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    कान में जगमगायेगी हिंदी फिल्म मोमबत्ती

    By Priya Srivastava
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    Film Mombatti
    26-11 के शहीदों पर युवा फिल्मकार पुनीत प्रकाश द्वारा बनायी गयी फिल्म मोमबत्ती का चयन कान फिल्मोत्सव के शॉर्ट फिल्म कॉर्नर में किया गया है। इस श्रेणी में पूरे विश्व से 4000 फिल्में आयी थी। जिसमें 200 फिल्मों को लिया गया है। यह 22 मिनट की फिल्म है। पुनीत बताते हैं कि उन्हें इस फिल्म का आइडिया तब मिला, जब वह एक अखबार पढ़ रहे थे।

    कान की शुरुआत बस कुछ ही दिनों में होनेवाली है। गौरतलब है कि पुनीत ने इससे पहले कई विज्ञापनों का भी निर्माण किया है। फिल्म की कहानी नक्सली हमले में मारे गये उत्तर भारत के सुदूर गांव के एक गुमनाम शहीद पुलिसकर्मी के 10 साल के बेटे पिंटू के इर्द-गिर्द घूमती है। वह अपने पिता को एक हीरो की नजर से देखता है। पिता की शहादत की वजह से टूट चुका पिंटू मुंबई के आतंकी हमलों के शहीदों की स्मृति में आयोजित कार्यक्रमों को देख कर यह सोचने पर मजबूर हो जाता है कि आखिर उसके पिता भी तो नक्सली हमले में शहीद हुए हैं। फिर उनकी इतनी अनदेखी क्यों की जा रही है।

    उदास पिंटू अपने स्कूल जाता है और मास्टर साहब से पूछता है कि शहीद क्या होता है। उनके जवाब को सुन कर पिंटू के बाल मन में पूरी तरह झकझोर कर रख देता है। अपने पिता की स्मृति में वह जो कुछ करता है। वही इस फिल्म की आत्मा है। इस फिल्म में वाकई शहीदों के परिवार की वास्तविकता को दर्शाया है। बाल कलाकार अविनाश नायर ने पिंटू की भूमिका बखूबी निभाई है। अपने अभिनय से अविनाश ने यह साबित किया है कि इतनी कम उम्र में कहानी और पिंटू के चरित्र को लेकर उसी समझ काफी परिपक्व है।

    English summary
    Ad filmmaker Puneet Prakash's 22-minute short film, Mombatti, has been selected to be screened at the Cannes Short Film Corner 2011.
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