Just In
- 6 hrs ago Crew Review: चोर के घर चोरी करती नजर आईं तबू, करीना और कृति, बेबो ने लूट ली सारी लाइमलाइट, कृति पड़ीं फीकी
- 9 hrs ago बेटे अकाय के जन्म के बाद अनुष्का शर्मा ने शेयर की अपनी पहली तस्वीर, दूसरी डिलिवरी के बाद ऐसी हो गई हैं हसीना
- 9 hrs ago ईशा अंबानी ने 508 करोड़ में बेचा अपना 38,000 स्कवेयर फुट का बंगला, इस हसीना ने चुटकी बजाकर खरीदा?
- 10 hrs ago 250 करोड़ की मालकिन बनने को तैयार 1 साल की राहा कपूर! रणबीर-आलिया ने लिया ऐसा फैसला
Don't Miss!
- News Weather Forecast: तेजी से करवट ले रहा मौसम, कहीं बारिश तो कहीं बर्फबारी, देहरादून, भोपाल में टूटा रिकॉर्ड
- Lifestyle Mukhtar Ansari Networth : मुख्तार अंसारी का निधन, जानें कितनी बेशुमार दौलत के थे मालिक?
- Education MHT CET 2024 Exam Dates: एमएचटी सीईटी 2024 परीक्षा की तारीखें फिर से संशोधित की गई, नोटिस देखें
- Finance Gaming का बिजनेस भारत में पसार रहा पांव, आने वाले सालों में 6 अरब डॉलर तक का होगा कारोबार
- Automobiles अब Toll प्लाजा और Fastag से नहीं, इस खास सिस्टम से होगा Toll Collection! नितिन गडकरी ने दिया बड़ा अपडेट
- Technology Oppo F25 Pro भारत में नए Coral Purple कलर में उपलब्ध, जानिए, स्पेक्स और उपलब्धता
- Travel Good Friday की छुट्टियों में गोवा जाएं तो वहां चल रहे इन फेस्टिवल्स में भी जरूर हो शामिल
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
INTERVIEW: 'बिना एंटरटेनमेंट के सामाजिक विषय पर बनी फिल्में भी लोगों को बोर करती है' - बरुण सोबती
ज़ी5 पर सच्ची घटना और झकझोर देने वाली हकीकत पर बनी फिल्म '200 - हल्ला हो' 20 अगस्त को रिलीज हो चुकी है। एक दशक के बाद अमोल पालेकर जैसे दिग्गज अभिनेता इस फिल्म से वापसी कर रहे हैं तो वहीं बरुण सोबती, रिंकु राजगुरु और सोनाली बत्रा जैसे कलाकार भी अहम भूमिका में हैं। '200 - हो हल्ला' में बरुण सोबती एक सच्चे वकील उमेश जोशी के किरदार में नजर आए हैं। अपने किरदार और फिल्म की कहानी व अन्य बिंदुओं को लेकर अभिनेता बरुण सोबती ने फिल्मबीट हिंदी से खास बातचीत की। इस एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में उन्होंने अपने करियर में इस फिल्म के योगदान से लेकर सहयोगी कलाकरों को लेकर भी कई अहम बातें बताईं।
सार्थक दासगुप्ता द्वारा निर्देशित, '200 - हल्ला हो' की कहानी एक सच्ची घटना पर आधारित है। जिसमें दिखाया गया है कि कैसे 200 दलित महिलाओं ने एकजुट होकर एक गैंगस्टर, लुटेरे और सीरियल रेपिस्ट को खुली अदालत में पीट-पीट कर कानून और न्याय को अपने हाथ में ले लिया था।
'200 हल्ला हो' में बरुण सोबती ने एक अहम भूमिका निभाई है। वह इससे पहले भी सच्ची घटना पर बनी फिल्म में काम करने का अनुभव रखते हैं। बरुण सोबती ने 'हलाहल', 'असुर' जैसी फिल्मों में शानदार अभिनय से दर्शकों का दिल जीता है।
बरुण सोबती एक ऐसे अभिनेता हैं जिन्होंने छोटे पर्दे से अपने करियर की शुरुआत की। उन्होंने साल 2009 में 'श्रद्धा' सीरियल से एक्टिंग डेब्यू किया। इसके बाद बरुण लगातार काम करते गए और 'इस प्यार का क्या नाम दूं' जैसे सुपरहिट सीरियल की जर्नी को तय किया। आज के समय में वह टीवी से लेकर फिल्मों व ओटीटी पर काम कर रहे हैं।
सच्ची घटना पर आधारित फिल्म में काम करने का अनुभव
'हलाहल' फिल्म के बाद एक बार फिर मुझे सच्ची घटना पर आधारित फिल्म में काम करने का मौका मिला है। फिल्म के सेट पर सभी बहुत ही लाइट माइंडेड लोग थे। सभी के साथ इस कहानी को करने में बहुत मजा आया। सभी की एक ही सोच थी और इसी वजह से काम करने में बहुत आसानी हुई। इसलिए अनुभव भी बहुत शानदार रहा।"
महिलाओं के हक के लिए लड़ना कैसा रहा?
