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    समीक्षा : बोरिंग हैं 'ऑल्वेज कभी कभी'

    By Priya Srivastava
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    Review : Always Kabhi Kabhi is boring
    फिल्म रिव्यू : ऑल्वेज कभी कभी
    कलाकार : अली फजल, जोया मोरानी, जिसेली, सत्यजीत दुबे
    निर्देश क : रौशन अब्बास
    रेटिंग : 2
    नहीं लुभाती ऑल्वेज कभी कभी

    फिल्म ऑल्वेज कभी कभी निस्संदेह शीर्षक की वजह से दर्शकों को फिल्म देखने के लिए आकर्षित करेगी। ऑल्वेज कभी कभी से पहली बार रोशन अब्बास
    अपने निर्देशन की पारी की शुरुआत कर रहे हैं। लेकिन फिल्म देखने के बाद दर्शक मायूस हो सकते हैं।फिल्म की कहानी चार दोस्तों की है। अभी सभी
    स्कूल में ही पढ़ते हैं। समीर खन्ना, ऐश्वर्य धवन, नंदिनी और तारीक नकवी एक ही स्कूल में पढ़ते हैं।लेकिन वे चारों चार तरीके से सोचते हैं।

    सभी किसी न किसी रूप में अपने अभिभावकों से नाराज हैं। तारीक के पिता चाहते हैं कि वह खानदानी परंपरा को आगे बढ़ाये और एमआइटी में ही जाये। ऐश्वर्य अपनी मम्मी के सपने को पूरा करने के लिए मॉडल बनना जबरन स्वीकार करती है। समीर अपने पिताजी के तानों से परेशान है और नंदिनी के माता-पिता व्यवसायी माता पिता है। सो, उनके पास अपने बच्चों के लिए वक्त नहीं। पिछले कई सालों से लगातार फिल्म निर्देशकों ने अभिभावकों को खलनायक के रूप में प्रस्तुत करनेवाली कहानियां प्रदर्शित की है।

    English summary
    Roshan Abbas' film Always Kabhi Kabhi is boring Film. it's a campus love story but not attractive.
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