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    रामलीला: भंसाली को गालियों से नहीं तालियों से डर लगता है

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    भले ही जयपुर और दिल्ली में कुछ लोग आने वाली फिल्म 'रामलीला' को लेकर हंगामा मचा रहे हों और फिल्म को रिलीज ना होने की धमकी दे रहे हों लेकिन भंसाली के चाहने वालों पर इन सब बातों का कोई असर नहीं हो रहा है। वह तो बेसब्री से फिल्म की रिलीज का इंतजार कर रहे हैं। उल्टा फिल्म को लेकर हो रहे विवाद ने फिल्म 'रामलीला' के प्रति लोगों की उत्सुकता और बढ़ा दी है।

    शायद इसके पीछे भंसाली की पिछली फिल्में हैं जिन्होंने भारतीयों के दिलों-दिमाग पर ऐसी अमिट छाप छोड़ी है जिसे मिटा पाना हर किसी के बस में नहीं है। ऐसा कोई पहली बार नहीं है जब भंसाली की किसी फिल्म को लेकर बवाल हो रहा है। इससे पहले भी कई बार उनकी फिल्मों पर विवाद हो चुके हैं। खामोशी से लेकर गुजारिश तक और देवदास से लेकर ब्लैक तक हर फिल्म विवादों का उदाहरण है इसलिए शायद भंसाली ने एक रियलिटी शो के दौरान कहा था कि उन्हें 'गालियों से नहीं तालियों से डर लगता है'।

    मालूम हो कि रोमियो-जूलियट के गुजराती संस्करण को रामलीला के रूप में लोगों के सामने प्रस्तुत होने वाले संजय लीला भंसाली के खिलाफ राष्ट्रवादी शिवसेना ने मोर्चा खोल दिया है। भंसाली और उनकी टीम पर लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत करने का इल्जाम लगा है। राष्ट्रवादी शिवसेना का कहना है कि फिल्म के नाम "रामलीला" के अनुरूप फिल्म के जारी किए गए पोस्टरों में जिस प्रकार से अभद्र चित्र दिखाये जा रहे हैं उससे हिन्दू समाज की भावनाओं को ठेस पहुंची है इसलिए हम फिल्म को रिलीज नहीं होने देंगे। देखते हैं कि यह विवाद कहां तक जाता है?

    आगे की खबर स्लाइड में...

    English summary
    Ramleela is my most violent film, It's a bright, happy and colourful film. I am returning to my Hum...Dil De Chuke Sanam and Devdas style of filmmaking.
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