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    न्‍यूयार्क: अमरीकी नीतियों की पोल खोलती

    By Staff
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    फिल्‍म: न्‍यूयार्क

    निर्देशक : कबीर खान

    कलाकार: जॉन अब्राहम, कैटरीना कैफ, नील नितिन मुकेश और इरफान खान

    निर्माता : आदित्य चोपड़ा

    फिल्‍म काबुल एक्‍सप्रेस से लोकप्रियता बटोरने वाले निर्देशक कबीर खान की दूसरी फिल्‍म न्‍यूयार्क भी दमदार है। जहां फिल्‍म काबूल एक्‍सप्रेस अमरीका की अफगानिस्‍तान पर लागू की गई जनविरोधी नीतियों की पोल खोलती है तो वहीं न्‍यूयार्क 9/11 के हमले के बाद अमरीकी सरकार की साधारण मुस्लिम समुदाय के प्रति नफरत और जुल्‍म की दास्‍ता बयां करती है।

    फिल्‍म 9/11 हमले के बाद अमरीका की मानसिकता तो दर्शाता ही है साथ ही हमले के बाद शक के आधार पर गिरफ्तार किए गए लोगो पर सबूत न मिलने पर भी लम्‍बी यातनाएं देने की दास्‍ता बयां करता है। जहां फिल्‍मकार एक सीमा के बाद सच को उजागर करने से डरते है वही पर कबीर खान ने किसी भी बंधन से इंकार कर दिया है फिर भी व्‍यावसायिक सिनेमा को ध्‍यान में रखते हुए कुछ नाच गाना मस्‍ती को भी फिल्‍म का हिस्‍सा बनाया गया है।

    कबीर खान ने जॉन अब्राहम की प्रतिभा को समाने लाकर रख दिया है। उन्‍होने अपने करियर में अब तक का सबसे बेहतरीन अभिनय किया है। फिल्‍म के क्‍लाईमैक्‍स में जॉन पर फिल्‍माए गए दृश्‍य फिल्‍म की जान है। नील नीतिन मुकेश का रोल काफी कठिन था लेकिन वे उसे बखूबी निभा ले गए है। कैटरीना कैफ की बिंदास छवि लोगो को भाएगी।

    कहानी: ओमर (नील नीतिन मुकेश) न्‍यूयार्क में पढने जाता है वहां समीर शेख (जॉन अब्राहम) और माया (कैटरीना कैफ) के जरिए अमरीका की सुदंरता को देखता है लेकिन 9/11 की घटना तीनों की जिंदगियों को बदल कर रख देती है।

    अमरिकन पुलिस शहर में रहने वाले एक कौम के लोगों को शक के घेरे में लेकर उनसे पूछताछ के लिए ऐसा जालिम और अमानवीय रुख अख्तियार करती है, जिसकी सभ्य समाज में कोई कल्पना तक नहीं कर सकता।

    इस कड़ी में समीर भी फंसता है और एफबीआई उसे करीब नौ महीने तक हिरासत में ले लेती है। समीर से जुर्म कबूल कराने के लिए गुप्तचर एजंसी के अधिकारी उसे काल-कोठरी में डालकर उस पर थर्ड डिग्री यूज करते हैं। लंबी हिरासत के बाद भी एजंसी उसके खिलाफ सबूत नहीं जुटा पाती और आखिर में उसे छोड़ देती है।

    रिहा होने के बाद समीर और माया शादी कर लेते है। फिल्म अब उस समय में है जब समीर और माया अपने बेटे के साथ जी रहे हैं। एफबीआई को खबर लगती है कि समीर आतंकवादियों के साथ मिलकर कोई बड़ी साजिश रच रहा है। वह अपने मुस्लिम इंस्पेक्टर (इरफान खान) को उसके पीछे लगाती है, जो ओमर को अपने साथ शामिल करके समीर के खिलाफ सबूत जुटाने में लग जाता है।

    कुल मिलाकर कहा जाए तो फिल्‍म को जरूर देखने जाए!

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