twitter
    For Quick Alerts
    ALLOW NOTIFICATIONS  
    For Daily Alerts

    INTERVIEW: 'अक्षय कुमार ने एक अलग बेंचमार्क बनाया है, वहां तक शायद ही कोई पहुंच सकता है'- नुसरत भरूचा

    |

    "मैं रियल लाइफ में भी फाइटर हूं, अपने किरदार मनु की तरह तो नहीं, लेकिन यदि कोई कहता है कि ये तुमसे नहीं होगा, तो मैं वो जरूर करती हूं.." अपनी आगामी फिल्म 'जनहित में जारी' के बारे में बात करते हुए अभिनेत्री नुसरत भरूचा कहती हैं। जय बसंतू सिंह के निर्देशन में बनी यह फिल्म 10 जून को सिनेमाघरों में दस्तक देगी। फिल्म में नुसरत कंडोम बेचने वाली लड़की में किरदार में नजर आएंगी। यह फिल्म गर्भपात, गर्भनिरोधक, सुरक्षित सेक्स, पितृसत्ता जैसे गंभीर मुद्दों को छूती है।

    छोरी, छलांग, अजीब दास्तान जैसी अपनी पिछली फिल्मों के साथ नुसरत ने दर्शकों से बहुत तारीफ बटोरी है। अभिनेत्री कहती हैं, "ये सोचकर बहुत खुशी होती है कि निर्माता, निर्देशक आप कर भरोसा करते हैं। आपके पास मजबूत किरदारों के साथ आते हैं।"

    nushrratt-bharuccha-interview-akshay-kumar-has-set-a-different-benchmark-hardly-anyone-can-reach-t

    आने वाली दोनों फिल्मों (रामसेतु और सेल्फी) में अक्षय कुमार के साथ स्क्रीन शेयर करने को लेकर भी नुसरत बेहद उत्साहित हैं।

    'जनहित में जारी' की रिलीज से पहले नुसरत भरूचा ने मीडिया से खास बातचीत की, जहां उन्होंने फिल्म में अपने किरदार से लेकर अक्षय कुमार के साथ काम करने के अनुभव, बॉलीवुड में अपने सफर और कार्तिक आर्यन पर खुलकर बातें की।

    यहां पढ़ें इंटरव्यू से कुछ प्रमुख अंश-

    Q. फिल्म में आप कंडोम बेचने वाली लड़की की भूमिका कर रही हैं। स्क्रिप्ट सुनने के बाद मन में कोई दुविधा थी?

    Q. फिल्म में आप कंडोम बेचने वाली लड़की की भूमिका कर रही हैं। स्क्रिप्ट सुनने के बाद मन में कोई दुविधा थी?

    नहीं, ऐसा कुछ नहीं था.. और वो इसीलिए क्योंकि मेरे घर और मेरे आस पास के लोगों के बीच ये बातें काफी पहले से ही सामान्य हैं। मेरे घर पर इस बात को लेकर कभी कोई हिचकिचाहट नहीं हुई है। कह सकती हूं कि बहुत ही खुला माहौल रहा है। शायद उसका प्रभाव मेरे व्यक्तित्व पर भी है। जब मैंने इसकी स्क्रिप्ट सुनी तो मुझे ये काफी दिलचस्प लगा और मैं तुरंत तैयार हो गई।

    Q. परितोष त्रिपाठी, अनुद सिंह ढाका जैसे कलाकारों के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?

    परितोष बहुत ही शानदार अभिनेता हैं। उनकी कॉमिक टाइमिंग बड़ी कमाल की है और वो लिखते भी बहुत अच्छा हैं। उनके जैसे टैलेंटेड लोगों के साथ काम करके मुझे बहुत अच्छा लगता है, कुछ सीखने को मिलता है। आपको अपना काम और बेहतर करने की प्रेरणा मिलती है। अनुद के बारे में क्या बोलूं.. वो न्यू कमर है, लेकिन कहीं से लगता है कि वो नया है। अपने काम पर उसकी इतनी अच्छी पकड़ है। वह बहुत नैचुरल एक्टिंग करते हैं।

    Q. पिछले दो- तीन सालों में जैसी फिल्में आपने की हैं, जैसे स्क्रिप्ट आपके पास आए हैं, क्या ये एक मोटिवेशन के तौर पर काम कर रहा है?

    Q. पिछले दो- तीन सालों में जैसी फिल्में आपने की हैं, जैसे स्क्रिप्ट आपके पास आए हैं, क्या ये एक मोटिवेशन के तौर पर काम कर रहा है?

