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मशहूर गज़ल गायक मेहदी हसन का निधन
पिछले कुछ सालों से मेहदी हसन फेफड़ों से जुड़ी बीमारी से जूझ रहे थे। इसी साल के शुरुआत में जनवरी महीने में अफवाहें आईं थी कि मेहदी हसन की मृत्यु हो गई है पर उनके बेटे आसिफ मेहदी ने बताया कि ये सिर्फ एक अफवाह है। हाल ही में फिर से नासाज़ तबियत के चलते मेहदी हसन को एक बार फिर से कराची के अस्पताल में भर्ती किया गया था और कुछ समय पहले ही खबर आई कि इलाज के दौरान ही मेहदी का निधन हो गया।
18 जूलाई 1927 को राजस्थान के लूना गांब में जन्मे मेहदी हसन को संगीत की विधा अपने पिता उस्ताद अजीम खान और चाचा उस्ताद इस्माइल खान से विरासत में मिली जो कि परम्परागत द्रुपद गीतकार थे। मेहदी हसन ने अपना पहला म्यूसिक कांसर्ट अपने भाई के साथ 1935 में किया था।
भारत और पाकिस्तान के विभाजन के बाद हसन का परिवार पाकिस्तान चला गया और काफी समय तक आर्थिक संकट से जूझता रहा। उस समय मेहदी हसन ने एक साइकिल शॉप में काम करना शुरु किया और उसके बाद कार और डीजल ट्रैक्टर मैकेनिक का काम किया। इतनी मुश्किलों के बावजूद संगीत के प्रति उनका प्रेम कम नहीं हुआ और साथ ही साथ उन्होने अपनी गायिकी का रियाज़ भी जारी रखा।
मेहदी हसन का गायन में करियर तब शुरु हुआ जब उन्हें रेडियो पाकिस्तान में ठुमरी गायक के रुप में गाने का मौका मिला। उस समय बरकत अली खान, बेगम अख्तर और मुख्तार बेगम गज़ल की विधा के महारथी थे।
80 के दशक में मेहदी हसन गंभीर बीमारी के चलते संगीत की दुनिया से दूर हो गये और उसके बाद बीमारी और गंभीर हो जाने के कारण बिल्कुल ही संगीत से कट गए। अक्टूबर 2010 में एचएमवी द्वारा रिलीज की गई सरहदें में मेहदी हसन और लता मंगेशकर ने मिलकर तेरा मिलना गज़ल गाई जिसे मेहदी हसन ने खुद कंम्पोज किया था।मेहदी हसन को तमगा-ए-इम्तियाज़ का खिताब भी दिया गया।
उनकी मृत्यु पर गायिका श्रेया घोषाल ने ट्वीटर साइट पर लिखा "मेहदी हसन साहब नहीं रहे। वो आवाज़ जिसने कई संगीत प्रेमियों और प्रेमियों के दिलों की भावनाओं को आवाज में ढ़ाला था वो अब नहीं रही।"
भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी गज़ल गायक मेहदी हसन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
शंकर महादेवन ने भी ट्वीटर पर दुख प्रकट करते हुए लिखा है "मेहदी हसन साहब, संगीत की दुनिया की बहुत बड़ी क्षति है,आपकी आवाज़ कभी नहीं मिट सकती।"
मधुर भंडारकर और अभिनेता अनुपम खेर ने भी लिखा है "मुझे ये सुनकर बहुत दुख हुआ कि मेरे पसंदीदा गज़ल गायक मेहदी हसन का निधन हो गया। जब मैं स्टुडेंट था तब उन्हे सुनने के लिए पाकिस्तान एम्बेसी में मैं गेट से भी भिड़ गया था। "