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    'गजनी' को अदालत से मिली हरी झंडी

    By Staff
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    Aamir in Ghajini
    मद्रास और बंबई उच्च न्यायालयों द्वारा आमिर खान की बहुचर्चित फिल्म 'गजनी' के रिलीज पर लगी रोक हटा लिए जाने के साथ ही फिल्म अपने पूर्व निर्धारित समय गुरुवार को प्रदर्शित होने को तैयार है।

    मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश वी. धनपालन और न्यायाधीश एन. सत्यनारायणन की दो सदस्यीय खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया। मंगलवार को मूल तमिल फिल्म 'गजनी' के निर्माता ए. चंद्रशेखरन की ओर से दायर याचिका की सुनवाई करते हुए इसी अदालत के न्यायमूर्ति पी. आर. शिवकुमार ने फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी।

    चंद्रशेखरन ने आरोप लगाया था हिंदी रीमेक बनाने में निर्माताओं ने रीमेक अधिकार पर दावा करने के लिए दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ की है।

    चंद्रशेखरन के वकील ए. एल. आर. संदरसन ने आईएएनएस को बताया कि अदालत ने हिंदी फिल्म के निर्माता से तमिल फिल्म के निर्माता को पांच करोड़ रुपये का जुर्मान देने को कहा है, जिसमें से तीन करोड़ की राशि बुधवार को ही जमा करवानी थी। हालांकि एक सूत्र ने कहा कि मामले के सुलझने में एक साल से अधिक का समय लग सकता है।

    इससे पहले बंबई उच्च न्यायालय ने भी 'गजनी' को गुरुवार को रिलीज करने की अनुमति दे दी। न्यायाधीश एस. बी. कार्निक ने कहा कि फिल्म पूर्व नियोजित समय पर रिलीज की जा सकती है।

    हालांकि न्यायमूर्ति ने फिल्म के निर्देशक ए. आर. मुरुगदोस से शुक्रवार तक अपने तर्को के समर्थन में एक शपथ पत्र दाखिल करने को कहा।

    मुंबई की कंपनी केबीसी पिक्चर्स ने अपने आरोप में कहा था कि मुरुगदोस ने वर्ष 2004 में उसके साथ हिट तमिल फिल्म का हिंदी रीमेक बनाने का एक समझौता किया था। कंपनी ने कहा था कि ऐसे में 'गजनी' का निर्माण उस समझौते का उल्लंघन है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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