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    शिप ऑफ थीसस पैसे के लिए नहीं बनाई- किरण राव

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    किरण राव जिन्होंने अपने अब तक के करियर में लगान, मॉनसून वेडिंग, साथिया, स्वदेस जैसी फिल्मों का सह-निर्देशन किया है और तारे जमीन पर, जाने तू या जाने ना, पीपली लाईव, दिल्ली बेली, तलाश जैसी फिल्मों का सह-निर्माण व निर्माण किया है अपनी अलग तरह की फिल्मों की सोच को लेकर काफी मशहूर है। बॉलीवुड के मिस्टर परफैक्शिस्ट आमिर खान की पत्नी किरण राव बॉलीवुड की एक ऐसी निर्माता और निर्देशक हैं जिनसे लोग कुछ नयी और अलग तरह की फिल्मों की एक्पेक्टेशन करते हैं। किरण राव ने बतौर निर्माता इस बार एक नये निर्देशक आनंद गांधी की फिल्म शिप ऑफ थीसस से टाइ अप किया है। इस फिल्म को लेकर किरण राव बेहद उत्साहित हैं। वनइंडिया की रिपोर्टर सोनिका मिश्रा के साथ इंटरव्यू के दौरान किरण राव ने कई सारी बातें शेयर कीं जिनके कुछ अंश यहां मौजूद हैं।

    थिप ऑफ थीसस को लेकर आपकी क्या एक्सपेक्टेशन हैं?

    इस फिल्म ने हमपर इतना इंपेक्ट किया कि हम इस फिल्म से जुड़ने को तैयार हो गये। फिल्म देखने के बाद हमे काफी दंग रहगये थे। आनंद से मिलने के बाद हमने उनसे कहा कि ये फिल्म इतनी अलग और बेहतरीन है कि हम भी चाहते हैं कि फिल्म को लोगों तक पहुंचाने में हम कोई मदद कर सकें। शिप ऑफ थीसस फिल्म देखने के बाद हमारे दिल में यही आया कि ये फिल्म ज्यादा से ज्यादा लोगों को देखनी चाहिए और इंज्वॉय करनी चाहिए। हमें लगा कि अगर ये फिल्म लोगों तक पहंचेगी तो उन्हें ये जरुर पसंद आएगी।

    कब और कैसे इस फिल्म से जुड़ने का विचार आपको आया?

    आनंद एक नये फिल्ममेकर हैं तो जब हमने उनसे पूछा था कि आपके फिल्म के डिस्ट्रीब्यूशन को लेकर क्या प्लान हैं तो उन्होंने कहा कि अभी तक तो कोई प्लान नहीं है। तो उन्होंने कहा कि अगर आप हमारे साथ आएं तो शायद फिल्म को बाहर लाने में हमें मदद मिल जाए और हमारी फिल्म को बेचने में आसानी हो। तो हम इस फिल्म से जुड़ गये। नहीं तो हमारा कोई प्लान नहीं था कि हम इस फिल्म से जुड़ेंगे। असल में मैं तो बहुत गर्व महसूस कर रही थी कि हमारे देश में इस तरह की फिल्में बन रही हैं।

    शिप ऑफ थीसस करने से पहले आपने आमिर की सलाह ली थी?

    मैंने उनसे बात की थी असल में मैंने आमिर को फिल्म भी दिखाई थी। जब उन्होंने फिल्म देखी तो उन्हें बहुत पसंद आई। उन्हें भी फिल्म से प्यार हो गया। तब उन्होंने मुझे कहा कि आपको इस फिल्म से जुड़ना चाहिए और तब मेरा इरादा पक्का हो गया कि मैं ये फिल्म करना चाहती हूं।

    शिप ऑफ थीसस की ऑडियंस काफी लिमिटेड होगी ये आपका खुद का मानना है। किस तरह की ऑडियंस को आप टार्गेट करना चाहती हैं?

    मुझे लगता है कि हमारे देश के लोग अधिकतर फिल्में देखने सिनेमाहॉल जाते हैं सिर्फ इसलिए ताकि वो अपनी परेशानियों को भूल सकें और थोड़ा खुश हो सकें। इस फिल्म के दर्शक बहुत ही थोडे होंगे। लेकिन इस तरह की ऑडियंस जो कि सिर्फ एंटरटेनमेंट के लिए अपना दिमाग घर रखकर फिल्में देखना पसंद करती हैं उनके लिए ये फिल्म नहीं है। ये फिल्म एक बहुत ही अलग तरह की फिल्म है। हो सकता है कि ये फिल्म पहली बार में आपको समझ में ना आएं लेकिन फिर भी ये फिल्म आपके सोचने का नजरिया बदल देगी और उन्हें डिस्कस करने के लिए कुछ नया मिलेगा।

    जैसा कि आपने कहा कि आप चाहती हैं कि सिर्फ वहीं लोग इस फिल्म को देखें जो कि फिल्म को देखना चाहते हैं। आप लोगों की भीड़ को फिल्म को देखने के लिए नहीं बुलाना चाहतीं। तो क्या इसका मतलब ये है कि आप बॉक्स ऑफिस को बिल्कुल नज़रअंदाज कर रही हैं?

    इस फिल्म को लेकर मैं ये सब नहीं सोच सकती थी। जो फिल्में नंबर गेम में बनती हैं उनमें अलग तरह का पैसा लगता है। इस तरहकी फिल्म कई लोगों ने जिंदगी में नहीं देखी हो। ये बहुत ही छोटे बजट में बनी फिल्म है। ये उस तरह की फिल्म है जो कि सिर्फ फिल्म फेस्टिवल में दिखाई जाती हैं। हम पैसा कमाने के लिए ये फिल्म नहीं बना रहे हैं। इस तरह की फिल्मों से अगर हम बॉक्स ऑफिस नंबर्स की भी अपेक्षा करेंगे तो ये गलत होगा।

    English summary
    Kiran Rao says that 'Ship Of Theseus', is not made for the Box Office number race. 'Ship Of Theseus' is made to provoke new ideas and discussion between people. Kiran Rao said that she showed 'Ship Of Theseus' to Aamir Khan and he also loved the movie.
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