मैं एक ऐसा किरदार निभा रहा हूं जो गरीबों और महिलाओं के लिए लड़ाई लड़ता है। इस किरदार का नाम है उमेश जोशी, जो पेशे से वकील हैं। गरीब और पिछड़े लोगों के लिए मैं नि:शुल्क में काम करता है। मैं फिल्म में 200 दलित महिलाओं की लड़ाई को मजबूत करता हूं। लोगों को हिम्मत देता हूं और जीत की एक उम्मीद देता हूं। कुल मिलाकर ऐसी कहानी और ऐसे किरदार को करना शानदार रहा।
200- हल्ला हो बतौर करियर मेरे लिए बहुत अहम है
ये फिल्म कई महत्वपूर्ण विषयों से जुड़ी है। ऐसी बातें सिर्फ सुनी जाती है, लेकिन हमें ऐसी बातों को पब्लिक फॉर्म पर लाना होगा। ताकि सब जानें और इन विषयों के बारे में बात करें और आगे आएं। ये फिल्म मेरे लिए काफी महत्वपूर्ण है। मैं बहुत खुश हूं कि मैंने ऐसे स्ट्रॉन्ग विषय वाली फिल्म को किया। मैंने इस फिल्म को सुनते ही हां कह दिया। मैं चाहता हूं कि मैं ऐसा काम करूं जहां इतनी दमदार कहानी और विषय की बात की जाए।
सेट पर अमोल पालेकर की खूब कहानियां सुनने को मिलती
दिग्गज अभिनेता अमोल पालेकर के साथ काम करने के अनुभव पर बरुण सोबती ने कहा, 'मैं सही बताऊं तो, मेरे अमोल पालेकर जी के साथ ज्यादा सीन नहीं है और इसीलिए उनसे ज्यादा आमना सामना नहीं हुआ है। लेकिन जितना मैं उनसे मिला वह बहुत ही नाइस पर्सन हैं। साथ ही जितनी उनके बारे में कहानियां सेट पर सुनी, वो भी बहुत रुचिकर थीं।'
जातिवाद जैसे सामाजिक विषयों पर फिल्में
जातिवाद जैसे सामाजिक विषयों पर कम ही फिल्में इंडस्ट्री में देखने को मिलती है, इसका क्या कारण है? इस प्रश्न का उत्तर देते हुए बरुण कहते हैं, ये नहीं कहा जा सकता है कि फिल्मों का काम सिर्फ एंटरटेन करने का होता है। फिल्में सिर्फ एंटरटेमेंट टॉपिक पर बनती है ऐसा भी नहीं है। ये बहुत फाइन लाइन है कि काम कैसे हो रहा है। इस तरह के सामाजिक विषयों को भी उठाया जाता है। लेकिन परेशानी ये है कि एंटरटेनिंग फिल्में नहीं बनाएंगे तो ये होगा कि डॉक्यूमेंट्री बना लो। मैंने देखा है एग्जीक्यूशन (क्रियान्वयन) में दिक्कत रही है। आशा करता हूं आगे ऐसे सोशल विषयों पर फिल्में बनाएंगे। हमने 200 हल्ला हो के जरिए रेप, महिलाओं, दलित जैसे कई सेंसेटिव विषयों को उठाया है। एक चीज होती है तो हमारे देश में वही हवा चलती है। ऐसे में उम्मीद करते हैं कि ऐसे विषयों पर लगातार अच्छी फिल्में बनती रही। मैं तो मानता हूं कि हमारे देश में कई विषय हैं, जिनपर मेकर्स को फिल्में बनानी चाहिए।
सोशल इशु पर फिल्में इसीलिए कम बनती हैं क्योंकि वो लोगों को बोर लगती है। देश के बारे में वो बातें बार बार बताई जाएं, या अच्छे से बात को न समझाया जाए तो क्यों लोग सुनेंगे? सार्थक दासगुप्ता (200 हल्ला हो के निर्देशक) ने इस महत्वपूर्ण विषय को फिल्म के जरिए उठाया है। सब जानते हैं कि हमारा देश रेप केपिटल बन चुका है। लेकिन कैसे इन सेंसटिव विषयों को दिखाया जाए, ये मायने रखता है।
टीवी या ओटीटी अलग अलग प्लेटफॉर्म पर काम करना
अलग अलग प्लेटफॉर्म के लिए काम करना कितना चैलेजिंग होता है? इसे लेकर अभिनेता ने कहा, हर जगह सेम ही है। बस फर्क ये होता है कि दिन दिन की बात होती है। किसी दिन ज्यादा काम आ जाता है तो चुनौतिपूर्ण लगता है और किसी दिन सामान्य महसूस होता है।
टर्निंग प्वाइंट
किस प्रोजेक्ट को अभिनेता बतौर करियर टर्निंग प्वाइंट मानते हैं, इस पर बरुण सोबती ने कहा, सब कुछ ही इंपोर्टेंट है। मैं ऐसे अपने किसी काम की बेईज्जती नहीं कर सकता। मैं विश्वास करता हूं कि कुछ बुरा व अच्छा सबके साथ होता है लेकिन हम इन अनुभवों से सीखते क्या हैं। मैं मानता हूं कि अगर कुछ बुरा हुआ है तो वो हमारी ही देन है। हां, टर्निंग प्वाइंट वही है जिसकी वजह से मैंने खुद को बदला।