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सेंसर बोर्ड में 'गंदी बातों' पर बवाल..सही-गलत पर होगा फैसला!
फिल्मों में अभद्र, अश्लील भाषा का प्रयोग उचित है या नहीं, इस मामले पर सेंसर बोर्ड की गुत्थी सुलझती नहीं दिख रही। कोई इसे सही मानता है तो कोई इसे रचनात्मकता में रोड़ा मान रहे हैं। लिहाजा, फिल्मों में इस्तेमाल होने वाली भाषा को लेकर बॉलीवुड में एक नया विवाद उभरा है। आपको बता दें, यह विवाद 'मुंबई' और 'बॉम्बे' शब्द के उपयोग के बाद शुरू हुआ, जहां एक गाने में बॉम्बे शब्द का इस्तेमाल किया गया था और सेंसर बोर्ड ने गाने पर रोक लगा दी थी।
इसके बाद बदलापुर और एनएच 10 को ''ए'' सर्टिफिकेट देना, मैंसेजर ऑफ गॉड को लेकर बवाल जैसे मामले सामने आए। बहरहाल, सेंसर बोर्ड के नए अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने हिंदी और अंग्रेजी के कुल 28 शब्दों को फिल्मों में इस्तेमाल करने पर रोक लगाने की बात कही थी। इसमें ज्यादातर शब्द ऐसे थे, जो विशाल भारद्वाज, सुधीर मिश्रा, श्रीराम राघवन की फिल्मों में फर्राटे के साथ इस्तेमाल किया जाता है।
लेकिन, अभी तक इस फैसले पर कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया है। सोमवार को सुबह 10 बजे से लेकर 5 बजे तक मीटिंग यानी तकरीबन 7 घंटे की मीटिंग में आखिरकार इस फैसले को फिलहाल आगे के लिए टालने के सिवा कुछ तय नहीं हो सका। इस मीटिंग में इन 28 भद्दे शब्दों पर पुनर्विचार का प्रस्ताव भी रखा गया है।
पढे़ं- सेंसर बोर्ड खुद ही है कंफ्यूज
आपको बता दें, सेंसर बोर्ड की उन 28 चुनिंदा शब्दों की लिस्ट सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन को भेजी गई थी। एक ओर जहां फिल्म निर्माता- निर्देशक इस लिस्ट के खिलाफ थे, वहीं, बोर्ड के सदस्यों में भी फैसलों को लेकर एकजुटता नहीं दिख रही है।अध्यक्ष पहलाज निहलानी लगाम कसने में लगे हैं तो अशोक पंडित जैसे सदस्य बोर्ड से अलग बयान दे रहे हैं।
खबर के अनुसार, निहलानी ने कहा है कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन के पास किसी भी तरह का प्रस्ताव देने का पावर है। सेंसर बोर्ड के एक सदस्य ने कहा, 'कानूनी तौर पर बोर्ड नियम या कानून को चेंज करने के लिए प्रस्ताव दे सकता है। लेकिन, इससे पहले इसे मंत्रालय से होकर गुजरना पड़ता है। यहां इस केस में ऐसा नहीं हुआ। न तो बोर्ड मेंबर्स और न ही मंत्रालय को इस मामले में शामिल किया गया।'
बैन के इस आदेश के खिलाफ खड़े फिल्ममेकर और सेंसर बोर्ड के सदस्य अशोक पंडित ने कहा, 'यह एकतरफा फैसला बेकार था। चर्चाओं के बाद सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया कि इस टॉपिक पर डिबेट होनी चाहिए।'