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    सिर्फ लव बर्ड्स को अच्‍छी लगेगी आकाश वाणी

    By Ajay Mohan
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    फिल्‍म- आकाश वाणी
    कलाकार- कार्तिक तिवारी, नसरत भरूच, गौतम मेहरा, सना शेख
    निर्माता: अभिषेक पाठक, मंगत पाठक।
    निर्देशन: लव रंजन
    गीत: हितेश सोनिक
    रेटिंग: 3 स्‍टार।

    समीक्षा- कॉलेज लाइफ में कदम रखते ही हर किसी टीनेजर को प्‍यार जरूर होता है। कोई एक्‍सप्रेस कर देता है, तो कोई डिग्री मिलने तक अपने प्‍यार को दिल में दबाये रहता है और फेयरवेल के साथ विदा हो जाता है। फिल्‍म आकाश वाणी उन पागल-प्रेमियों के लिये बनी है, जिनका प्‍यार कॉलेज लाइफ में पनपता है और आगे चलकर वो शादी करने की कसमें खाते हैं। बाकी रही बात शादी-शुदा या बुजुर्गों की, तो यह फिल्‍म उनके लिये कतई नहीं बनी है।

    निर्माता लव सिन्‍हा ने अपनी इस रोमांटिक फिल्‍म में कॉलेज व यूनिवर्सिटी स्‍टूडेंट्स को आकर्षित करने के प्रयास किये हैं, लेकिन बहुत ज्‍यादा सफल नहीं हो पाये हैं। फिल्‍म उन लोगों को जरूर पसंद आयेगी, जो इस समय किसी से प्रेम करते हैं और शादी करना चाहते हैं। असल में इस फिल्‍म में लव मैरेज के खिलाफ माता-पिता की बात रखने के लिये दो प्रेमी अलग-अलग अरेंज मैरेज कर लेते हैं और फिर उसे गलत साबित करने के प्रयास करते हैं।

    फिल्‍म का फर्स्‍ट हाफ बहुत अच्‍छा है, लेकिन इंटरवल के बाद बोरियत आपको परेशान करके रख देगी। फिल्‍म की कहानी कुछ इस प्रकार है कि दिल्‍ली के सेंट स्‍टीफेंस कॉलेज में आकाश (कार्तिक तिवारी) और वाणी (नुसरत भरूच) पढ़ने आते हैं। पढ़ाई के दौरान दोनों को प्‍यार हो जाता है। कॉलेज खत्‍म होने के बाद दोनों शादी का प्‍लान बनाते हैं, लेकि उसके लिये जरूरी थी पापा-मम्‍मी की रज़ामंदी। वाणी अपनी बड़ी बहन की शादी में आकाश के मम्‍मी-पापा को अपने मम्‍मी-पापा से मिलवाने का प्‍लान बनाती है। लेकिन शादी से ठीक पहले वाणी अपने प्रेमी के साथ भाग जाती है।

    बड़ी बहन को देखते हुए वाणी के मां-बाप उसकी शादी जल्‍द से जल्‍द करने की ठान लेते हैं। रोज-रोज के ताने सुन-सुन वाणी थक जाती है और अपने पैरेंट्स की मर्जी से शादी कर लेती है। वाणी का पति उसे हर रोज प्रताडि़त करता। यह सब जानते हुए भी मां-बाप समाज के डर से उससे कहते हैं कि वो शादी को निभाये नहीं तो बदनामी होगी। एक दिन आता है जब कॉलेज का री-यूनियन डे होता है। तब वाणी की मुलाकात आकाश से होती है और तब आकाश उसकी प्रॉब्‍लम्‍स को समझता है और उसे उसके पति के चंगुल से मुक्‍त करा लेता है।

    फिल्‍म में ऐक्टिंग के मामले में कार्तिक का अभिनय नुसरत के मुकाबले ज्‍यादा अच्‍छा था। हालांकि नुसरत ने इंटरवल के बाद के सीन में अच्‍छी ऐक्टिंग की है। सना शेख ने भी अनपे किरदार को अच्‍छी तरह निभाया है। कुल मिलाकर फिल्‍म ठीक-ठाक है।

    English summary
    Once again producer Luv Ranjan has presented a romantic movie. Name is Aakash Vani. Read film review of Aakash Vani.
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