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    फिल्म समीक्षा : बेरंग-बेमजा है पटियाला हाउस

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    Patiala House
    मुख्य कलाकार : अक्षय कुमार, अनुष्का शर्मा, ऋषि कपूर, डिंपल कपाडि़या, प्रेम चोपड़ा, हर्द कौर
    निर्देशक : निखिल अडवाणी
    निर्माता : भूषण कुमार, मुकेश तलरेजा, कृष्णा कुमार, टिवंकल खन्ना, जोएब स्प्रिंगवाला
    संगीत : शंकर एहसाल लॉय
    रेटिंग : 2/5

    समीक्षा : निखिल आडवाणी की बहुचर्चित फिल्म पटियाला हाउस आज रूपहले पर्दे पर आ गई है। लोगों को कुछ अलग परोसने का दावा करने वाली इस फिल्म में मासला है, कामेडी है लेकिन अगर कुछ नहीं है तो वो ये कि इस में कोई कहानी नहीं है। केवल ऊँट-पटाग स्क्रीन को जोड़ देने से कहानी नहीं बन जाती है। निखिल आडवाणी से कम से कम इतनी उम्मीद तो की जा रही है कि वो कुछ तो नया देंगे लेकिन अफसोस वो कामयाब नहीं हुए हैं।

    लोगों पर इस समय क्रिकेट की खुमारी चढ़ी हुई है , ये ही सोच कर निखिल ने सोचा कि फिल्म को प्रदर्शित करें तो वो गलत साबित नहीं हुए हैं। क्रिकेट के नाम पर भले ही लोग एक बार इस फिल्म को देखने चले जाये वरना इस फिल्म में ऐसा कुछ नहीं है जिससे दर्शक बंधे रहे। साल 2010 में अक्षय कुमार ने सिर्फ और सिर्फ फ्लाप फिल्में दी ऐसे में उम्मीद की जा रही थी कि वो कुछ इस साल कुछ अच्छा देंगे लेकिन ऐसा हो ना सका।

    एक क्रिकेटर की भूमिका उन्होंने पर्दे पर जी तो लेकिन उन पर उसकी कॉमेडी की झलक दिखायी हावी रही है जो कि बिल्कुल प्रभावशाली नहीं है। उनके पिता के रोल में ऋषि कपूर भी कुछ खास नहीं है, उनका रोबदार रोल लोगों पर असर नहीं छोड़ता है। जबकि अक्षय़ की मां के किरदार में डिंपल ने इतना बेकार और छोटा रोल क्यों किया ये बात कुछ समझ में नहीं आयी।

    रही बात हिरोइन अनुष्का शर्मा की तो जिस तरह फिल्म की कास्ट पूरी करने के लिए अभिनेत्री का चुनाव किया जाता है उसी तरह अनुष्का को चुन लिया गया है। फिल्म में उनका होना या ना होना फिल्म के लिए कोई मायने नहीं रखता है। संगीत भी ऐसा नहीं है जिसे आप याद रखें। हां फिल्म के छोटे-छोटे किस्से भले ही आपको हंसा सकते है लेकिन कुल मिलाकर पटियाला हाउस आकर्षक और रोमांचक नहीं हैं।

    कहानी : पटियाला हाउस एक ऐसे परिवार की कहानी है जो चार पी‍ढ़ियों से लंदन में रह रहा है। परिवार के मुखिया हैं गुरतेज सिंह (ऋषि कपूर) जिनके बनाए गए कायदे-कानून के मुताबिक ही परिवार के हर सदस्य को रहना पड़ता है। फिर चाहे उसकी मर्जी हो या न हो। 20 साल पहले की एक घटना के वजह से गुरतेज को अंग्रेजों से नफरत है।

    वहीं गुरतेज सिंह के परिवार की नई पीढ़ी अपने सपनों को पूरा करना चाहती हैं, लेकिन बाबूजी के प्रति प्यार और सम्मान की खातिर उन्हें सपनों को एक तरफ रखना पड़ता है। परघट सिंह उर्फ गट्टू (अक्षय कुमार) प्रतिभाशाली तेज गेंदबाज था, जो इंग्लैंड की तरफ से क्रिकेट खेलना चाहता था, लेकिन बाबूजी की जिद के चलते वो ऐसा नही कर सकता।

    मन मारकर गट्टू एक स्टोर पर काम करता है मगर इसी बीच उसे अपना सपना पूरा करने का एक और मौका मिलता है, जिसे वह किसी भी कीमत पर खोना नहीं चाहता। यहां गट्टू एक अजीब उलझन में फंस जाता है। वह परिवार चुने या अपना सपना। फिल्म परिवार के रिश्तों की इसी कशमकश पर आधारित है।

    English summary
    Patiala House is not attractive. Being an emotional journey, the film also has some realistic light-moments. Akshay and Rishi Kapoor are fabulous in their roles. but it is not impressive.
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