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    चश्मे बद्दूर से शुरु हुए थे कई इश्क- राकेश बेदी

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    वो कहावत तो आपने सुनी होगी कि ओल्ड इज गोल्ड। हमारी फिल्म इंडस्ट्री में कुछ ऐसा ही है। पुरानी फिल्मों की बराबरी तो आज के रीमेक नहीं कर सकते क्योंकि जिन दर्शकों के दिल में वो फिल्में सालो से बसी हुई हैं वो बसी ही रहेंगी। फिर चाहे कोई कितनी भी रीमेक बना ले। ऐसा मानना है कि चश्मे बद्दूर ओरिजनल फिल्म के एक्टर राकेश बेदी का। राकेश बेदी की फिल्म चश्मे बद्दर का हाल ही में रीमेक बना है और इस फिल्म में मुख्य भूमिका निभाई है अली ज़फर, दिव्येंदू शर्मा, सिद्धार्थ और तापसी पन्नू ने। इस रीमेक को लेकर राकेश बेदी से जब वनइंडिया की रिपोर्टर सोनिका मिश्रा ने बात की तो उनके जवाब कुछ इस तरह थे।

    आपकी चश्मे बद्दूर फिल्म का रीमेक बना है। क्या आपने ये फिल्म देखी है और अगर देखी है तो कैसी लगी आपको ये फिल्म?

    जी हां, मैंने ये फिल्म देखी है। मुझे ये फिल्म ठीक लगी। आज के मॉर्डन जमाने के हिसाब से फिल्म में बदलाव किये गये है। कुछ चीजें हैं फिल्म जो कि आपत्तिजनक है, क्योंकि मुझे कभी भी अनुचित ढंग से दिखाई गयी कॉमेडी पसंद नहीं आती लेकिन फिर भी आज के जमाने की ये मांग है तो उन्होने बनाई हैं। फिल्म के सभी एक्टर बेहतरीन है।

    पुरानी चश्मे बद्दूर और रीमेक चश्मेबद्दूर में बेसिक क्या अंतर आपको नजर आया।

    बेसिक अंतर की बात की जाए तो उस जमाने में जो एक ठहराव था। हम तीन लोग कुछ नहीं कर रहे हैं। लाईफ बुहत लेजी है दिन भर बैठे हुए चाय पी रहे हैं। लड़कियां देख रहे हैं। टाइम पास कर रहे हैं। तो उस जमाने की जो लेजीनेस थी, उस जमाने में जो सादगी थी जो कि बहुत ही बेहतरीन तरीके से फिल्म में दिखाई गयी थी। वो इस रीमेक में नहीं है। इन लोगों ने उस फिल्म के जिस्म यानी कहानी को ले लिया लेकिन उसकी रुह को नहीं ले पाए।

    चश्मे बद्दूर फिल्म से जुड़ा कोई ऐसा पल जो आपको आज भी याद हो और आप हमसे बांटना चाहें।

    एक बहुत जबरदस्त फनी पल था। इस बात को 30 साल से भी ज्यादा हो गये हैं लेकिन ये पल आज भी मुझे याद है। हुआ कुछ यूं था कि मैंने फिल्म में एक छोटी सी मूछ रखी थी जो कि मैंने खुद उगाई थी। उसे मैं फिल्म के लिए मेंटेन कररहा था। उसी दौरान मुझे मुंबई एक दूसरी फिल्म की शूटिंग के लिए जाना पड़ा। उस फिल्म में मेरे किरदार की मूंछ नहीं थी। तो मुझे निर्देशक ने कहा कि आपको मूछ निकालनी पड़ेगी। मुझे लगा कि तीन दिन बाद जब मुझे वापस आऩा पडेगा तो मैं क्या करुंगा। फिर जब मैं दिल्ली वापस गया तो मैंने पेंसिल से अपनी मू़छ बना ली। शूट के दौरान कई बार मैं कैमरे के पीछे जाकर पेंसिल से अपनी मूंछ बनाता था। ऐसा दो-तीन दिन तक किया। फिर एक दिन काफी गरमी थी और चश्मे बद्दूर की निर्देशक साई परांजपे ने कहा अपना पसीना पोछो तो मैंने जैसे ही अपना चेहरा पोंछा तो मूंछ भी गायब हो गयी। वो मुझे देखकर शॉक्ड रह गयीं।

    रवि बासवानी जी के बारे में आप कुछ कहना चाहेंगे।

    रवि बासवानी मेरे काफी अच्छे दोस्त और बेहतरीन एक्टर थे। मुझे इस बात का अफसोस है कि वो आज इस दुनिया में नहीं हैं जब उनकी फिल्म को एक बार फिर से पूरी दुनिया देख रही है। दूसरी बात है कि मुझे इस बात का भी अफसोस है कि रवि बासवानी ने इंडस्ट्री में इतना कम काम किया। किसी को इतना भी सेलेक्टिव नहीं होना चाहिए। इस बात को लेकर मैं उनसे आज भी नाराज हूं।

    आजकल आपकी एक्टिंग को लोग काफी मिस करते हैं। कब आपको दोबारा लोग टीवी पर देख पाएंगे?

    मैं यही कहूंगा कि मैं अपने मनपसंदीदा काम करता हूं। जो मुझे पसंद आता है वही काम करता हूं। मैं वही काम कर रहा हूं जो मुझे तसल्ली दे और मेरे फैन्स को भी। मेरी जो भी भड़ास मेरे फैन्स को टीवी, या फिल्मों में नहीं नजर आ रही है वो सारी भड़ास थियेटर में निकल रही है। मेरा सोलो प्ले मसाज भी काफी अच्छी तरह से चल रहा है और लोगों को काफी पसंद भी आ रहा है।

    English summary
    Chashme Baddoor movie remake is getting huge success on Box Office. Rakesh Bedi interacted with Oneindia and expressed his views on Chashme Baddoor remake. Rakesh Bedi said that they used the thread but they didn't get the soul.
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