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    मिलेंगे-मिलेंगे : सतीश कौशिक की कारगर कोशिश

    By अंकुर शर्मा
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    कहते हैं सच्चा प्यार किसी-किसी को ही नसीब होता है, इसी नसीब, किस्मत और प्यार जिसके आगे दुनिया खत्म हो जाती है,को दर्शाया गया है फिल्म मिलेंगे-मिलेंगे में। जहां हीरोइन को किस्मत पर यकीन है लेकिन अपने प्यार पर एतबार नहीं क्योंकि उसके प्यार ने अपनी मंजिल की शुरूआत एक झूठ से की थी।

    मुहब्बत और जंग में सब जायज है के सिद्धांत को मानने वाला हीरो अंत में अपनी मेहबूबा को अपने प्यार का यकीना दिला ही देता। फिल्म में ऐसा कुछ भी नहीं जो नया हो, लेकिन फिर भी फिल्म लोगों को थामती हैं। फिल्म की देरी ने भले ही लोगों के दिलों में इसके प्रति ऱूझान कम कर दिया हो लेकिन फिर भी ये फिल्म लोगों को अपनी ओर खींचती है कारण है इस फिल्म का सही डायरेक्शन जिसे बखूबी किया है निर्देशक सतीश कौशिक ने।

    देखें : मिलेंगे-मिलेंगे की तस्वीरें

    फिल्म अगर आज से तीन-चार साल पहले प्रदर्शित होती तो एक बड़ा धमाका कर सकती थी लेकिन फिर भी आज की डेट में प्रदर्शित हुई य़े फिल्म लोगों को निराश करते नहीं दिखती है। भले ही करीना-शाहिद आज एक न हो लेकिन दोनों की कमेस्ट्री जो पर्दे पर दिखायी पड़ती हो उससे कतई आप अंदाजा नहीं लगा सकते कि इन दोनों के बीच में दूरियां भी है। लंबे समय बाद हिमेश रेशमिया का संगीत दिल को अच्छा लगता है।

    कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि वक्त की मार ने भले ही एक फिल्म का जायका खऱाब किया है लेकिन निर्देशक की कुकिंग मटैरियल ने पूरे फिल्मी खाने की सड़न को बचा लिया है। फिलहाल कहना गलत नहीं होगा कि मिलेंगे-मिलेंगे निर्देशक सतीश कौशिक की कारगर कोशिश है।

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