    हां, दरअसल सच में कर रहा है। पिछली कुछ फिल्मों के साथ चीजें थोड़ी पक्की हो रही हैं। निर्माताओं का भरोसा मुझ पर बढ़ रहा है या दर्शकों का, किसकी वजह से क्या प्रभावित हुआ वो मैं नहीं बता सकती। लेकिन हां, लोग मेरे पास मजबूत किरदार, मजबूत कहानियां के साथ लेकर आ रहे हैं। ये बहुत ही संतोष और खुशी वाली फीलिंग होती है.. कि आपके पास करने के लिए इतना सब कुछ है। जब मैं प्यार का पंचनामा कर रही थी, मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे एक सोलो लीड वाली फिल्म मिलेगी। लेकिन छोरी जैसे ही मेरे पास आई, मुझे वो इतनी दिलचस्प लगी कि मैंने तुरंत हां कर दी, फिर अजीब दास्तान मिली। मेरी कोशिश सिर्फ यही है कि मैं कुछ ऐसा करती रहूं, जो मैंने पहले नहीं किया है। अपने किरदारों को इस तरह से अप्रोच करूं कि उसमें हर बार नयापन लगे।

    Q. आज भी बहुत परिवारों में माता- पिता और बच्चों के बीच कंडोम, सेक्स जैसे शब्दों का प्रयोग शायद ही होता होगा। इस पर आप क्या राय रखती हैं? या कैसा बदलाव देखना चाहती हैं?

    Q. आज भी बहुत परिवारों में माता- पिता और बच्चों के बीच कंडोम, सेक्स जैसे शब्दों का प्रयोग शायद ही होता होगा। इस पर आप क्या राय रखती हैं? या कैसा बदलाव देखना चाहती हैं?

    इस बारे में मेरी सोच कुछ अलग ही है। मेरी एक करीबी दोस्त है, जिसकी मां उसकी बेस्ट फ्रेंड है। वह अपनी मां के साथ सारी बातें शेयर करती है। मुझे लगता है कि ये कितनी अच्छी बात है कि आप अपनी मम्मी के साथ बेस्ट फ्रैंड हो। आपको बाहर किसी के साथ, सहारा, इमोशनल सपोर्ट की जरूरत ही नहीं है क्योंकि आप बेझिझक अपने घर में ही सारी बातें कर सकते हो। वो हमेशा आपके साथ हैं, आपकी बात समझ रहे हैं, आप दिल में क्या है वो सब जानते हैं। इससे ज्यादा अच्छी बात और क्या हो सकती है। मैं अक्सर सोचती हूं कि ऐसा स्वस्थ माहौल हर कहीं क्यों नहीं है!

    Q. छोटे शहरों या गांवों में मसाला फिल्मों को जैसा रिसेप्शन मिलता है, उम्मीद है कि इस फिल्म को भी लोग उसी प्रकार स्वीकार करेंगे?

    उम्मीद करती हूं कि करें.. क्योंकि गांव या छोटे शहरों में भारत की बड़ी जनसंख्या रहती है। लेकिन ये भी सच है कि इस तरह के विषय के साथ उनका ध्यान खींचना बहुत मुश्किल होता है। वहां लोग अपने एक ढ़र्रे से, एक सोच के साथ जीते चले आए हैं, वो उसमें बहुत सहज हैं, वो उसे नहीं बदलना चाहते। हम कोशिश कर सकते हैं कि जागरूकता उन तक पहुंचाएं, उन्हें उनके हक समझाएं, लेकिन बदलाव लाना है या नहीं वो निर्णय खुद उन पर है।

    Q. फिल्म साइन करते समय किन बातों का ख्याल रखती हैं?

    Q. फिल्म साइन करते समय किन बातों का ख्याल रखती हैं?

    कहानी सबसे पहले। मैं नरेशन के दौरान फिल्म को ऑडियंस के नजरीए से सुनती हूं.. कि मैं क्या ये फिल्म देखने थियेटर आउंगी! और यदि मैं थियेटर में बैठकर ये फिल्म देख रही हूं, तो क्या ये मुझे वो सारे इमोशंस दे रहा है और मुझे बांधकर रख रहा है। जिस भी सोच और इरादे के साथ वो स्क्रिप्ट लिखी गई है, क्या वो इसे पाने में सफल हो रहा है। यदि हां, तो मेरे हिसाब से वो एक दिलचस्प फिल्म है और मैं वो करूंगी।

    Q. आने वाली फिल्मों में और कौन से नाम शामिल हैं?

    रामसेतु, सेल्फी के अलावा.. एक फिल्म मैंने अभी खत्म की है, एक और है जिसकी शूटिंग पिछले साल ही हो चुकी है, ये दो फिल्मों की फिलहाल घोषणा नहीं हुई है इसीलिए मैं नाम नहीं ले सकती। इसके अलावा छोरी 2, जिसकी शूटिंग इस साल के अंत तक शुरु हो जाएगी।

