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    एक सेकेण्ड जो... समय की बर्बादी है

    By अंकुर शर्मा
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    Ek second jo zindgi badal de
    फिल्म : एक सेकेण्ड जो जिंदगी बदल दे
    प्रोड्यूसर:रचना सुनील सिंह
    डायरेक्टर:पार्थो घोष
    स्टार कास्ट:मनीषा कोइराला,जैकी श्रॉफ,निकिता आनंद,सुनील सिंह, रोज़ा केटालानो
    स्टार रेटिंग:1/5

    समीक्षा : जिंदगी में कुछ भी मुश्किल नहीं अगर आपका हौसला बुलंद हो। पार्थो घोष ने एक सेकेण्ड..जो जिंदगी बदल दे को इसी थीम को ध्यान में रखकर बनाया है। लेकिन फिल्म की लचर पटकथा ने कहानी को उलझा कर रख दिया है। जिससे फिल्म बेहद बोरिंग साबित होती है। फिल्म का स्क्रीन प्ले और एडिटिंग पक्ष बेहद कमज़ोर है और फिल्म के कलाकार इसे और कमज़ोर बनाते हैं। संगीत पर बिल्कुल भी काम नहीं किया गया है। सिर्फ मनीषा कोइराला के दम पर तो आप आज अकेले दर्शकों की भीड़ तो नहीं जुटा सकते हैं । एक सेकेण्ड..जो जिंदगी बदल दे में दिखाने की कोशिश की गई है कि एक इंसान के लिए समय कितना मायने रखता है। फिलहाल फिल्म में लचर डायरेक्शन, अभिनेताओं की ओवर एक्टिंग ने एक सेकंड ...के चक्कर में दर्शकों का अच्छा खासा वक्त बर्बाद किया है।

    कहानी : फिल्म की कहानी घूमती है राशी(मनीषा कोइराला) के इर्द गिर्द जो की अपनी जिंदगी में प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ में बेहद उतर चढाव भरे दौर से गुजर रही हैं। शांतनु रॉय(मुआमर रना) राशी(मनीषा कोइराला) का बॉय फ्रेंड है। शांतनु पेशे से एक नोवालिस्ट है, राशी उससे बहुत प्यार करती है मगर शांतनु उसे धोखा देता है । उसका तमन्ना(निकिता आनंद)के साथ अफेयर है। यह बात जब राशी को पता चलती है तो उसे बहुत बुरा लगता है। वह अंदर से टूट जाती है। उसकी मुलाक़ात (युवराज)जैकी श्रॉफ से होती है। युवराज एक तलाकशुदा व्यक्ति है जिसका अपनी पत्नी रोज़ा से तलाक हो चुका है। राशी और युवराज एकदूसरे को चाहने लगते हैं और जिंदगी राशी को अपनी जिंदगी दोबारा शुरू करने का मौका देती है।

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