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    बरक़रार है आरडी बर्मन की धुनों का जादू

    By Staff
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    R D Burman
    चिंगारी कोई भड़के, कुछ तो लोग कहेंगे, पिया तू अब तो आजा...जैसे मधुर संगीत से श्रोताओं का दिल जीतने वाले संगीतकार राहुल देव बर्मन की रविवार को 71वीं जयंति है.

    इस मौक़े पर उन्हें उनके चाहने वाले अलग अलग तरह से याद कर रहे हैं. फ़िल्म दुनिया में आरडी बर्मन पंचम दा के नाम से विख्यात थे और उन्होंने अपने करियर के दौरान लगभग 300 फ़िल्मों में संगीत दिया.

    आरडी बर्मन का जन्म 27 जून, 1939 को हुआ था और 4 जनवरी, 1994 को 54 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया था. उनके पिता एसडी बर्मन भी जाने माने संगीतकार थे और उन्होंने अपने करियर की शुरुआत उनके सहायक के रूप में की थी.

    आरडी बर्मन सर्वाधिक प्रयोगवादी संगीतकार के रूप में जाने जाते हैं. संगीत के साथ प्रयोग करने में माहिर आरडी बर्मन ने पश्चिमी संगीत का मिश्रण करके अनेक एक नई धुनें तैयार की थीं.

    आशा और पंचम

    इसी दौरान उनकी मुलाक़ात आशा भोंसले से हुई. आशा भोंसले ने उनके निर्देशन में आजा आजा मैं हूं प्यार तेरा.., ओ हसीना ज़ुल्फ़ों वाली.. और ओ मेरे सोना रे सोना.. जैसे गीत गाए.

    इन गानों के हिट होने के बाद आरडी बर्मन ने अपने गीतों में आशा भोंसले को प्राथमिकता दी. कुछ अरसा पहले बीबीसी से बातचीत में आशा भोंसले ने कहा था कि सभी संगीत निर्देशक, गायक आज महसूस करते हैं कि उनके जैसा संगीत कोई नहीं दे सकता.

    आरडी बर्मन से अपने निकटता के बारे में उन्होंने बताया था, ''मुझे वेस्टर्न गाने पसंद थे. मुझे पंचम के गाने गाने में बहुत मजा आता था. वैसे भी मुझे नई चीज़ें करना अच्छा लगता था. बर्मन साहब को भी अच्छा लगता था कि मैं कितनी मेहनत करती हूँ. तो कुल मिलाकर अच्छी आपसी समझदारी थी. तो मैं कहूँगी कि हमारे बीच संगीत से प्रेम बढ़ा, न कि प्रेम से हम संगीत में नजदीक आए.""

    राजेश खन्ना, किशोर कुमार और आरडी बर्मन की तिकड़ी ने 70 के दशक में धूम मचा दी थी.

    इस दौरान सीता और गीता, मेरे जीवन साथी, बांबे टू गोवा, परिचय और जवानी दीवानी जैसी कई फ़िल्मों आईं और उनका संगीत फ़िल्मी दुनिया में छा गया.

    सुपरहिट फ़िल्म शोले का गाना महबूबा महबूबा.. गाकर आरडी बर्मन ने अपनी अलग पहचान बनाई.

    उन्होंने तीसरी मंजिल, यादों की बारात, आँधी, किनारा, परिचय, खुशबू, इजाजत, लिबास और 1942 ए लव स्टोरी जैसी फ़िल्मों में उन्होंने संगीत का जादू बिखेरा.

    अपने संगीत से समाँ बांध देने वाले आरडी बर्मन का चार जनवरी, 1994 को निधन हो गया लेकिन उनके चाहने वाले आज भी उन्हें शिद्दत से याद करते हैं.

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