रांझणा (2013)(U/A)
Release date
21 Jun 2013
genre
रांझणा कहानी
रांझणा वर्ष 2013 में आई भारतीय रोमांटिक ड्रामा है, जिसका निर्देशन आनंद एल रार और लेखन हिमांशु शर्मा ने किया है। फिल्म में दक्षिणी स्टार धनुष और सोनम कपूर मुख्य भूमिका में दिखाई दिए थे, सहायक भूमिका में अभय देओल, स्वरा भास्कर, मोहम्मद जीशान अयूब नजर आये थे।
कहानी
कुंदन जब पहली बार बनारस आता है तो वो जोया को देखता है और उसे उससे प्यार हो जाता है। बचपन का वो प्यार स्कूल में आकर और बढ़ता है और कुंदन आखिर स्कूल में जोया को भी भा जाता है और दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगते हैं। लेकिन उनके बचपन का प्यार जोया के परिवार वालों को खटकता है और वो जोया को अलीगढ़ भेज देते हैं। कुंदन और जोया अलग अलग शहरों में बड़े होते रहे। जोया जहां दिल्ली यूनिवर्सिटी में अपनी पढ़ाई में मशगूल होती गयी वहीं कुंदन जोया के प्यार में और डूबता गया। और उसका इंतजार करता रहा। लेकिन जब जोया वापस बनारस आई तो वो कुंदन को पहचान ही नहीं पाई। उसका बचपन का प्यार उसके जहन से निकल चुका था। जोया कुंदन के बताती है कि वो अपने कॉलेज में पढ़ने वाले अकरम से प्यार करती है। जोया किसी और से प्यार करती है ये जानकर कुंदन बहुत दुखी हो जाता है। फिर हालात कुछ ऐसे बनते हैं कि कुंदन की वजह से ही अकरम की मौत हो जाती है और जोया कुंदन से नफरत करने लगती है। कुंदन जोया की नफरत के बावजूद हमेशा उसका साथ देने की कोशिश करता है। वो उसकी यूनिवर्सिटी में जाता है और जोया के साथ मिलकर उसके सपने को पूरा करने की कोशिश करता है। लेकिन जोया कुंदन से नफरत ही करती है और हर वक्त उसे इग्नोर करती है। जोया कुंदन के निस्वार्थ प्यार को समझ ही नहीं पाती और उससे नफरत करते करते एक ऐसा कदम उठाती है जो कि फिल्म की पूरी कहानी का रुख ही बदल के रख देता है। कुंदन जोया के लिए कुछ भी करने को तैयार होता है और जोया उसीका फायदा उठाती है अपना सपना पूरा करने के लिए। रांझना फिल्म का अंत इतना अलग है कि कोई सोच भी नहीं सकता। जोया आखिर किस तरह से कुंदन का यूज करती है। क्या जोया कुंदन के प्यार को समझ पाती है, क्या जोया को भी कुंदन से प्यार होता है। ये सब जानने के लिए देखें फिल्म रांझणा। रांझणा फिल्म की कहानी बेहतरीन है, फिल्म के गाने खूबसूरत हैं, एक्टिगं तो आउट स्टैंडिगं है लेकिन फिल्म में इंटरवल के बाद यूं लगा कि शायद फिल्म की कहानी को कुछ खींच दिया गया है। फिल्म को थोड़ा छोटा किया जा सकता था।