Just In
- 1 hr ago Bollywood Hindi News Live: BMCM की हुई हाफ सेंचुरी, गोविंदा की भांजी की शादी की रस्में शुरू
- 1 hr ago गोविंदा की भांजी अपने ब्राइडल शावर में लगीं बेहद हॉट, छोटी सी ड्रेस में Arti Singh की छिपाए ना छिप सकी खुशी
- 2 hrs ago Lawrence Bishnoi के नाम पर मजाक करना इस शख्स को पड़ा भारी, पुलिस ने घर जाकर हिरासत में लिया
- 11 hrs ago OOPS: बेटे अरहान से गंदी बातें करने के बाद अब इस हाल में दिखी मलाइका, बार-बार ठीक करती रही लटकती फिसलती ड्रेस
Don't Miss!
- News 'कांग्रेस पार्षद की 23 साल की बेटी की हत्या, लव जिहाद है', BJP का आरोप, CM सिद्धारमैया ने तोड़ी चुप्पी
- Lifestyle Pickle in Diabetes : डायबिटीज में आम का अचार खा सकते है या नहीं? इस सवाल का जवाब जानें
- Finance PMS vs Mutual Funds: जानें किसमें मिलेगा बेहतर रिटर्न और जोखिम भी होगा कम
- Automobiles इलेक्ट्रिक वाहन मालिकों को Google की सौगात, अब EV चार्ज करना होगा और आसान, जानें क्या है नया फीचर?
- Technology Samsung Galaxy F15 5G का भारत में नया वेरिएंट लॉन्च, जानिए कीमत, ऑफर और उपलब्धता
- Education UP Board Result 2024 Statistics: जानिए पिछले 10 वर्षों में कैसे रहा यूपी बोर्ड कक्षा 12वीं रिजल्ट ग्राफ
- Travel हनुमान जयंती : वो जगहें जहां मिलते हैं हनुमान जी के पैरों के निशान
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
#Review: एक सुपरस्टार जब 'मदारी' बन जाता है...तो तमाशा होता ही है!
फिल्म - मदारी
किसी सोए हुए को जगाने के लिए धमाका करना पड़ता है, लेकिन जब 100 करोड़ की जनता ही सो जाए...तो क्या धमाके से असर होगा? केवल डमरू बजाने से क्या 100 करोड़ लोगों की नींद टूट जाएगी? शायद हां। जब आप एक सुपरस्टार का चोंगा उतारकर, फिल्म में उतरते हैं, तो तमाशा होना लाज़िमी है। और इरफान अपनी फिल्म में डमरू बजाकर पूरी फिल्म को मदारी की तरह अपने इर्द गिर्द घुमाने में कामयाब रहे हैं।
फिल्म में कमियां हैं लेकिन इनके बावजूद, मदारी आपको बांधने में कामयाब रहेगी और इसका पूरा श्रेय जाता है फिल्म की बेहतरीन स्टारकास्ट और कसे हुए क्लाईमैक्स को। मदारी की हर कमी आप आखिरी के 10 मिनट में भूल जाएंगे और यही इस फिल्म की खासियत है।
प्लॉट
फिल्म कहानी है एक आम आदमी की जिसका नाम है निर्मल कुमार (इरफान)। निर्मल शहर के सबसे रसूखदार इंसान के बेटे रोहन गोस्वामी(विशेष बंसल) को किडनैप करता है। और इसके बाद पूरे शहर की पुलिस उस एक बच्चे को ढूंढने में जुट जाती है। रोहन शहर के सबसे बड़े नेता का बेटा है और इसी बात का फायदा निर्मल उठाता है, उन बातों को ठीक करने के लिए जो उसके साथ एक आदमी होने के नाते गलत हुईं।
अभिनय
फिल्म में इरफान खान ने हर बार ढीली छूटती फिल्म को अपनी आंखों से बांधने की कोशिश की है। उनका दर्द, उनकी लाचारी, सब कुछ एक लचर पटकथा के द्वारा दर्शकों तक पहुंचती है। लेकिन फिल्म का सुकून यही है कि इस किरदार की जान इरफान थे। वहीं जिम्मी शेरगिल ने पुलिस ऑफिसर की भूमिका में फिल्म के दूसरे पक्ष को बांधा है। हालांकि अब वो बॉलीवुड के पुलिस ऑफिसर मुहैया हो चुके हैं।
निर्देशन
पहली बात तो ये कि फिल्म की पटकथा ढीली थी और निशिकांत कामत उसे कसने में असफल रहे हैं। इरफान के किरदार को जिस तरह से दिखाया गया, उसकी झुंझलाहट, उसकी आग, दर्शकों को छूकर निकल जाती है। फिल्म एक किडनैप ड्रामा था लेकिन कहीं भी फिल्म की गति आपको खुद से नहीं जोड़ेगी। ना तो फिल्म भागती है, ना ही फिल्म ठहरती है।
तकनीकी पक्ष
फिल्म की एडिटिंग में काफी कमियां थीं जो आपको फिल्म से भटकाती हैं। जैसे कि कुछ दृश्य और गाने, साफ तौर पर फिल्म से हटाए जा सकते थे।
अच्छी बातें
एक बेहतरीन स्टारकास्ट के साथ मदारी, कम ही सही पर प्रभाव छोड़ती है। फिल्म में जितने मुद्दे उठाए गए हैं, उन्हें उसी तरबीयत के साथ अंजाम तक पहुंचाया गया है। वहीं क्लाईमैक्स शानदार है।
निगेटिव बातें
फिल्म आपको कहीं ना कहीं अ वेडनेस्डे की याद दिलाती है और ये इसका कमज़ोर पक्ष बन जाता है। हालांकि फिल्म अपने ट्रीटमेंट में काफी अलग है। वहीं पूरी फिल्म में कहीं भी ऐसा नहीं है कि आप फिल्म से इतना जुड़ जाएं कि उसे छोड़ना ना चाहें।
देखें या नहीं
इरफान और बाल कलाकार विशेष बंसल ने पूरी कोशिश की है कि फिल्म अपनी बात सही तौर पर सीधे तरीके से दर्शकों तक पहुंचाए। और उनकी इस काबिल कोशिश के लिए फिल्म एक बार देखी जा सकती है। जाने से पहले एक बार फिर देख लीजिए फिल्म का ट्रेलर -