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    मर्दानी के 6 साल पूरे होने पर क्या बोले निर्देशक गोपी पुथरन? सुपरहिट फीमेल कॉप फ्रेंचाइजी

    By Filmibeat Desk
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    फ़िल्म 'मर्दानी' के 6 साल पूरे होने के मौके पर, लेखक और मर्दानी-2 के डायरेक्टर, गोपी पुथरन बताते हैं कि वह इकलौते ऐसे फ़िल्म मेकर हैं जिनके पास सुपरहिट फीमेल कॉप फ्रैंचाइज़ी है। वह कहते हैं: 'महिलाओं पर आधारित कहानियां शायद ही कभी लिखी जाती हैं और ऐसी कहानियों की भारी कमी है!' लेखक और डायरेक्टर के तौर पर, फ़िल्म इंडस्ट्री में गोपी पुथरन का सफ़र बेहद शानदार रहा है। लफंगे परिंदे के लेखक के रूप में उन्होंने वाईआरएफ में अपने करियर की शुरुआत की थी, जिसके बाद वह 'मर्दानी' के लेखक और असिस्टेंट-डायरेक्टर बन गए।

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    और फिर अपनी काबिलियत की वजह से वह 'मर्दानी 2' के डायरेक्टर बने। गोपी पिछले 10 सालों से आदित्य चोपड़ा के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, और फ़िल्म 'मर्दानी' के 6 साल पूरे होने के मौके पर इस बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि वह इकलौते ऐसे फ़िल्म मेकर हैं जिनके पास सुपरहिट फीमेल कॉप फ्रैंचाइज़ी है! गोपी कहते हैं, "एक फ्रैंचाइज़ी के तौर पर देखा जाए तो दर्शक फ़िल्म 'मर्दानी' के साथ जुड़ा हुआ महसूस कर रहे हैं,

    mardaani, मर्दानी

    जिसकी वजह यह है कि (मेरा अनुमान है): अ. महिलाओं पर आधारित ऐसी कहानियां शायद ही कभी लिखी जाती हैं और ऐसी कहानियों की भारी कमी है, जिनमें महिलाओं की ज़िंदगी के सफर और उनकी समस्याओं के बारे में ईमानदारी से बताया जाता है।

    इसलिए, कहीं-न-कहीं मुझे लगता है कि पुरुषों के अधिकार वाले इस समाज में फ़िल्म 'मर्दानी' ने एक महिला के गुणों को बड़े पैमाने पर प्रस्तुत किया है। इस फ़िल्म के पहले और दूसरे पार्ट में हमने एक शानदार थीम पर काम किया है, और ऐसी दुनिया में अपनी पहचान बनाए रखने के लिए एक महिला के संघर्ष को दिखाया है जहां उसे लगातार समझौता करने के लिए कहा जाता है।

    इस बात को हमने पूरी सच्चाई के साथ प्रस्तुत किया है।"गोपी कहते हैं, "मेरे ख़्याल से इस फ़िल्म ने कहीं-न-कहीं लोगों के सामने अपनी बात रखी है और दर्शक इस फ़िल्म से जुड़ा हुआ महसूस कर रहे हैं। मुझे लगता है कि हमने इस थीम को पूरी ईमानदारी के साथ प्रस्तुत किया है और महिलाओं द्वारा सामना की जाने वाली समस्याओं को अच्छी तरह दिखाया है, जिसकी वजह से दर्शक इस फ़िल्म से लगाव महसूस करते हैं।

    मुझे उम्मीद है कि, इस फ़िल्म के आगे आने वाले सभी पार्ट में हम इस थीम के साथ पहले की तरह ही न्याय करेंगे, और मुझे यक़ीन है कि ऐसा ही होगा।" साल 2020 में, गोपी ने वाईआरएफ के साथ अपने इस सफर के 10 साल पूरे कर लिए हैं, और इस सफर को वह अनमोल मानते हैं।

    गोपी कहते हैं, "सच कहूं तो यह कर्मों का फल है। मुझे लगता है कि वाईआरएफ के साथ, और ख़ास तौर पर आदित्य चोपड़ा के साथ मेरा पहले से कोई नाता रहा है। पहली मुलाकात के बाद से ही हम क्रिएटिव रूप से एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं, और किसी बात पर अगर मेरी सोच अलग होती है तो मैं बेझिझक उस विषय पर उनके साथ बहस कर सकता हूं।