    Q. आप बैक टू बैक दो फिल्मों में अक्षय कुमार के साथ काम कर रही हैं। कैसा अनुभव रहा?

    Q. आप बैक टू बैक दो फिल्मों में अक्षय कुमार के साथ काम कर रही हैं। कैसा अनुभव रहा?

    बहुत शानदार। वो बहुत सहजता के साथ आपको टीम में शामिल कर लेते हैं और बहुत ख्याल रखते हैं.. एक सह- कलाकार के रूप में फिल्म के सेट पर मैंने इतना सम्मानित कभी महसूस नहीं किया। उन्होंने एक अलग बेंचमार्क स्थापित किया है, जो मुझे नहीं पता कि कोई पहुंच सकता है या नहीं। वह सेट पर सभी का, हर कलाकार, हर टेक्नीशियन का ख्याल रखते हैं। जब मैं शुरु शुरु में फिल्म के सेट पर पहुंची थी तो मुझे बता दिया गया था कि खाना कोई भी वैनिटी में नहीं खा सकता है। जब मैं अगले दिन लंच के वक्त पर गई तो देखा कि बकायदा एक टेंट लगता है, जहां सब लोग साथ मिलकर ही खाते हैं। फिर कुछ देर बैठकर सब वहीं बातें करते हैं, उसके बाद वापस शॉट के लिए तैयार होने जाते हैं। फिल्म से जुड़े सभी लोग एक यूनिट की तरह रहते हैं। और मुझे लगता है कि सेट पर ये एनर्जी बनाए रखना बहुत जरूरी है, इससे शूटिंग के दौरान बहुत पॉजिटिल माहौल बना रहता है।

    Q. इंडस्ट्री में आपको लंबा वक्त हो गया है। कोई खास निर्देशक जिनके साथ काम करना चाहती हों? कोई विशलिस्ट!

    Q. इंडस्ट्री में आपको लंबा वक्त हो गया है। कोई खास निर्देशक जिनके साथ काम करना चाहती हों? कोई विशलिस्ट!

    सभी मेरी लिस्ट में हैं। दरअसल 'प्यार का पंचनामा' के दौरान जब लोग मुझसे ये सवाल करते थे, तो उस वक्त मेरे पास टॉप 5 नाम थे। वो नाम इसीलिए थे क्योंकि मैं उनकी फिल्मों से बहुत प्रभावित थी और उनकी कहानियों और उनकी दुनिया का हिस्सा बनना चाहती थी। लेकिन मुझे समझ आ गया कि उससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि वो मेरे साथ काम नहीं करना चाहते। बेहतर है कि मैं ऐसे लोगों के साथ काम करूं, जो मेरे साथ फिल्में करना चाहते हैं और फिर वो मेरी विश लिस्ट में शामिल हो जाएं।

    Q. इतने सालों के दौरान खुद में और इंडस्ट्री में क्या बदलाव पाती हैं?

    खुद में मैंने यही बदलाव पाया है कि अब मैं किसी रेस में विश्वास नहीं रखती। कौन क्या कर रहा है, कितनी फिल्में कर रहा है, किसके साथ कर रहा है.. ये सारी बातें, ये सवाल अब मुझे बिल्कुल परेशान नहीं करती हैं। और मैं मानती हूं कि मेरी सोच में ये बदलाव इसीलिए भी आया है कि क्योंकि मैं लगातार काम कर रही हूं। मैं किसी भी निगेटिव सोच को अपने दिमाग में आने का मौका ही दे रही हूं।

    Q. मौजूदा साथी अभिनेत्रियों में किनका काम पसंद है?

    Q. मौजूदा साथी अभिनेत्रियों में किनका काम पसंद है?

    सभी अपने अपने तरीके से अपना बेहतरीन दे रहे हैं। आलिया भट्ट का काम मुझे बहुत पसंद है, वह शानदार अभिनय करती हैं। अनुष्का शर्मा हैं.. वो ना सिर्फ कमाल की अभिनेत्री हैं बल्कि बतौर निर्माता भी वो बहुत अच्छा काम कर रही हैं। वैसे विद्या बालन हमेशा से मेरी पसंदीदा रही हैं। मुझे लगता है कि 'द डर्टी पिक्चर' के साथ उन्होंने हर स्टिरियोटाइप को तोड़ा है कि एक हिंदी फिल्म एक्ट्रेस को कैसी होनी चाहिए। इन सबका काम देखकर मुझे बहुत खुशी मिलती है और एक तरह से इनके काम से मैं भी मोटिवेटेड फील करती हूं।

    Q. कार्तिक आर्यन की हालिया रिलीज भूल भुलैया 2 सुपरहिट हो चुकी है। उनकी सफलता पर क्या कहना चाहेंगी?

    कार्तिक की सफलता से बहुत ज्यादा खुशी होती है। दिव्येंदु को भी 'मिर्जापुर' में देखकर मैं कितनी खुश हुई थी, बता नहीं सकती। हम सबने एक साथ सफर शुरु किया था, हम एक साथ आगे बढ़ रहे हैं, हर किसी को अपनी अपनी जगह पर खुशी से काम करते देखना ही बहुत अच्छा लगता है।

    English summary
    As Janhit Mein Jaari is all set to release in theatres on 10th June, in an interview with Filmibeat, actress Nushrratt Bharuccha speaks about her role in the film, experience of working with Akshay Kumar, about her Bollywood journey and much more.
    तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
    Enable
    x
    Notification Settings X
    Time Settings
    Done
    Clear Notification X
    Do you want to clear all the notifications from your inbox?
    Settings X
    X