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    Exclusive Interview- गैंग्स ऑफ वासेपुर के कारण आज हम सभी लोग इंडस्ट्री में हैं- जीशान कादरी

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    अनुराग कश्यप की धमाकेदार फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर भला किसको नहीं याद होगी। इस फिल्म के लगभग सभी किरदार दमदार थे और डेफिनेट को भला कोई कैसे भूल सकता है। जी हां, हम बात कर रहे हैं जीशान कादरी की, जिन्होने कई फिल्मों और अब वेब सीरीज में धमाका किया है। जीशान कादरी ना सिर्फ एक्टर हैं बल्कि एक शानदार लेखक हैं। गैंग्स ऑफ वासेपुर में अभिनय करने के साथ साथ उन्होने इस फिल्म को लिखा है।

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    फिल्म में कुछ ऐसे कलाकार थे जिनको इस फिल्म के पहले कोई पहचान नहीं मिली थी लेकिन इस फिल्म के बाद बड़े पर्दे पर छा गए थे। जीशान कादरी ने जो किरदार निभाया था वो आज भी याद किया जाता है।

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    इस वक्त जीशान अपनी एक वेब सीरीज को लेकर चर्चा में हैं जिसका नाम योर ऑनर 2 है। ये वेब सीरीज SonyLiv पर रिलीज हुई है और काफी पसंद की जा रही है। वेब सीरीज में जीशान कादरी के अलावा जिमी शेरगिल और गुलशन ग्रोवर जैसे सितारे भी हैं।

    इसी को लेकर फिल्मीबीट ने जीशान कादरी से बात की है जिसमें उन्होने अपने करियर और जीवन की कई अहम बातें साझा की हैं। आप पढ़िए जीशान कादरी के साथ साक्षात्कार के मुख्य अंश...

    सोनी लिव पर आई आपकी सीरीज काफी तारीफ बटोर रही है, इस सीरीज से आपका जुड़ना कैसे हुआ?

    सोनी लिव पर आई आपकी सीरीज काफी तारीफ बटोर रही है, इस सीरीज से आपका जुड़ना कैसे हुआ?

    ईमानदारी से अगर बताऊं मुझे इस सीरीज के लिए कॉल आया था। उन्होने बताया कि सर ऐसा ऐसा शो है, आपको कास्ट करना चाह रहे हैं। मैने पूछा कैसा शो है? डायरेक्टर कौन हैं? उन्होने बताया कि डायरेक्टर वही हैं ईश्वर निवास जी, तो बस मैने कहा कि अब कुछ नहीं सुनना है मैं शो कर रहा हूं। ईश्वर जी के साथ मेरा फैनबॉय मोमेंट रहा है क्योंकि उन्होने 'शूल' बनाई थी। इसके बाद ईश्वर जी के साथ मेरी पहली मीटिंग हुई और मेरा किरदार फाइनल हो गया।

    बतौर एक्टर सीरिज और फिल्मों में काम करने के अनुभव में क्या कोई अंतर महसूस करते हैं?

    बतौर एक्टर सीरिज और फिल्मों में काम करने के अनुभव में क्या कोई अंतर महसूस करते हैं?

    बतौर एक्टर मेरा मानना है कि सीरिज और फिल्मों में काम करने में कोई अंतर नहीं है। लेकिन एक लेखक के तौर पर आपको काफी काम करना पड़ता है। क्योंकि सीरीज लंबी होती है तो आपको लिखना बहुत पड़ता है। आप अपने ऑडियंस को किनती देर तक होल्ड कर सकते हो वो मैटर कर जाता है। लेकिन बतौर एक्टर आपकी मेहनत बराबर होती है दोनों में। दोनों में आपको दर्शकों को बांध के रखना होता है। अगर आप ढीला छोड़ोगे तो ऑडियंस बोर हो जाएगी। आज कल के दर्शकों का ध्यान काफी जल्दी हट जाता है। (हंसते हुए) इसलिए सावधानी हटी को दुर्घटना घटी।

    लेखन या एक्टिंग, आपको ज्यादा क्या आनंद देता है?

