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    लजीज मगर थोड़ी ठंडी है दावत-ए-इश्क- फिल्म समीक्षा

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    निर्माता- आदित्य चोपड़ा
    निर्देशक- हबीब फैजल
    कलाकार- परिणिती चोपड़ा, आदित्य रॉय कपूर, अनुपम खेर
    संगीत- हबीब फैजल

    परिणिती चोपड़ा व आदित्य रॉय कपूर की इस दावत-ए-इश्क का इंतजार काफी समय से लोगों को था। अलग-अलग लोगों की अलग अलग उम्मीदें थीं। कुछ को लग रहा था कि फिल्म में उन्हें मास्टर शेफ जैसी कुछ लजीज खानों को बनाने का हुनर दिखाए देगा तो कुछ को लगा था कि फिल्म में कुछ शानदार दावतें दिखाई देंगी। हालांकि फिल्म में ऐसा कुछ भी नहीं है और जैसा कि परिणिती चोपड़ा ने पहले ही बताया था कि दावत-ए-इश्क एक प्रेम कहानी है जो लजीज खाने से शुरु होती है।

    दावत-ए-इश्क की कहानी कुछ यूं शुरु होती है कि गुलरेज उर्फ गुल्लू (परिणिती चोपड़ा) हैदराबाद कमें रहने वाली लड़की है और उसके पिता (अनुपम खेर) हाई कोर्ट में क्लर्क हैं। अनुपम खेर बेहद ईमानदार व्यक्ति हैं। अपनी बेटी की शादी के लिए वो काफी कोशिश कर रहे हैं लेकिन लड़के वालों की दहेज की मांग को पूरा कर सकने में नाकाम हैं। जिसके चलते कई बार गुलरेज का रिश्ता टूटता है। फिर गुल्लू फैसला करती है कि वो किसी लड़के को बेवकूफ बनाकर उससे निकाह करके उसपर दहेज मांगने का केस करेगी और पैसे लेकर अमेरिका चली जाएगी।

    लेकिन ये इतना भी आसान नहीं है, ये फैसला गुल्लू को लखनऊ के मशहूर बावर्ची तारीक (आदित्य रॉय कपूर) के करीब ले आती है और फिर ये कहानी लेती है कुछ ऐसे इंटरेस्टिंग मोड़ की गुल्लू खुद अपने इस जाल में फंस जाती है। क्या गुल्लू के सपने पूरे हो सकेंगे और क्या ईमानदार अनुपम खेर अपने बेटी के लिए बेइमानी का साथ दे पाएंगे। ये जानने के लिए तो आपको दावत-ए-इश्क में हाजिरी लगानी होगी।

    English summary
    Daawat-E-Ishq is love story that has so much food and a social cause attached. Parineeti Chopra and Aditya Roy Kapoor done a decent job in Daawat-E-Ishq.
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