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    अक्षय हिट लेकिन 'खिलाडी़ 786' फेल:रिव्यू

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    एक महीने से हर तरफ यही शोर है कि खिलाड़ी आ रहा है, भइया जरा बचके। सभी ने उम्मीद की कि 'खिलाड़ी 786' से एक बार फिर से खिलाड़ी, मिस्टर एंड मिसेज खिलाड़ी, खिलाड़ी इंटरनेशनल जैसा जादू हमें सिल्वर स्क्रीन पर नज़र आएगा लेकिन इस बार की खिलाड़ी सीरीज की इस फिल्म ने अपने फैन्स को काफी निराश किया। अगर हम ये कहें कि खिलाड़ी सीरीज की ये अब तक की सबसे ही हल्की और बोरिंग फिल्म है तो शायद गलत ना होगा। कम से कम 12 साल पहले की खिलाड़ी सीरीज के फैन्स को तो यही लगेगा। अगर फिल्में हीरो के नाम पर चलती हैं तो खिलाड़ी 786 भी बॉक्स ऑफिस पर हिट जरुर होगी लेकिन सिर्फ अक्षय के नाम और उनकी एक्टिंग की बदौलत।

    कहानी - फिल्म की कहानी शुरु होती है बहत्तर सिंह (अक्षय कुमार) से जो कि पंजाब पुलिस की चोरों को पकड़ने में मदद करता है साथ ही स्मगलर्स से जुड़ी जानकारियां भी पुलिस तक पहुंचाता है। उसका पूरा परिवार सट्टार सिंह (राज बब्बर), इख्तार सिंह (मुकेश ऋषि) भी यही काम करते हैं और साथ में अपना खुद का अखाड़ा भी चलाते हैं। इनके परिवार की हरकतों को देखते हुए कोई भी इनके परिवार में अपनी बेटी की शादी नहीं करना चाहते।

    दूसरी तरफ तात्या तुकाराम तेंदुलकर (मिथुन चक्रवर्ती) एक बहुत ही मशहूर गैंगस्टर है जिसकी एक बहन है इंदु (आसिन) जो कि तुकाराम द्वारा पसंद किये गये हर एक लड़के के साथ शादी करने से मना कर देती है। मनसुख (हिमेश रेशमिया) एक मैचमेकर है। उसके पिता उससे हमेशा नाराज रहते हैं क्योंकि वो कोई भी काम ठीक से नहीं करता। आखिरकार वो ये ठान लेता है कि अपने पिता को कुछ करके दिखाएगा। मनसुख तुकाराम की बहन की शादी बहत्तर सिंह से कराने का फैसला करता है और उसके बाद शुरु होता है झूठ का सिलसिला। वो तुकाराम को इस बात के लिए राजी कर लेता है कि वो बहत्तर सिंह से कहे कि वो खुद पुलिस में है। तुकाराम भी तैयार हो जाता है। फिर इंदु और बहत्तर सिंह की शादी को लेकर कई ऐसी परिस्थितियां बनती हैं जो कि हास्यप्रद हैं।

    एक्टिंग- एक्टिंग के मामले में अक्षय कुमार अपने फैन्स के लिए एक बेहतरीन ट्रीट हैं। मनोरंजन से लेकर कॉमडी और एक्शन तक में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी है। अभी भी उनके अंदर वही जोश और जुनून नज़र आता है जो की 12 साल पहले खिलाड़ी सीरीज में नज़र आता था। दूसरी तरफ आसिन की सिर्फ खूबसूरती ही फिल्म में नज़र आई है बाकी एक्टिंग करने के लिए उन्हें स्पेस मिला ही नहीं। मिथुन की एक्टिंग साधारण है और हिमेश रेशमिया को कुछ ज्यादा ही स्पेस दिया गया है जिसकी वजह से बाकी कलाकारों को एक्टिंग का मौका ही नहीं मिला।

    संगीत और निर्देशन - फिल्म का संगीत औसत है। कुछ ही गानें जबां पर चढ़ने लायक है। गानों की धुन बेहतरीन है। निर्देशन में फिल्म मात खा गयी। आशीष आर मोहन से उम्मीद थी कि वो एकबार फिर से गोलमाल सीरीज से ऊपर उठकर खिलाड़ी को एक बेहतरीन एक्शन सीरीज का हिस्सा बनाएंगे लेकिन वो फेल हो गये। फिल्म से जुड़ी कुछ और बातें जानिये एन तस्वीरों के साथ

    English summary
    Akshay Kumar is finally back with a bang with his khiladi avatar. Akki, who have had a successful khiladi journey a decade back, is making a comeback with his bone-breaking action avatar with the movie Khiladi 786, that releases today.
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