    लेखन या एक्टिंग, आपको ज्यादा क्या आनंद देता है?

    (हंसते हुए) मुझे सोने में ज्यादा आनंद आता है, ना लेखन में ना अभिनय में, अरे मजाक कर रहा हूं। लेखन एक अलग चीज है और मुझे लिखने में बहुत मजा आता है। जब हम तीन चार लोग बैठकर लिखते हैं, हम रिसर्च कर रहे होते हैं, ये एक अलग ही दुनिया हो जाती है। उसका अपना अलग मजा है। एक्टिंग का अपना एक अलग मजा है, आप स्क्रिप्ट पढ़ते हो। तब आपको समझना होता है ये आपके लिए काम करेगा या नहीं करेगा। उसके बाद आपको करना है कि आप उस किरदार को कैसे निभाते हैं। उस मेहनत का अलग मजा है, तो मजा दोनों में ही है।

    आपसे बात हो और गैंग्स ऑफ वासेपुर का जिक्र ना आए ऐसा नहीं हो सकता है, बताना चाहेंगे आपका इस फिल्म से कैसे जुड़ना हुआ था और इस फिल्म ने आपकी जिंदगी में क्या बदलाव लाए?

    आपसे बात हो और गैंग्स ऑफ वासेपुर का जिक्र ना आए ऐसा नहीं हो सकता है, बताना चाहेंगे आपका इस फिल्म से कैसे जुड़ना हुआ था और इस फिल्म ने आपकी जिंदगी में क्या बदलाव लाए?

    अगर आप अनुराग कश्यप और मनोज बाजपेयी का नाम हटा दें तो इसी फिल्म की वजह आज हम सारे लोग इंडस्ट्री में हैं। हम सभी लोग तो बिल्कुल नीचे थे, चाहे राजुकमार राव हों, नवाज भाई हों, हुमा कुरैशीं या फिर पंकज त्रिपाठी हों। (हंसते हुए) शॉर्ट में कहें तो सबकी जिंदगी वासेपुर ने खराब की है। मुझे अनुराग सर मिल गए थे और मैने उनको कहानी सुनाई थी, तब उन्होने तुरंत कहा कि मैं ये कहानी बनाउंगा। बस छोटी सी मुलाकात में ही सबकुछ तय हो गया था। जब मैनें उनको इस कहानी के बारे में बताया तो मेरे पास सिर्फ 8 पेज का एक कॉंसेप्ट था। उनको पसंद आई क्योंकि वो इस तरह की स्क्रिप्ट ढूंढ रहे थे। वही चीज उनके सामने आ गई तो बोले, यही तो मैं खोज रहा था।

    योर ऑनर 2 में जिम्मी शेरगिल और गुलशन ग्रोवर जैसे दिग्गजों के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?

    योर ऑनर 2 में जिम्मी शेरगिल और गुलशन ग्रोवर जैसे दिग्गजों के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?

    हालांकि मैं गुलशन ग्रोवर जी का बचपन से ही फैन हूं और उनकी सारी फिल्में मैनें देखी हैँ लेकिन इस बार उनके साथ स्क्रीन शेयर करने का मौका मुझे नहीं मिला। जिमी भाई के साथ मुझे स्क्रीन शेयर करने का मौका जरूर मिला है। मुझे याद है कि एक सीन के दौरान एक लाइन थी जिसमें वो अटक गए मैने बोला वो हंसने लगे। फिर ये कहा कि वापस उसी मूड में आओ क्योंकि सब हंसे ही जा रहे थे। वो लाइन ये थी कि.. ''ये भइया लोग के मामले में नहीं आइएगा, ये यूपी है, यहां आइएगा तो झुलस जाइएगा।'' जिमी भाई काफी अच्छे हैं और उनके साथ काम करने में मजा आता है।

    इंटरव्यू से पहले मैं आपकी फिल्मोग्राफी देख रहा था, आप झारखंड से हैं। वहां से मुंबई तक का सफर आपके लिए कितना मुश्किल या आसान रहा था। आने वाले कलाकारों को यदि आप कुछ अपनी राय देना चाहें तो.....

