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    'वीर' में वीर जैसे नहीं दिखे सलमान

    By Ajay Mohan
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    पिछले कई महीनों के इंतजार के बाद रिलीज हुई फिल्‍म वीर में माना जा रहा था कि सलमान खान कुछ अलग करेंगे और उनके करियर में एक नया मोड़ आएगा। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। फिल्‍म वीर में सलमान वीर जैसे दिखे ही नहीं। फिल्‍म दर्शकों को सिर्फ अपनी तरफ खींचने में ही फेल नहीं हुई, बल्कि वीर (सलमान) के लिए यह एक बड़ी हार भी साबित हुई। यही नहीं वीर उन उम्‍मीदों पर भी खरी नहीं उतर सकी, जिस पर टशन, झूम बराबर झूम, द्रोण और लागा चुनरी में दाग, जैसी फिल्‍में उतरीं।

    19वीं सदी की कहानी पर आधारित वीर दर्शकों को कइ मायनों में आकर्षित नहीं कर सकी। इस फिल्‍म में सलमान खान ने एक दम अलग वेषभूशा, भाषा और कहानी पेश की। यदि हम फिल्‍म के ऐतिहासिक पहलु को अलग कर दें तो भी फिल्‍म की कहानी दर्शकों को बांध नहीं सकी। दर्शकों को बांधने में फिल्‍म को ढाई घंटे लग गए और तब तक फिल्‍म का अंत आ गया। सलमान के अलावा फिल्‍म अभिनेता जैकी श्रॉफ भी कोई खास अदाकारी नहीं निभा सके।

    हॉलीवुड की फिल्‍म ग्‍लेडिएटर से प्रेरित होकर बनी वीर में उन फिल्‍मों की भी बराबरी नहीं कर सकी जो कि इसी फ्रेम में हॉलीवुड में बाद में बनीं। ऐक्‍शन के मामले में भी फिल्‍म काफी हद तक पिछड़ गई। ग्‍लेडिएटर के ऐक्‍शन सीन की बात करें तो वीर में घिसे पिटे बॉलीवुड ऐक्‍शन ही दिखे। वीर की सबसे बड़ी खामी यह है कि मुख्‍य किरदार वीर जैसा दिखा ही नहीं। यही नहीं वीर जैसा दिखने में पूरी तरफ फेल भी हुआ।

    अपने पिता सलीम खान से प्रेरित होकर वीर की पटकथा स्‍वयं सलमान खान ने लिखी है, लेकिन वो उनकी बराबरी तक नहीं कर सके। वेषभूषा की बात करें तो कई जगह वो फिल्‍म के सीन किसी कॉमिक किताब के जैसे लग रहे थे। इससे यह भी लगा कि सलमान खान अगर कॉमिक्‍स के लिए कथा लिखते तो ज्‍यादा सही होता।

    वीर में भी गदर जैसे सीन

    अनिल सिन्‍हा जिन्‍होंने गदर जैसी हिट फिल्‍म दी वो यहां निर्देशन में भी फेल होते दिखे। यही नहीं गदर जैसे कई सीन इस फिल्‍म में रिपीट होते जैसे दिखे। जिस तरह गदर में अकेले सनी देओल ने अकेले हज़ारों की भीड़ का सामना किया उसी तरह सलमान रणभूमि में दिखे। वो भी कुछ ऐसे सीन आए जिन पर शायद ही किसी को विश्‍वास हो। खैर यह तो बॉलीवुड फिल्‍मों का ट्रेंड बन चुका है। हीरो अकेले दस-दस का मुकाबला कर लेता है और स ट्रेंड को अनिल सिन्‍हा भी नहीं बदल सके।

    इस फिल्‍म के चलने का अगर कोई कारण है तो वो है सलमान और ज़रीन खान की लव स्‍टोरी, और इसमें सलमान खान हमेशा से माहिर रहे हैं। रोमांटिक हीरो के रूप में सलमान ने एक बार फिर अच्‍छी भूमिका दर्ज की। जरीन की यह पहली फिल्‍म है और उन्‍होंने अपनी भूमिका के साथ काफी अच्‍छी तरह न्‍याय किया है।

    कुल मिलाकर वीर के बारे में एक ही बात निकलकर आती है, ये वो फिल्‍म है जो असंभव को भी संभव कर दिखाने वाले काम दिखाती हैं। अब दर्शकों के ऊपर है कि वो फिल्‍म को किस नज़रिए से देखते हैं, लेकिन यह बात तय है कि सलमान खान क प्रशंसकों को इस फिल्‍म से निराशा जरूर होगी।

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