शकुन्तला देवी कहानी
शकुंतला देवी एक बॉलीवुड बॉलीवुड बायोग्राफिकल फिल्म है, जो गणितीय प्रतिभा (मानव कंप्यूटर) शकुंतला देवी के जीवन पर आधारित है। फिल्म का निर्देशन अनु मेनन ने किया हैं, जिसमें विद्या बालन शकुंतला देवी का किरदार निभाया हैं।
इस फिल्म में सान्या मल्होत्रा, शकुंतला देवी की बेटी के रोल में नज़रआयीं है।
कहानी
साल 1934 से 2000 तक के सफर में शकुंतला देवी का बचपन, जवानी, वृद्धा अवस्था तक शामिल किया गया है। उनके सफर की शुरुआत महज पांच साल में ही हो गई थी, जब वो गणित के बड़े से बड़े सवाल भी मुंह जुबानी हल कर दिया करती थीं। वह स्कूल जाना चाहती थीं, लेकिन बेरोजगार पिता शकुंतला की प्रतिभा के शोज कराने लगे। परिवार को पैसा मिलने लगा और शकुंतला देवी को पूरे शहर में ख्याति.. फिर देश में और फिर देखते ही देखते विश्व भर में। शकुंतला देवी के निर्भीक स्वभाव और आजाद ख्याल ने उन्हें परिवार से दूर कर दिया। खासकर मां के प्रति एक गुस्सा था क्योंकि उन्होंने पिता के गलत तौर तरीकों को सहते जिंदगी गुजार दी। इधर अंकों के साथ शकुंतला देवी का रिश्ता हर दिन गहराता चला गया। कंप्यूटर से भी तेज गणित के सवालों को हल करने वाली इंसान के तौर पर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में उनका नाम अंकित हुआ। जिसके बाद दुनिया उन्हें 'ह्यूमन कंप्यूटर' के नाम से जानने लगी। लेकिन जितनी आसानी से वो गणित के सवाल हल कर लेती थीं, उनकी व्यक्तिगत जीवन उतनी ही जटिल रही। उन्हें 'नॉर्मल' रहना समझ नहीं आया। उनका मानना था कि इंसान और पंड़ों में यही फर्क है कि इंसान एक जगह टिक कर नहीं रह सकता, जबकि पेड़ जड़ों से जकड़े होते हैं। इस थ्योरी की वजह से व्यक्तिगत जीवन में अपनी बेटी से वह प्यार, सम्मान ना पाना उन्हें खलता रहा। उनके भीतर लगातार द्वंद चलता रहता है- सिद्धांतों, कर्तव्य और आकांक्षाओं के बीच। जिससे वह किस तरह उबरती हैं, यह फिल्म में दिखाया गया है।
देश भर में फैली महामारी के कारण इस फिल्म के निर्देशक और निर्माताओं ने, इसे ओटीटी प्लेटफार्म पर रिलीज़ करने के निर्देशन दिया है। ये फिल्म अमेज़न प्राइम पर 31 जुलाई को रिलीज़ हुई है।