    इंटरव्यू से पहले मैं आपकी फिल्मोग्राफी देख रहा था, आप झारखंड से हैं। वहां से मुंबई तक का सफर आपके लिए कितना मुश्किल या आसान रहा था। आने वाले कलाकारों को यदि आप कुछ अपनी राय देना चाहें तो.....

    मेरी बात करें तो मैं सीधे यहां नहीं आ गया था। मैंने मेरठ से ग्रैजुएशन किया, दिल्ली के कॉल सेंटर में जॉब किया फिर मुंबई आया मेरी जमीन इधर घूम गई। मैं मुंबई ये सोचकर आ गया था कि चलो ट्राई करूंगा। बस चीजें बदलती चली गईं। आने वाले कलाकारों से मैं कहना चाहूंगा कि अगर आप इस फील्ड के बारे में थोड़ा पैसनेट हैं तो पढ़ के आना। सिनेमा अपने आपमे एक पढ़ाई है इसलिए इसके बारे में पढकर आना। अपने बेसिक क्लियर करके आना, जैसे मैं उठकर आ गया था वैसे मत आना वरना आप पढ़ाई ही कर रहे होगे जैसे कि मैं कर रहा हूं।

    इन दिनों बॉलीवुड में इनसाइडर- आउटसाइडर को लेकर इतनी डिबेट छिड़ी है। इस मुद्दे पर आपकी क्या सोच है? आपके लिए यहां जगह बनाना कितना मुश्किल रहा?

    इन दिनों बॉलीवुड में इनसाइडर- आउटसाइडर को लेकर इतनी डिबेट छिड़ी है। इस मुद्दे पर आपकी क्या सोच है? आपके लिए यहां जगह बनाना कितना मुश्किल रहा?

    अगर आप इनसाइडर हैं तो आपको काम बहुत जल्दी मिल जाएगा इसमें कोई शक नहीं है। जैसे अगर आपके पिता का अप्रोच है, लेकिन काम जल्दी मिलना और आपका हिट होना, दोनों में बहुत बड़ा अंतर है। आप आउटसाइडर हो लेकिन इंडस्ट्री में 17 साल संघर्ष किया लेकिन अब आप हिट हो जैसे कि नवाजुद्दीन सिद्दीकी है। आज की तारीख में आप राजकुमार राव हो, आप मनोज बाजपेयी हो, आप अनुराग कश्यप हो, आप तिगमांशु धूलिया हो, आप पंकज त्रिपाठी हो, आप ऋचा चड्ढा हो या आप अली फजल हो.. कई नाम हैं। इन लोगों को टाइम लगा आने में लेकिन आने के बाद लोगों ने उनके टैलेंट की तारीफ की। इंडस्ट्री बहुत सपोर्टिव है लेकिन आसानी से कुछ नहीं होता। आसान उनके लिए हो जाता है को कि बहुत आसानी से अपना काम करके निकल जाते हैं।

    जाते जाते, यदि बताना चाहें, वर्तमान समय में और किस प्रोजेक्ट पर आप काम कर रहे हैं?

    जाते जाते, यदि बताना चाहें, वर्तमान समय में और किस प्रोजेक्ट पर आप काम कर रहे हैं?

    अभी मैने बतौर एक्टर एक फिल्म के लिए हां कि है जिसका नाम 'इश्क चकल्लस' है, इसको अशोक यादव डायरेक्ट कर रहे हैं और इस फिल्म में मुख्य विलेन की भूमिका निभाने वाला हूं। एक फिल्म है जो कि ई निवास ही बना रहे हैं, उसके लिए हां किया है। इसके अलावा अली फजल और शाहिद कपूर की एक फिल्म के लिए मैने हां किया है जिसकी शूटिंग पहले से ही दुबई में चल रही है। इसके अलावा बहुत सारी चीजें पाइपलाइन में हैं जिसको पढ़ना है, उसको देखना है कि कौन सी चीजे मुझे सूट करती हैं।

    English summary
    Exclusive Interview- says Zeishan Quadri We are in industry just because of Gangs Of Wasseypur. He is also speaks on his latest Web Series.
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