    मैं अपनी बात खुलकर कह सकता हूं, यहां तक कि नौसिखिये के रूप में भी मैं उनके सामने अपनी बात रख सकता था। सच कहूं तो, आदि और वाईआरएफ के साथ यह रिश्ता मेरी ज़िंदगी में काफी मायने रखता है। पहले ही दिन से इस रिश्ते में हमने एक-दूसरे का सम्मान किया, जो सचमुच अनमोल है।

    उन्होंने कभी भी मेरे काम में दख़ल नहीं दिया या मुझसे कभी नहीं कहा कि आपको इस तरह करना चाहिए, या मैं चाहता हूं कि आप इस तरीके से काम करें, यह इस तरह से किया जा सकता है / किसी दूसरे तरीके से नहीं किया जा सकता है। रिश्तों में खुलापन और आपसी सहयोग बेहद जरूरी है, और इसी वजह से मैं आज इस मुकाम तक पहुंच पाया हूं।"

    रानी के साथ भी गोपी के काफी मधुर संबंध हैं, जिनके साथ मिलकर उन्होंने मर्दानी फ्रैंचाइज़ी के जरिए सेल्युलाइड पर अपना जादू बिखेरा है। गोपी कहते हैं, "सही मायने में रानी ने शिवानी शिवाजी रॉय के किरदार में जान डाल दी है। हमारे लिए यह बड़े संतोष की बात थी कि उन्होंने सहज तरीके से इस भूमिका को दमदार बनाया और इसे बड़ी संजीदगी से निभाया, खास तौर पर जब एक लेखक के रूप में आप देखते हैं कि एक स्टार और एक एक्टर अपने किरदार के लिए इतनी मेहनत कर रहा है।

    वाकई, उन्होंने तो शिवानी शिवाजी रॉय के किरदार में जान डाल दी।" गोपी मानते हैं कि, एक्शन सीक्वेंस में रानी काफी नेचुरल एक्टिंग करती हैं और इस तरह के सीन में उन्हें काफी आसानी होती है। गोपी कहते हैं, "वह एक्शन सीक्वेंस में हमेशा से माहिर रही हैं। 'मर्दानी-1' से लेकर 'मर्दानी-2' तक, एक्शन सीक्वेंस में रानी की एक्टिंग बिल्कुल नेचुरल है। ऐसा लगता है मानो वह ऐसे रोल के लिए ही बनी हैं।

    इसलिए पर्दे पर उन्हें देखकर बड़ा सुकून मिलता है। वह एक ही समय पर अपने किरदार के नाजुक और सख़्त पहलुओं को पर्दे पर ला सकती हैं। इस तरह, शिवानी का किरदार बिल्कुल अनोखा बन गया और भारतीय सिनेमा में इस तरह का किरदार शायद ही आपने देखा होगा। रानी की काबिलियत और उनकी प्रतिभा से ही ऐसा संभव हो पाया।"

    'लफंगे परिंदे' के लेखक से अपने करियर की शुरुआत करने वाली गोपी आज बॉलीवुड के मशहूर और सम्मानित डायरेक्टर बन चुके हैं। वह कहते हैं, "इसमें दादा (प्रदीप सरकार) की सबसे अहम भूमिका थी, जिन्होंने कहा था कि आप इस फ़िल्म (लफंगे परिंदे के निर्माण) का हिस्सा बन जाएं। एक तरीके से देखा जाए, तो लफंगे परिंदे से 'मर्दानी पार्ट-1' हम दोनों ने एक-दूसरे का सहयोग किया और इस प्रकार मैंने इन दोनों फिल्मों में एक एसोसिएट डायरेक्टर के रूप में काम किया।

    मैं हमेशा से डायरेक्टर बनना चाहता था। मैं उन गिने-चुने लेखकों में से एक हूं, जिसे यह मालूम है कि मैं लिखने के साथ-साथ डायरेक्शन भी कर सकता हूं। मैं तो केवल सही प्रोजेक्ट मिलने का इंतजार कर रहा था।" वह आगे कहते हैं, "जब मैं आदि के साथ इस विषय पर बात कर रहा था, तब हमने एक-दो ऐसे प्रोजेक्ट पर चर्चा की जिसे मैं डायरेक्ट कर सकता था। फिर उन्होंने मुझे सुझाव दिया कि, आप मर्दानी के सीक्वल को डायरेक्ट क्यों नहीं करते क्योंकि आप तो इस फ़िल्म की हर बात से अच्छी तरह परिचित हैं।

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    English summary
    Mardaani Director Gopi puthran speaks on Female Cops Movies. Mardaani completed 6 Years of its release.
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