्रेमियों के लिए सबसे बड़ा दुख दिन था, जब 31 जुलाई 1980 को वह इस दुनिया से सदा के लिए चले गए।

    लेकिन उनकी आवाज आज भी उनका नाम सुनते भर उनकी आवाज हमारे कानों में गूंजती है। इसे कहते हैं आवाज का जादू। अपनी इसे जादू को उन्होंने अंतिम सांस से जोड़े रखा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मोहम्मद रफी का आखिरी गाना 'आस-पास' फिल्म से था।

    mohammed rafi,

    आपको जानकर हैरानी होगी कि अपनी मौत के कुछ घंटे पहले उन्होंने ये सांग रिकॉर्ड किया। इस गाने के बोल हैं 'शाम फिर क्यों उदास है दोस्त, तू कहीं आसपास है दोस्त'।

    यकीकन, मोहम्मद रफी साहब के जाने की खबर कुछ ऐसी ही थी, जिसने सारे भारत को हमेशा के लिए उदास कर दिया था। आज के इस मौके पर चलिए रफी साहब के कुछ बेहतरीन और यादगार सांग को याद करते हैं। जो आपको गाने पर मजबूर कर देगा। तो चलिए चलते हैं रफी साहब के गानों के एक छोटे से सफर पर..

    यहां सुनिए रफी साहब के बेस्ट गाने -

    English summary
    mohammed rafi 30 death anniversary tribute singer with 7 best songs
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