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अमोल पालेकर को चीफ गेस्ट बनाकर बुलाया फिर स्पीच के बीच में ही रोका, सरकार की कर रहे थे निंदा
मुंबई के नेशनल गैलेरी ऑफ मॉडर्न आर्ट के एक इवेंट में अमोल पालेकर को बतौर मेहमान निमंत्रण दिया गया। अमोल पालेकर माईक पर अपनी स्पीच देने आए और इस दौरान उन्होंने सरकार की कुछ नीतियों के खिलाफ अपना असमर्थन जताया। लेकिन जैसे ही अमोल ने इस तरफ बात की चर्चा मोड़ी, उन्हें बीच में ही रोक दिया गया।
अमोल पालेकर, आर्टिस्ट प्रभाकर बरवे की याद में रखी गई एक एक्ज़ीबिशन, Inside The Empty Box में बोल रहे थे। सोशल मीडिया पर ये वीडियो तेज़ी से वायरल हो रहा है जहां एक महिला उन्हें बार बार टोकती है। अमोल जी साफ पूछते हैं कि क्या आप मुझे कह रही हैं कि मैं अपनी स्पीच ना दूं।
Veteran Actor & Film Maker Amol Palekar was rudely cut off and asked to shut up at NGMA mumbai, coz he was critical of Min. of Culture.
— Sathya S (@SathyaCommune) February 10, 2019
There is no Intolerance.
Only sycophancy is tolerated.
Here, the full text of his speech 👇
pic.twitter.com/TcFh8g94yN https://t.co/g8BII0JZG0
इसके बाद महिला अपने शब्दों को तोड़ती मरोड़ती है लेकिन अमोल पालेकर को बात नहीं करने देती है। अमोल पालेकर बताते हैं कि पिछले हफ्ते, भी ऐसा ही एक वाकया हुआ था जहां नयनतारा सहगल को एक इवेंट में बुलाया गया लेकिन वहां जो वो बोलने वाली थी वो सरकार के विरूद्ध था इसलिए उनकी स्पीच कैंसिल कर दी गई। क्या आप भी मेरे साथ वही करना चाह रही हैं?
महिला ने अमोल जी को साफ कहा कि आप केवल प्रभाकर बरवे के बारे में बात कर सकते हैं और किसी के बारे में नहीं। इसके बाद एक और महिला तमतमाते हुए माईक पर आई और अमोल पालेकर को कहा कि आपको ये नहीं भूलना चाहिए कि आप संस्कृति मंत्रालय के एक कार्यक्रम का हिस्सा हैं जो सरकार का एक भाग है।
इस बात पर अमोल पालेकर का साथ मीडिया से लेकर कई नेताओं ने दिया है। वहीं फैन्स और आम आदमी भी इस मुद्दे पर अमोल पालेकर के साथ खड़े दिखाई दिए -
अमोल पालेकर को बीच में रोका
इसमें कोई हैरानी नहीं है कि अमोल पालेकर को एक इवेंट में उनकी स्पीच के बीच में बात करने से रोक दिया गया क्योंकि वो संस्कृति मंत्रालय की गलतियां गिनवाने लगे थे। इस देश में मन की बात कहने का हक केवल एक ही इंसान को है।
बात करने से रोका
जो कोई भी भाजपा की मुखालफत करता है, मोदी सरकार की आलोचना करता है, उसका मुंह बन्द करने का प्रयास किया जाता है। लेकिन कब तक बोलने से रोकेंगे। सच तो जनता को पता चलकर रहेगा। लोग एक दिन हकीकत समझ ही लेंगे।
बार बार हुई बद्तमीज़ी
मुझे पता है कि NGMA की डायरेक्टर और उनके साथियों को इश देश में ज़्यादा सपोर्ट मिलेगा, बजाय अमोल पालेकर का साथ देने के। हम इसी स्थिति में पहुंच चुके हैं। बोलने से तुलसी भए, बोलत रहे कबीर, बोलन से बाधा पड़ी, जग की बाहे पीर।
लोगों ने दिया साथ
और ये लोग बोलने के बीच में अमोल पालेकर को चुप करवाने के खिलाफ नहीं है। इनके लिए ये सब नॉर्मल है। मैं कहता हूं दोहरेपन की भी हद होती है।
देश का कैसा हाल
इस देश में कुछ बोलो मत। केवल भक्ति भरे भजन गाए जाओ।
क्यों नहीं है विरोध?
क्या अमोल पालेकर की #FreedomOfSpeech के इस तरह छीने जाने पर इस देश के बड़े आर्टिस्ट विरोध करेंगे?
इस देश का हाल
ये संस्कृति मंत्रालय ने किस तरह की संस्कृति और संस्कार का उदाहरण दिया है। अतिथि देवो भव का क्या हुआ? ये तो हमारे देश के संस्कार कतई नहीं हैं!
कोई स्टार नहीं है साथ
हालांकि मुझे जल्दी गुस्सा नहीं आता है, लेकिन जिस तरह से इस औरत ने अमोल पालेकर जी से बात की है वो बेहद शर्मनाक है। मेरे पास कोई शब्द ही नहीं है इसके लिए। और मुझे यकीन है कि बॉलीवुड के स्टार सेलिब्रिटी इस मुद्दे पर भी चुप्पी साध जाएंगे। अभी तक केवल स्वरा भास्कर ने इस बात की निंदा की है।
बहुत दुख की बात
हम अपने मूल संस्कार और तमीज़ कैसे भूल जाते हैं। अमोल पालेकर ने भले ही जो कुछ कहा हो जो मंत्रालय के खिलाफ था, लेकिन जिस तरह से इन औरतों ने बात की वो निहायत बद्तमीज़ी भरा था। ये सब देखना दु:खद है।
ये इमरजेंसी का दौर है
जिस तरह से अमोल पालेकर को अपनी स्पीच के बीच में ही रोका गया वो बिल्कुल गलत था। क्या हम सच में एक बिना घोषणा के इमरजेंसी के दौर में रह रहे हैं?