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    सिलसिला खत्म..पंचतत्‍व में विलीन यश चोपड़ा

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    बॉलीवुड के किंग ऑफ रोमांस से मशहूर यश चोपड़ा आखिरकार पंचतत्व में विलीन हो गये। बॉलीवुड समेत हर एक ने उनको नम आंखो से विदाई दी। यशचोपड़ा को उनके बड़े बेटे आदित्य चोपड़ा ने मुखाग्नि दी। इस दुख भरे मौके पर चोपड़ा का पूरा परिवार और बॉलीवुड के तमाम दिग्गज मौजूद थे। सबकी नम आंखे बार-बार यही कह रही थी कि यश जी आप इतनी जल्दी क्यों चले गये? आदित्य के साथ उनका छोटा भाई उदय चोपड़ा और उनकी होने वाली पत्नी रानी मुखर्जी मौजूद थी। आदित्य के कंधे पर हाथ रखे शाहरूख खान की नम आंखे जलती हुई चिता को ही देख रही थीं।

    रोता-बिलखता और गमगीन मंजर किसी फिल्म का नहीं बल्कि एक हकीकत था जहां सितारे सच में, बिना ग्लिसरीन के आंसू बहा रहे थे। शाहरूख ने अपनी प्रतिक्रिया में लिखा है कि आज एक बार फिर से मुझे लग रहा है कि मैं यतीम हो गया हूं। तो वहीं अमिताभ बच्चन ने अपने ब्लॉग पर लिखा है कि यश जी यूं चले जायेंगे सोचा नहीं था. अभी तो कुछ वादे अधूरे ही रह गये। तो वहीं स्वरकोकिला लता मंगेशकर ने कहा कि मेरा तो भाई ही चला गया।

    आपको बता दें कि अमिताभ को शहंशाह और शाहरूख को फिल्मी बादशाह बनाने वाले यश चोपड़ा ही थे। परिवर्तन को नियम मानने वाले यश चोपड़ा ने 'धूल का फूल' नामक फिल्म से फिल्म बनाना शुरू किया था। उन्होंने करीब 22 फिल्मों का निर्माण किया है औऱ करीब 50 फिल्में बनायी। उनका प्रोडक्शन हाउस यशराज बैनर फिल्मी दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित बैनर है।

    वक्त, दाग, कभी-कभी, 'सिलसिला', 'चांदनी', 'लम्हे', 'दीवार', 'त्रिशुल', दिल तो पागल है, मशाल और वीर जारा ऐसी फिल्में हैं जिन्होंने सफलता की नई इबादत लिखी। 27 सितंबर 1932 को पाकिस्तान के लाहौर में जन्में यश चोपड़ा ने अपने बड़े भाई बी आर चोपड़ा की तरह प्रोडक्शन हाउस खोला। 1959 में पहली बार उन्‍होंने अपने भाई के बैनर तले ही बनी फिल्म 'धूल का फूल' का निर्देशन किया था जिसके नगमें आज भी लोग गुनगुनाते हैं। संगीत और कविता तो जैसे उनके फिल्मों की जान थी जो कि उनकी अंतिम फिल्म जब तक है जान में नजर आ रही है। इस फिल्म में शाहरूख खान, कैटरीना कैफ और अनुष्का शर्मा ने काम किया है। फिल्म 13 नवंबर को प्रदर्शित हो रही है।

    मालूम हो कि रविवार शाम पांच बजे मशहूर फिल्म निर्माता यश चोपड़ा ने लीलावती अस्पताल में अंतिम सांस ली। वो डेंगू की बीमारी से पीड़ित थे और पिछले नौ दिनों से अस्पताल में भर्ती थे। यश चोपड़ा 80 साल के थे।

    यश चोपड़ा को 2001 में वह फिल्म जगत के सर्वोच्च सम्मान 'दादा साहब फाल्के' पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। 2005 में उन्हें भारत सरकार द्वारा 'पद्म भूषण' दिया गया था और 11 बार फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। बॉलीवुड के इस दिग्गज और महान हस्ती भी वनइंडिया परिवार भी भावभीनी श्रद्दाजंलि दे रहा है और उनकी आत्मा के लिए ऊपर वाले से प्रार्थना करता है।
    अलविदा यश जी...

    English summary
    Finally Veteran director Yash Chopracremated in Mumbai's Vile Parle crematorium. Mr Chopra died of multi organ failure on Sunday (October 22).
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