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ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों का संगम : पठानकोट
बार्बी की पचासवीं सालगिरह
पचास साल के सफ़र में बार्बी ने बहुत कुछ देखा है फिर भी उसकी पेशानी पर ना ही कोई बल पड़ा है और न ही उसका एक बाल भी सफ़ेद हुआ है. दुनिया भर के बच्चों की चहीती गुड़िया बार्बी नौ मार्च, 2009 को अपनी पचासवीं सालगिरह मना रही है. इस दौरान इसे ढ़ेर सारी आलोचनाओं और विवादों का भी सामना करना पड़ा.
बार्बी मिलीसेंट रॉबर्ट्स को पहली बार न्यूयॉर्क टॉय फ़ेयर में 1959 में दुनिया के सामने पेश किया गया था. बार्बी नाम उसके रचयिता रुथ हैंडलर की बेटी बारब्रा के नाम पर रखा गया था.
; ;रुथ हैंडलर ने अपनी बच्ची को छोटी और घुटने के बल चलने वाली गुड़ियों के साथ खेलते देखा था लेकिन उन्होंने अमरीकी बाज़ार में एक ऐसे खिलौने के लिए जगह देखी जो नवयुवती का प्रतिनिधित्व करती हो.
; ;महिलाओं की पसंद
; ;दुनिया में आने के अपने पहले ही साल में तीन लाख से भी ज़्यादा संख्या में बार्बी की बिक्री हुई. उसकी क़ीमत तीन डॉलर रखी गई थी.
;रुथ हैंडलर ने अपनी कृति के बारे में कहा “बार्बी हमेशा ऐसी औरत का प्रतीक रही है जिसके पास विकल्प है. मेरा विश्वास है जिस विकल्प का बार्बी प्रतिनिधित्व करती हैं उससे उसकी शुरूआती लोकप्रियाता में मदद मिली. ये सिर्फ़ बेटियों में ही लोकप्रिय नहीं हुई जो कि आने वाले ज़माने में महिला मैनेजमेंट और प्रोफ़ेशनल की महत्वपूर्ण लहर का हिस्सा बनेंगी बल्कि माताओं में भी लोकप्रिय रही."
; ;बार्बी अपने लंबे पांव और पत्ली कमर के कारण विवादों में रही है.
; ;अपने निर्माता मैटल के लिए बार्बी करोड़ों डॉलर कमाने का ज़रिया बनीं. हालाँकि अपने लंबे पांव, पतली कमर और बड़े स्तन वाली बार्बी विवाद खड़ा करने में भी पीछे नहीं रही है. उसके विरुद्ध सबसे तीखी आलोचना यह है कि वह लड़कियों की न हासिल होने वाली तस्वीर पेश करती है.
; ;बाल्टिमोर में जेप्पी इंटरटेनमेंट म्यूज़ियम में बार्बी की 50वीं वर्षगांठ पर होने वाली प्रदर्शनी के क्यूरेटर डॉक्टर आर्नल्ड ब्लूम बर्ग का कहना है “बहुत से मौक़े पर लोगों ने कहा कि बार्बी एक ऐसी काल्पनिक लड़की को पेश करती है जिसका नवयुवतियों पर ख़राब प्रभाव पड़ता है क्योंकि आधुनिक महिला वैसा दिखना चाहती हैं, इससे उनके अपने शरीर के बारे में उनका ख़याल और ज़िंदगी में उनकी आकांक्षाएँ प्रभावित होती है."
; ;उन्होंने कहा “बहरहाल, दूसरी किसी भी वस्तु की तरह वह एक खिलौना कंपनी है, वे लोग बच्चों के लिए एक ख़याली पैकर, एक गुड़िया बेच रहे हैं." जब से बार्बी बनी है तब से अब तक एक अरब से भी ज़्यादा की बिक्री हो चुकी है और गुड़िया के निर्माता मैटल के मुताबिक़ अमरीका की तीन से 10 वर्ष तक की 90 प्रतिशत लड़कियों के पास कम से कम एक बार्बी तो ज़रूर है.
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